राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी गई एसआईआर प्रक्रिया की जानकारी — शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने का अभियान शुरू

📅 प्रकाशन तिथि: 29 अक्टूबर 2025
✍️ Written & Edited By : आदिल अज़ीज़ (जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
📧 Email : publicnewsviews1@gmail.com
PUBLIC SAB JANTI HAI
🗳️ विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत शुद्ध मतदाता सूची की तैयारी शुरू
कटनी नगर निगम में बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा जारी विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (Special Intensive Revision - SIR) की जानकारी देने हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में निगमायुक्त तपस्या परिहार की विशेष मौजूदगी रही, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मतदाता सूची शुद्धिकरण की संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया।
राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर राकेश बारी ने उपस्थित प्रतिनिधियों को विस्तृत रूप से बताया कि इस विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मृत, स्थानांतरित, डुप्लीकेट और अपात्र मतदाताओं के नाम हटाकर एक सटीक और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार करना है। साथ ही नए योग्य मतदाताओं को सूची में जोड़ा जाएगा।
🏛️ बैठक में हुई चर्चा — राजनीतिक प्रतिनिधियों को दी गई अहम जानकारी
बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि सौरभ अग्रवाल, दीपक तिवारी और डिप्टी कलेक्टर प्रदीप मिश्रा मौजूद रहे।
बैठक में बताया गया कि स्वतंत्रता के बाद से अब तक भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह 9वां विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में इससे पहले वर्ष 2002-2004 के दौरान ऐसा गहन पुनरीक्षण किया गया था।
📅 SIR कार्यक्रम का समय-निर्धारण
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई समय-सारणी के अनुसार —
-
मुद्रण व प्रशिक्षण कार्य: 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक
-
घर-घर गणना (House-to-House Verification): 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक
-
प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन: 9 दिसंबर 2025
-
दावे एवं आपत्तियाँ दर्ज करने की अवधि: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक
-
सुनवाई एवं प्रमाणीकरण चरण: 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
-
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा।
🏠 बीएलओ घर-घर जाकर देंगे गणना प्रपत्र
मध्यप्रदेश सहित 12 राज्यों में SIR प्रक्रिया की घोषणा के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को अस्थायी रूप से फ्रीज (Freeze) कर दिया है।
इसी आधार पर प्रत्येक मतदाता के लिए ईआरओ (Electoral Registration Officer) और एईआरओ (Assistant ERO) द्वारा विशिष्ट गणना पत्रक (EFS) तैयार किए जा रहे हैं।
बीएलओ (Booth Level Officer) घर-घर जाकर यह गणना प्रपत्र वितरित करेंगे और नागरिकों की मदद करेंगे ताकि उनके नाम और विवरण सही रूप से मतदाता सूची में दर्ज हो सकें।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रक्रिया में मतदाता को कोई भी दस्तावेज़ जमा नहीं करना होगा।
📋 पुराने SIR से मिलान न होने पर अपनाई जाएगी यह प्रक्रिया
अगर किसी मतदाता का नाम या विवरण पिछले SIR (2002-2004) की सूची से मेल नहीं खाता है, तो ईआरओ संबंधित व्यक्ति को नोटिस देकर सूचित करेगा।
सुनवाई के दौरान मतदाता आयोग द्वारा निर्धारित एक दर्जन से अधिक पहचान दस्तावेज़ों में से किसी एक को प्रस्तुत कर अपना नाम जुड़वा सकता है।
इन दस्तावेज़ों में शामिल हैं —
-
जन्म प्रमाण-पत्र
-
पासपोर्ट
-
मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी मैट्रिक प्रमाणपत्र
-
स्थानीय निवास प्रमाण-पत्र
-
वन अधिकार प्रमाण-पत्र
-
जाति प्रमाण-पत्र
-
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर
-
पारिवारिक रजिस्टर
-
भूमि या मकान का आवंटन प्रमाण-पत्र
-
आधार कार्ड
-
सरकार या सार्वजनिक उपक्रम द्वारा जारी पेंशन पहचान पत्र
-
बैंक, डाकघर, एलआईसी या सार्वजनिक संस्थानों द्वारा जारी पहचान पत्र।
🚶♂️ बीएलओ तीन बार जायेंगे हर मतदाता के घर
इस बार का SIR अभियान बेहद व्यापक और पारदर्शी बनाया गया है।
बीएलओ प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार जाएंगे।
अगर पहली या दूसरी बार में मतदाता घर पर नहीं मिलता है, तो तीसरी बार भी जाकर डेटा का मिलान किया जाएगा।
इस प्रक्रिया से सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से छूट न जाए।
🙋 स्वयंसेवक भी होंगे नियुक्त
मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान स्वयंसेवक (Volunteers) भी नियुक्त किए जाएंगे।
इनका कार्य वृद्ध, दिव्यांग, बीमार या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मतदाताओं की सहायता करना होगा।
इससे सुनिश्चित होगा कि सभी नागरिकों को मतदाता सूची में सम्मिलित होने का पूरा अवसर मिले और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी या उत्पीड़न न हो।
🏫 मतदान केंद्रों का होगा युक्तिकरण (Rationalization)
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, किसी भी मतदान केंद्र में 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।
इसके लिए नए मतदान केंद्र ऊँची इमारतों, रेज़िडेंट वेलफेयर कॉलोनियों तथा झुग्गी-बस्तियों में स्थापित किए जाएंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी इन नए मतदान केंद्रों की स्थापना से पहले राजनीतिक दलों से परामर्श करेंगे।
साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि एक ही परिवार के सभी सदस्य एक ही मतदान केंद्र पर शामिल हों।
⚖️ मतदाता सूची से संबंधित अपील की प्रक्रिया
बैठक में यह भी बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति ईआरओ के निर्णय से असंतुष्ट है, तो वह जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) के पास अपील कर सकता है।
यदि जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्णय से भी संतोष न हो, तो व्यक्ति राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है।
यह प्रक्रिया मतदाताओं को पारदर्शी और निष्पक्ष सुनवाई का अवसर प्रदान करती है।
सटीक मतदाता सूची, मजबूत लोकतंत्र
कटनी जिले में आयोजित इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक दलों को SIR प्रक्रिया की पूरी जानकारी देना था ताकि वे अपने स्तर पर भी जनता को जागरूक कर सकें।
यह कदम भारत निर्वाचन आयोग की पारदर्शी और सहभागी लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सटीक मतदाता सूची न केवल चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करती है, बल्कि यह हर नागरिक के मताधिकार की रक्षा का प्रतीक भी है।
राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे इस अभियान को सफल बनाएं।
✍️ Written & Edited By : आदिल अज़ीज़ (जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
📧 Email : publicnewsviews1@gmail.com
PUBLIC SAB JANTI HAI
#कटनी #मतदाता_सूची #SIR2025 #भारतनिर्वाचनआयोग #MadhyaPradeshNews #ElectionCommission #VoterListRevision #TapasyaParihar #AdilAziz #PublicSabJantiHai

कोई टिप्पणी नहीं