जिले में अब तक 698.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज: गत वर्ष की तुलना में 30.4 मिलीमीटर अधिक वर्षा
written & edited by Adil Aziz
कटनी, 5 अगस्त: जिले में इस वर्ष 1 जून से 5 अगस्त तक कुल 698.9 मिलीमीटर (27.52 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो कि गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 30.4 मिलीमीटर अधिक है। गत वर्ष इस अवधि में कुल 668.5 मिलीमीटर (26.32 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई थी। इस वर्ष की अधिक वर्षा ने किसानों और नागरिकों के लिए उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
कटनी जिले में कल यानी बुधवार को दिन भर बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी गुरुवार को भी दिनभर धूप और बारिश का दौर जारी रहेगा। यह मौसम पूर्वानुमान किसानों और नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे वे अपनी दिनचर्या और कृषि कार्यों की योजना बना सकें। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति के अनुसार सावधानी बरतें और आवश्यक प्रबंध करें।
सोमवार को हुई वर्षा का विवरण
अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सोमवार 5 अगस्त की प्रातः तक विभिन्न तहसीलों में निम्नलिखित वर्षा दर्ज की गई:
- तहसील कटनी: 15.6 मिलीमीटर
- तहसील रीठी: 25.1 मिलीमीटर
- तहसील बड़वारा: 5.0 मिलीमीटर
- तहसील बरही: 5.0 मिलीमीटर
- तहसील विजयराघवगढ़: 6.0 मिलीमीटर
- तहसील बहोरीबंद: 13.1 मिलीमीटर
- तहसील स्लीमनाबाद: 8.2 मिलीमीटर
- तहसील ढीमरखेड़ा: 8.2 मिलीमीटर
इस प्रकार, कुल मिलाकर 10.8 मिलीमीटर (0.43 इंच) वर्षा दर्ज की गई।
तहसीलवार वर्षा का विवरण (1 जून से 5 अगस्त 2024 तक)
जिले में 1 जून से 5 अगस्त 2024 तक विभिन्न तहसीलों में दर्ज की गई वर्षा की स्थिति इस प्रकार है:
- तहसील कटनी: 816.4 मिलीमीटर
- तहसील रीठी: 818.4 मिलीमीटर
- तहसील बड़वारा: 515.0 मिलीमीटर
- तहसील बरही: 520.0 मिलीमीटर
- तहसील विजयराघवगढ़: 476.5 मिलीमीटर
- तहसील बहोरीबंद: 480.7 मिलीमीटर
- तहसील स्लीमनाबाद: 910.4 मिलीमीटर
- तहसील ढीमरखेड़ा: 1050.7 मिलीमीटर
वर्षा का महत्व और इसका प्रभाव
वर्षा का कृषि, जल संसाधन और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस वर्ष अधिक वर्षा से किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद है। विशेषकर खरीफ फसलों के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पर्याप्त जल आपूर्ति से फसल की बढ़वार और उत्पादन में वृद्धि होती है।
जल संसाधनों की भरपाई
अधिक वर्षा से जिले के जल संसाधनों, जैसे नदियाँ, तालाब और जलाशयों में भी जल स्तर में वृद्धि हुई है। इससे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता बनी रहेगी और आने वाले समय में जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
अधिक वर्षा से पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जलवायु संतुलन बना रहता है और वनस्पति की वृद्धि होती है। यह पर्यावरण के लिए एक अच्छा संकेत है, जिससे जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद मिलती है।
नागरिकों की सुरक्षा और राहत कार्य
वर्षा के मौसम में नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पंप और अन्य उपकरण तैयार रखे गए हैं। साथ ही, राहत शिविरों की व्यवस्था भी की गई है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान की जा सके।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे वर्षा के मौसम में सावधानी बरतें और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को सूचित करें ताकि समय पर सहायता पहुंचाई जा सके।
निष्कर्ष
कटनी जिले में इस वर्ष अब तक औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जो कि कृषि, जल संसाधन और पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक संकेत है। तहसीलवार वर्षा के आंकड़े दर्शाते हैं कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हुई है। प्रशासन ने नागरिकों की सुरक्षा और राहत के लिए विशेष प्रबंध किए हैं और नागरिकों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। इस वर्ष की अधिक वर्षा ने जिले के किसानों और नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है, जिससे वे आने वाले समय में अच्छी फसल और पर्याप्त जल संसाधन की आशा कर रहे हैं।








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