कटनी की ऐतिहासिक शैल चित्रों वाली चट्टान संरक्षित रहेगी: एसडीएम ने किया स्थल का निरीक्षण
writte and edited by : Adil Aziz अगस्त 08, 2024
कटनी, - जिला मुख्यालय कटनी के विटनरी कार्यालय के बगल में स्थित प्राचीन शैल चित्रों वाली चट्टान, जिसे कुछ समय पहले खतरनाक मानकर तोड़े जाने की चर्चा हुई थी, अब संरक्षित रहेगी। एसडीएम प्रदीप मिश्रा ने इंटैक कटनी चैप्टर के पदाधिकारियों के साथ इस स्थल का निरीक्षण किया और चट्टान को संरक्षित रखने के महत्व को स्वीकार किया। इसके साथ ही उन्होंने इसके और बेहतर रखरखाव के लिए आवश्यक कदम उठाने पर विचार-विमर्श किया।
इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर
कटनी जिले के विटनरी कार्यालय के बगल में स्थित यह शैलाश्रय प्राचीन सभ्यता की अनमोल धरोहर है। इस चट्टान पर आदिमानव द्वारा उकेरे गए चित्र आज भी जीवंत हैं और इन चित्रों के माध्यम से उस समय की जीवनशैली, संस्कृति और सामाजिक ढांचे का ज्ञान प्राप्त होता है। हजारों साल पुराने इन चित्रों को संरक्षित रखना इतिहास के प्रति हमारी जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस धरोहर से अवगत हो सकें।
एसडीएम का निरीक्षण और निर्णय
पिछले कुछ दिनों से इस चट्टान को खतरनाक मानकर इसे तोड़े जाने की चर्चा हो रही थी। लेकिन इंटैक कटनी चैप्टर के पदाधिकारियों ने इस बात की जानकारी एसडीएम प्रदीप मिश्रा को दी, जिसके बाद उन्होंने 7 अगस्त को स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने चट्टान की वास्तविक स्थिति को समझा और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इसे संरक्षित रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इस स्थल की सुरक्षा और रखरखाव को और बेहतर बनाने के लिए इंटैक के पदाधिकारियों से आवश्यक सलाह-मशविरा किया।
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इंटैक कटनी चैप्टर की भूमिका
इंटैक कटनी चैप्टर ने इस चट्टान के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले वर्ष इंटैक के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर अमित साहू के सहयोग से इस चट्टान के चारों ओर जालीदार फेंसिंग कराई गई थी, जिससे इसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इंटैक का प्रयास है कि इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखा जाए और इसे और भी व्यवस्थित तरीके से सुरक्षित किया जाए, ताकि यह स्थल कटनी के सांस्कृतिक धरोहर के रूप में लंबे समय तक जीवित रह सके।
चट्टान की सांस्कृतिक और शैक्षिक महत्वता
यह शैलाश्रय न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यह शैक्षिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहाँ के चित्र उस समय की सभ्यता और संस्कृति के बारे में ज्ञान प्रदान करते हैं। इस प्रकार के स्थल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन का महत्वपूर्ण केंद्र बन सकते हैं। इसके संरक्षण से न केवल इतिहास की धरोहर सुरक्षित रहेगी, बल्कि यह स्थान पर्यटन के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
भविष्य के लिए योजनाएँ और संरक्षण के उपाय
एसडीएम प्रदीप मिश्रा ने निरीक्षण के दौरान इस चट्टान के संरक्षण और सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय सुझाए। इंटैक के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद, इस स्थल को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कुछ नई योजनाएँ बनाई गईं। इनमें इस चट्टान के चारों ओर और भी मजबूत फेंसिंग, नियमित देखरेख और सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों की स्थापना शामिल हो सकती है।
जनता और प्रशासन का सहयोग आवश्यक
इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए न केवल प्रशासन, बल्कि आम जनता का सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है। यदि स्थानीय लोग इस स्थल की महत्ता को समझें और इसके संरक्षण में सहयोग करें, तो इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। प्रशासन भी इस दिशा में जागरूकता अभियान चला सकता है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस स्थल के महत्व को समझें और इसे संरक्षित रखने में योगदान दें।
पर्यटन के दृष्टिकोण से संभावनाएँ
यदि इस शैलाश्रय का सही ढंग से संरक्षण और प्रचार-प्रसार किया जाए, तो यह स्थल कटनी जिले के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन सकता है। प्राचीन शैल चित्रों में रुचि रखने वाले पर्यटक यहाँ आकर इस धरोहर का अवलोकन कर सकते हैं। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इस ऐतिहासिक स्थल की महत्ता भी बढ़ेगी।
निष्कर्ष
कटनी की विटनरी कार्यालय के बगल वाली यह शैल चित्रों से युक्त चट्टान हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा है। इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। एसडीएम प्रदीप मिश्रा के निरीक्षण और इंटैक कटनी चैप्टर के प्रयासों से इस चट्टान को संरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस स्थल का संरक्षण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखेगा, बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संजोएगा। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी इस धरोहर के संरक्षण में अपना योगदान दें, ताकि यह ऐतिहासिक स्थल हमेशा जीवित रहे और हमारी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखे।
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