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सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और मोटरयान अधिनियम के तहत कटनी में अशासकीय स्कूलों की बसों का संचालन

 


written and edited by : Adil Aziz अगस्त 13, 2024

कटनी, 13 अगस्त - छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, कटनी जिले के अशासकीय स्कूलों में संलग्न बसों का संचालन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और मोटरयान अधिनियमों के तहत किया जाएगा। जिला कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जिले के कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों में संचालित वाहनों के लिए यह महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बसें और अन्य वाहन छात्रों की सुरक्षा के लिए आवश्यक मानकों का पालन करें।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन: सुरक्षा के मानक

सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की सुरक्षा के लिए बसों और अन्य वाहनों के संचालन हेतु विशेष गाइडलाइन जारी की है। इन गाइडलाइनों के अनुसार, सभी बसों में फर्स्ट एड किट, फायर सेफ्टी उपकरण, सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस सिस्टम, और स्पीड गवर्नर का होना अनिवार्य है। इसके अलावा, हर बस में पैनिक बटन होना चाहिए, ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त की जा सके।

इन निर्देशों के पालन से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि स्कूल बसों में छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। यह गाइडलाइन न केवल छात्रों के सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित करती है बल्कि स्कूलों को भी यह जिम्मेदारी देती है कि वे किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।

मोटरयान अधिनियमों का अनुपालन: कानून के दायरे में सुरक्षा

मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटर यान नियम 1989 और मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के तहत, स्कूल बसों के लिए कई नियम निर्धारित किए गए हैं। इनमें से प्रमुख नियम यह है कि सभी बसों के पास आरटीओ द्वारा प्रमाणित दस्तावेज और वाहन चालक का जीवित ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इसके अलावा, बसों में बैठने की व्यवस्था निर्धारित सीट क्षमता के अनुसार होनी चाहिए और ओवरलोडिंग की स्थिति में संबंधित स्कूल प्रशासन को उत्तरदायी ठहराया जाएगा।

जिला शिक्षा अधिकारी पी.पी.सिंह ने स्पष्ट किया है कि जिले के सभी अशासकीय विद्यालयों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि सभी बसें और अन्य वाहन पूरी तरह से फिट और मानकों के अनुसार संचालित हों।

आटो और ई-रिक्शा से परिवहन पर प्रतिबंध

स्कूलों में छात्रों के परिवहन के लिए आटो और ई-रिक्शा के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि आटो और ई-रिक्शा में सुरक्षा मानकों का पालन कठिन होता है। इसके अलावा, इन वाहनों की संरचना भी सुरक्षित परिवहन के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है।

इस प्रतिबंध के तहत, स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों के परिवहन के लिए केवल उन वाहनों का ही उपयोग करें, जो सभी मानकों का पालन करते हैं और आरटीओ से प्रमाणित हैं।

जिला प्रशासन की जिम्मेदारी और स्कूलों का उत्तरदायित्व

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी भी स्कूल बस में दुर्घटना होती है या ओवरलोडिंग की शिकायत मिलती है, तो इसका पूर्ण उत्तरदायित्व संबंधित स्कूल प्रशासन का होगा। जिला शिक्षा अधिकारी और डीपीसी ने सभी अशासकीय स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं और सभी नियमों का पालन करें।

यह निर्देश जिले के सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य हैं और इसका उल्लंघन करने पर संबंधित स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि स्कूलों में संचालित सभी वाहनों की नियमित जांच की जाएगी और किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।

छात्रों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता

इस नए आदेश के तहत, कटनी जिले के सभी अशासकीय स्कूलों के संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा संचालित सभी बसें और वाहन छात्रों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और मोटरयान अधिनियमों का पालन करके, स्कूल प्रशासन यह सुनिश्चित कर सकता है कि छात्रों का परिवहन सुरक्षित और बिना किसी जोखिम के हो।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छात्र स्कूल आते-जाते समय किसी भी प्रकार की दुर्घटना का शिकार न हो। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी बसें और वाहन पूरी तरह से फिट और चालू स्थिति में हों, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

आगे की दिशा

जिले में छात्रों की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कदम महत्वपूर्ण हैं। जिला शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह आदेश जिले के सभी स्कूलों के लिए एक सख्त चेतावनी है कि वे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और मोटरयान अधिनियमों का सख्ती से पालन करें। छात्रों की सुरक्षा के प्रति यह प्रतिबद्धता जिले में एक सुरक्षित और संरक्षित शिक्षा वातावरण तैयार करने में मदद करेगी।




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