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सचिव, ग्राम पंचायत खड़ौला, शुभराज सोनी निलंबित: भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम



कटनी (1 December)

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू करते हुए जिला पंचायत सीईओ शिशिर गेमावत ने ग्राम पंचायत खड़ौला के सचिव शुभराज सोनी को निलंबित किया। यह कदम सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और प्रतिवेदन के आधार पर उठाया गया है, जिसमें शुभराज सोनी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर

सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हुई, जिसमें ग्राम पंचायत खड़ौला के सचिव शुभराज सोनी को लोकायुक्त जबलपुर की टीम द्वारा रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। यह रिश्वत ₹10,000 की थी, जो प्रॉपर्टी लोन के लिए एनओसी प्रदान करने के बदले मांगी गई थी। इस घटना ने क्षेत्र में हलचल मचा दी और जिला पंचायत अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर किया।

जिला पंचायत सीईओ का सख्त रुख

जिला पंचायत सीईओ शिशिर गेमावत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से शुभराज सोनी के खिलाफ कार्रवाई की। उनके अनुसार, राज्य शासन की "जीरो टॉलरेंस" नीति के तहत भ्रष्टाचार के मामलों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शिशिर गेमावत ने यह सुनिश्चित किया कि सभी सरकारी सेवकों को यह संदेश पहुंचे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। यह कदम प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

निलंबन की कार्रवाई

ग्राम पंचायत खड़ौला के सचिव शुभराज सोनी के खिलाफ मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई।

  • कारण: सरकारी कार्यों में लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और कदाचरण।

  • निलंबन अवधि: शुभराज सोनी को निलंबन के दौरान जनपद पंचायत कटनी मुख्यालय पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।

  • वेतन: नियमानुसार, निलंबन अवधि के दौरान शुभराज सोनी को जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।

भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई का संकल्प

इस घटना के बाद जिला पंचायत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। सीईओ शिशिर गेमावत ने पहले ही स्पष्ट किया था कि सभी विभागों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

लोकायुक्त की सक्रियता

इस मामले में लोकायुक्त जबलपुर की टीम की भूमिका बेहद सराहनीय रही। उनकी त्वरित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा जाए और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश दिया जाए।

जनता का विश्वास बढ़ा

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। जनता का मानना है कि ऐसे कदमों से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा और विकास कार्यों में तेजी आएगी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सख्त कदम न केवल प्रशासनिक प्रणाली को सुदृढ़ बनाएगा, बल्कि जनता के बीच भरोसा भी मजबूत करेगा। यह घटना दर्शाती है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

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