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शासकीय प्राथमिक शाला ककरेहटा के शिक्षक पर गंभीर आरोप: तीन दिनों में देना होगा जवाब



कटनी, 6 दिसंबर
विकासखंड बहोरीबंद स्थित शासकीय प्राथमिक शाला ककरेहटा के प्राथमिक शिक्षक योगेश पांडे पर विद्यालय परिसर में अनुचित आचरण करने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीपाल सिंह ने उक्त शिक्षक को नोटिस जारी किया है। वायरल वीडियो में शिक्षक योगेश पांडे को विद्यालय परिसर में कार के अंदर शराब का सेवन करते हुए और छात्रों से शराब की बोतल बाहर फिंकवाते हुए देखा गया है।

घटना का विवरण

सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग हरकत में आ गया। घटना ने शिक्षक पद की गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने इसे मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन मानते हुए इस मामले को अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा है।

नोटिस का विवरण

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस कृत्य ने न केवल शिक्षक पद की मर्यादा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि यह मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 का भी उल्लंघन है।
नोटिस में शिक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि वे तीन दिवस के भीतर प्रस्तुत होकर मामले का स्पष्ट और संतोषजनक जवाब दें। यदि समय सीमा के भीतर जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया या जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षक पद की गरिमा पर प्रश्नचिन्ह

शिक्षक समाज के नैतिक और अनुकरणीय चरित्र के प्रतीक होते हैं। ऐसे में यह घटना शिक्षा जगत के लिए बेहद शर्मनाक है। विद्यालय एक पवित्र स्थान है जहां छात्रों को न केवल शिक्षा बल्कि नैतिकता का भी पाठ पढ़ाया जाता है। शिक्षक का ऐसा आचरण छात्रों के मानसिक विकास और अनुशासन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

मामले की गंभीरता

यह घटना सिर्फ शिक्षक की व्यक्तिगत गलती नहीं मानी जा सकती, बल्कि यह समाज और शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है।

  1. शिक्षक का अनुचित आचरण: शराब का सेवन करते हुए वीडियो का वायरल होना न केवल शिक्षक की लापरवाही को दर्शाता है बल्कि उनके चरित्र पर भी सवाल खड़े करता है।
  2. छात्रों पर नकारात्मक प्रभाव: छात्रों के सामने ऐसा व्यवहार उनके मानसिक स्वास्थ्य और नैतिक मूल्यों पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
  3. शिक्षा विभाग की सख्ती: इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग का सख्त रवैया सराहनीय है। इससे यह स्पष्ट होता है कि ऐसे मामलों में विभाग कोई नरमी नहीं बरतेगा।

समाज की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर काफी गुस्सा और निराशा देखने को मिल रही है। लोगों ने इसे शिक्षक समुदाय और शिक्षा प्रणाली के लिए शर्मनाक बताया है। अधिकांश लोग इस घटना पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग की भूमिका

शिक्षा विभाग ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि इस तरह की घटनाओं से शिक्षा विभाग की छवि प्रभावित न हो।

शिक्षकों के लिए सख्त संदेश

यह घटना अन्य शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि शिक्षक पद केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है।

  1. शिक्षक अपने आचरण से समाज में आदर्श स्थापित करते हैं।
  2. उनके व्यवहार का सीधा प्रभाव छात्रों और समाज पर पड़ता है।
  3. अनुशासन और नैतिकता का पालन हर शिक्षक के लिए अनिवार्य है।

कटनी जिले की यह घटना शिक्षा प्रणाली में सुधार और अनुशासन लागू करने की आवश्यकता पर जोर देती है। शिक्षक योगेश पांडे के इस कृत्य ने समाज में शिक्षा जगत की गरिमा पर गहरा प्रभाव डाला है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जा रही कार्रवाई भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का एक प्रयास है।

आगे की कार्रवाई की उम्मीद

अब सभी की नजरें इस पर हैं कि शिक्षक योगेश पांडे तीन दिनों के भीतर क्या जवाब देते हैं और शिक्षा विभाग उनके खिलाफ क्या निर्णय लेता है। यह मामला शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन और नैतिकता बनाए रखने के लिए एक मिसाल बन सकता है।


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