ज़िले के लिए नीम कोटेड यूरिया खाद की रैक आई: किसानों को मिलेगी ज़रूरत के मुताबिक पर्याप्त खाद
कटनी, 8 अगस्त - कटनी ज़िले में खरीफ फसलों के लिए नीम कोटेड यूरिया की भारी मांग को देखते हुए किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है। ज़िले के लिए 371 मीट्रिक टन यूरिया की एक और रैक पहुंच गई है, जिससे उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। इस नई रैक के आने से ज़िले के किसान अब बेफिक्र होकर अपनी खेतीबाड़ी कर सकेंगे।
written and edited by : Adil Aziz अगस्त 08, 2024
झुकेही रैक पाइंट से हो रहा है यूरिया का परिवहन
झुकेही रैक पाइंट पर गुरुवार को नीम कोटेड यूरिया की रैक लगाई गई, जहां से अब यूरिया का परिवहन ज़िले में विभिन्न केंद्रों पर किया जा रहा है। कृषि विभाग के उपसंचालक मनीष मिश्रा ने बताया कि इस रैक में आए 371 मीट्रिक टन यूरिया में से कटनी, बहोरीबंद और अन्य केंद्रों पर इसे उपलब्ध कराया जाएगा।
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यूरिया वितरण: किस केंद्र पर कितनी मात्रा?
कटनी जिले में आए इस 371 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण इस प्रकार किया जा रहा है:
- कटनी डबललाक केंद्र: 100 मीट्रिक टन
- बहोरीबंद डबललाक केंद्र: 221 मीट्रिक टन
- सीएमएस मार्केटिंग सोसायटी कृषि उपज मंडी कटनी: 25 मीट्रिक टन
- एमपी एग्रो: 25 मीट्रिक टन
इस वितरण से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसानों को उनकी ज़रूरत के मुताबिक उर्वरक समय पर उपलब्ध हो सके।
पहले से मौजूद उर्वरक की स्थिति
कृषि विभाग के अनुसार, जिले में पहले से ही उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता थी। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कटनी ज़िले में निम्नलिखित उर्वरक पहले से ही उपलब्ध थे:
- 6027 मीट्रिक टन यूरिया
- 1062 मीट्रिक टन डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट)
- 1874 मीट्रिक टन एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश)
- 4399 मीट्रिक टन एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट)
किसानों को मिलेगी राहत
इस नई रैक के आने से किसानों को खाद की किल्लत से निजात मिलेगी। खरीफ की फसलों के लिए यूरिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और ज़िले में यूरिया की इस उपलब्धता से किसानों को खेती में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
खाद बिक्री केंद्रों पर दर सूची बोर्ड लगाने के निर्देश
ज़िले के कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने सभी खाद बिक्री केंद्रों के बाहर सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। इन बोर्डों में प्रत्येक उर्वरक की उपलब्ध मात्रा और उनकी दर स्पष्ट रूप से लिखी जाएगी, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस पहल से किसानों को खाद की खरीदारी में पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।
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If you want to buy any product, click linkशिकायतों के लिए कंट्रोल रूम
किसानों की समस्याओं को त्वरित समाधान देने के लिए कलेक्टर कार्यालय में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। यदि किसी किसान को खाद या बीज से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो वह कलेक्ट्रेट कार्यालय के कंट्रोल रूम के टेलीफोन नंबर 07622-220071 पर संपर्क कर सकता है। इस कंट्रोल रूम से किसानों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
किसान हो रहे हैं आत्मनिर्भर
कटनी जिले में उर्वरकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता से किसानों को अपने खेतीबाड़ी के कार्यों में मदद मिलेगी। यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार की योजनाओं और ज़िला प्रशासन की सक्रियता से किसान अब खेती में बेहतर उत्पादन कर सकेंगे, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
नीम कोटेड यूरिया के लाभ
नीम कोटेड यूरिया का इस्तेमाल करने से किसानों को कई फायदे होते हैं:
- उर्वरक की धीमी गति से रिलीज: नीम कोटेड यूरिया धीरे-धीरे रिलीज होता है, जिससे फसलों को लंबे समय तक पोषक तत्व मिलते हैं।
- नाइट्रोजन का कम नुकसान: यह नाइट्रोजन की कमी को रोकता है, जिससे मिट्टी में उर्वरक की मात्रा अधिक समय तक बनी रहती है।
- पर्यावरण संरक्षण: नीम कोटेड यूरिया पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है, क्योंकि इससे मिट्टी और जल में प्रदूषण का खतरा कम हो जाता है।
किसानों के लिए सरकार का समर्थन
सरकार और जिला प्रशासन किसानों के हित में लगातार प्रयासरत हैं। यूरिया और अन्य उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने से लेकर किसानों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करने तक, हर कदम पर किसानों को समर्थन दिया जा रहा है। यह प्रयास किसानों की उन्नति और देश की कृषि को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
कटनी जिले में यूरिया की रैक आने से किसानों को अब उर्वरक की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिला प्रशासन के इन प्रयासों से किसानों को समय पर खाद मिल सकेगी, जिससे उनकी फसलें बेहतर होंगी और उत्पादन में वृद्धि होगी। इस पहल से किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
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