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किसान न्याय यात्रा: सोयाबीन, गेहूं और धान की उचित कीमतों की मांग को लेकर कटनी में युवा कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन



written & edited by : ADIL AZIZ 

कटनी (सितंबर) – प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर कटनी जिले में आयोजित किसान न्याय यात्रा में बड़ी संख्या में किसान और युवा कांग्रेस कार्यकर्ता जुटे। इस यात्रा का उद्देश्य किसानों की फसलों के उचित दाम सुनिश्चित करना और सरकार से अपनी मांगों को मजबूती से रखना था। किसान न्याय यात्रा का नेतृत्व जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंशू मिश्रा ने किया। उनके साथ सैकड़ों किसान ट्रैक्टरों में अपनी फसलें लेकर इस यात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे जिले में आंदोलन की गूंज सुनाई दी।

किसानों की मुख्य मांगे: सोयाबीन, गेहूं और धान की उचित कीमतें

इस किसान न्याय यात्रा का मुख्य मुद्दा सोयाबीन, गेहूं, और धान की फसलों के लिए उचित मूल्य निर्धारण है। किसानों की मांग है कि उन्हें सोयाबीन के लिए 6000 रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं के लिए 3100 रुपये प्रति क्विंटल, और धान के लिए 2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाए। वर्तमान समय में बाजार में इन फसलों के मूल्य लगातार गिरते जा रहे हैं, जिससे किसान अपने उत्पादन का सही मुआवजा नहीं पा रहे हैं।

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मांगों की अनदेखी पर सरकार को घेरने का प्रयास

युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंशू मिश्रा ने इस अवसर पर सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिलेगा, तो वे आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाएंगे। मिश्रा ने यह भी कहा कि सरकार को किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए, जो केवल नारेबाजी तक सीमित रह गए हैं।


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किसानों की समस्याएं: उत्पादन लागत और कम दाम की चुनौती

देशभर में किसान अपनी फसलों की उचित कीमत न मिलने से परेशान हैं। उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है, लेकिन फसलों के बाजार मूल्य में गिरावट हो रही है। खाद, बीज, बिजली और डीजल की कीमतें बढ़ने से किसानों की लागत भी बढ़ रही है। इसके बावजूद, फसलों के दाम स्थिर नहीं हैं, जिससे किसानों को बड़ा घाटा हो रहा है।

कटनी जिले के किसान किसान न्याय यात्रा के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्हें उनकी मेहनत का सही दाम नहीं मिलेगा, तो वे सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।


किसानों की न्याय यात्रा: एक मजबूत कदम

जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अंशू मिश्रा ने इस आंदोलन की अगुवाई की और कहा कि किसान न्याय यात्रा के जरिए किसानों की आवाज़ को बुलंद किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

इस आंदोलन में शामिल किसानों ने सरकार से मांग की कि वह जल्द से जल्द उनकी फसलों के लिए उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करे और उन्हें उनकी फसलों का सही दाम दिलाए। किसान न्याय यात्रा के दौरान किसानों ने अपनी फसलों को हाथ में लेकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

सोयाबीन, गेहूं और धान की कीमतों का मुद्दा

किसान न्याय यात्रा का सबसे बड़ा मुद्दा सोयाबीन, गेहूं, और धान की कीमतें हैं।

  1. सोयाबीन: इस वर्ष सोयाबीन की फसल का उत्पादन बहुत अच्छा रहा है, लेकिन किसानों को बाजार में उचित मूल्य नहीं मिल रहा। सोयाबीन की कीमत 4000-4500 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई है, जबकि किसानों की मांग है कि उन्हें 6000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाए।

  2. गेहूं: गेहूं की फसल भी इस वर्ष अच्छी रही है, लेकिन इसके बाजार मूल्य में कमी आई है। किसानों की मांग है कि उन्हें 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाए, ताकि वे अपनी लागत निकाल सकें और मुनाफा कमा सकें।

  3. धान: धान की कीमत भी इस वर्ष काफी कम रही है। किसानों का कहना है कि उन्हें 2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का मूल्य मिलना चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से स्थिर हो सकें।

कांग्रेस का समर्थन और नेतृत्व

कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। जीतू पटवारी के नेतृत्व में, कांग्रेस पार्टी ने इस किसान न्याय यात्रा को समर्थन दिया है। पटवारी ने पहले भी किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा है और उनके पक्ष में खड़े हुए हैं।

कांग्रेस का मानना है कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम मिलना चाहिए और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए। अंशू मिश्रा के नेतृत्व में यह आंदोलन आगे बढ़ा और कांग्रेस ने इसे किसानों के हित में एक बड़ा कदम बताया है।

आंदोलन का भविष्य

किसान न्याय यात्रा के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि किसान अब अपने हक के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं। अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है। किसानों ने यह भी कहा है कि वे तब तक संघर्ष करेंगे, जब तक उन्हें उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिलता।

यह आंदोलन न केवल कटनी जिले में, बल्कि पूरे प्रदेश में किसानों के बीच एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। अगर सरकार ने समय रहते किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया, तो यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर भी फैल सकता है।

किसान न्याय यात्रा के माध्यम से कटनी जिले के किसानों ने अपने हक की लड़ाई शुरू कर दी है। उनकी मुख्य मांगें सोयाबीन, गेहूं और धान की उचित कीमतें हैं, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंशू मिश्रा के नेतृत्व में इस आंदोलन ने सरकार पर दबाव बनाया है कि वह किसानों की मांगों को गंभीरता से ले। अगर सरकार ने समय रहते उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।

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