प्रदेश में 6.53 लाख से अधिक महिलाओं को निःशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस ,महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम जिला प्रोत्साहन योजना में 14 जिलों को 79 करोड़ की मंजूरी
written & edited by : Adil Aziz
कटनी, 5 अगस्त: प्रदेश में महिलाओं को आत्मसम्मान और रोजगार के साधन दिलाने के उद्देश्य से परिवहन विभाग द्वारा निःशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 6 लाख 53 हजार से अधिक महिलाओं को निःशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए हैं। इस योजना ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके रोजगार के अवसर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
लर्निंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया
परिवहन विभाग द्वारा 7 लाख 52 हजार 600 से अधिक लर्निंग लाइसेंस जारी किए गए हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से महिलाएँ सुरक्षित रूप से सार्वजनिक सेवा की बसों में यात्रा कर सकेंगी। इसके लिए बसों में हेल्पलाइन नंबर 1091 अंकित किया गया है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में महिलाएँ तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
महिलाओं को चालक-परिचालक का प्रशिक्षण
महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से परिवहन विभाग ने आठ जिलों में 730 महिलाओं और युवतियों को हल्के मोटर यान (लाइट मोटर व्हीकल) चालन का प्रशिक्षण दिया है। इन जिलों में इंदौर, सागर, ग्वालियर, जबलपुर, झाबुआ, खंडवा, उज्जैन और धार शामिल हैं। प्रशिक्षण के बाद उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और सुरक्षित तरीके से वाहन चला सकें।
सार्वजनिक बसों में पैनिक बटन सुविधा
निर्भया फंड की मदद से प्रदेश में सार्वजनिक वाहनों में पैनिक बटन और लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस प्रणाली स्थापित की जा रही है। अब तक लगभग 46 हजार 500 उपकरण वाहनों में लगाए जा चुके हैं। यह उपकरण महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इनके माध्यम से किसी भी आपात स्थिति में महिलाओं को तुरंत सहायता प्रदान की जा सकती है।
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निर्माण
भोपाल में प्रदेश का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है। इस सेंटर के माध्यम से सभी सार्वजनिक वाहनों की निगरानी की जा रही है। परिवहन विभाग ने फेसलेस सेवाओं के माध्यम से लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और भी सरल और सुरक्षित बना दिया है।
लर्नर लाइसेंस के लिए परिवहन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं
अब महिलाएँ एमपी ऑनलाइन के माध्यम से लर्नर लाइसेंस प्राप्त कर सकती हैं, जिसके लिए उन्हें परिवहन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होती है। यह सुविधा महिलाओं के लिए बहुत ही सहूलियत भरी है, जिससे वे अपने घर से ही लाइसेंस प्राप्त कर सकती हैं।
जिला प्रोत्साहन योजना में 14 जिलों को 79 करोड़ की मंजूरी
राज्य सरकार ने लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के अधीन जिला प्रोत्साहन योजना में 14 जिलों के 124 कार्यों के लिए 78 करोड़ 96 लाख 46 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। इस योजना का उद्देश्य जिले की आधारभूत संरचनाओं को और अधिक बेहतर और सुदृढ़ बनाना है।
योजना के क्रियान्वयन का विवरण
विभाग द्वारा गुना जिले में 14 कार्यों के लिए 89 लाख 81 हजार रुपये, जबलपुर में 31 कार्यों के लिए 8 करोड़ 77 लाख 93 हजार रुपये, दमोह में एक कार्य के लिए 31 लाख 74 हजार रुपये, कटनी में सात कार्यों के लिए 27 लाख 82 हजार रुपये, ग्वालियर में 6 कार्यों के लिए 3 करोड़ 87 लाख 51 हजार रुपये, इंदौर में 4 कार्यों के लिए 19 करोड़ 33 लाख 51 हजार रुपये और छिंदवाड़ा जिले में 22 कार्यों के लिए 1 करोड़ 83 लाख 75 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
योजना के अन्य जिलों में प्रगति
सागर जिले में 4 कार्यों के लिए 13 करोड़ 48 लाख 23 हजार रुपये, भोपाल में 6 कार्यों के लिए 20 करोड़ 19 लाख 44 हजार रुपये, धार में 3 कार्यों के लिए 3 करोड़ 8 लाख 75 हजार रुपये, खरगोन में 17 कार्यों के लिए 5 करोड़ 5 लाख 28 हजार रुपये, सतना में 7 कार्यों के लिए 1 करोड़ 6 लाख 25 हजार रुपये, नर्मदापुरम में एक कार्य के लिए 30 लाख 9 हजार रुपये और आगर-मालवा जिले में एक कार्य के लिए 46 लाख 35 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गई है।
नवीन योजना का महत्व
वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में इस नवीन योजना के तहत विगत वित्त वर्ष में मंजूर किए गए और प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त निर्माण कार्यों में काम प्रारंभ हो चुका है। जिलों से मंजूर निर्माण कार्यों के अद्यतन प्रगति प्रतिवेदन (अपडेट रिपोर्ट) भी भेजे जा रहे हैं।
इस योजना के तहत किए जा रहे कार्य जिले की आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने में सहायक होंगे और नागरिकों के जीवनस्तर में सुधार करेंगे। इससे जिले की विकास प्रक्रिया में तेजी आएगी और नागरिकों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
निष्कर्ष
महिलाओं के लिए निःशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस योजना और जिला प्रोत्साहन योजना दोनों ही प्रदेश की विकास प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है और जिले की आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जा रहा है। यह प्रयास समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं और प्रदेश की प्रगति में सहायक हो रहे हैं।








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