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नो फ्लाइंग डे को विवेक तन्खा का समर्थन:बोले- कब तक जनता सहन करेगी, ये पब्लिक मूवमेंट है; देश-विदेश में आंदोलन की चर्चा

साढ़े चार सौ करोड़ रुपए की लागत से जबलपुर डुमना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण तो जरुर हुआ, पर जैसे-जैसे एयरपोर्ट डेवलप हुआ, वैसे-वैसे फ्लाइट भी बंद होने लगी। देश के अलग-अलग शहरों के लिए 12 फ्लाइट चलती थी, पर दो साल के भीतर ये फ्लाइट सिर्फ 5 बची है। बताया जा रहा है कुछ फ्लाइट और बंद होने वाली है। बड़े शहरों से जबलपुर की फ्लाइट कनेक्टिविटी लगातार घटने और फ्लाईट्स बंद होने के विरोध में जबलपुर में बड़ा आंदोलन खड़ा हो रहा है। 6 जून को जबलपुर में नो फ्लाइंग डे मनाया जाएगा, जिसे कि राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी समर्थन दिया है। आंदोलनकारियों ने राज्यसभा सांसद से मुलाकात कर उनसे शामिल होने की मांग की। विवेक तन्खा ने कहा कि निश्चित रूप से ये आंदोलन बहुत पहले हो जाना चाहिए था। क्योकि ये जबलपुर शहर की उपेक्षा है, इसलिए जरूरत पड़ी तो मैं फ्लायर कंपनी के मालिक से भी मुलाकात कर उनसे मांग करूंगा कि बंद फ्लाइट को फिर से शुरू करे। शहर के नागरिकों ने मिलकर वायु सेवा संघर्ष समिति बनाई है। इसके मुताबिक 6 जून को जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से एक भी यात्री हवाई सफर नहीं करेगा और बड़ी संख्या में लोग एयरपोर्ट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वायु सेवा संघर्ष समिति का दावा है कि इस आंदोलन में जबलपुर ही नहीं महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखंड के हवाई यात्री भी बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं। समिति का कहना है कि कुछ समय पहले तक जबलपुर से दिल्ली,मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, कोलकाता जैसे बड़े शहरों के लिए 12 फ्लाईट्स संचालित होती थीं, लेकिन एक एक कर उन्हें बंद कर दिया गया और आज सिर्फ 5 फ्लाईट्स जबलपुर से चल रही हैं। ऐसे में वायु सेवा संघर्ष समिति ने फ्लाईट्स बढ़ाने की मांग को लेकर 6 जून को नो फ्लाई डे मनाने का ऐलान किया है.. इसी विषय पर समिति के सदस्यों ने आज राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा से भी मुलाकात की, विवेक तन्खा ने भी जबलपुर को बहुत की फ्लाईट्स की दरकार बताकर इस आंदोलन को अपना समर्थन दे दिया है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि देर से सही अपनी मांगों के लिए आखिरकार अब जाकर जबलपुर के लोग जागे है। फ्लाइट बंद हो जाने से शहर का विकास धीरे-धीरे रुक रहा है। कोई इनवेस्टर चाहकर भी जबलपुर में इनवेस्टमेंट नहीं करेगा, क्योकिं देश के बडे शहरों से जोड़ने वाली फ्लाइट की धीरे-धीरे कनेक्टविटी बंद हो रहा है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि जबलपुर का नो फ्लाइंग डे की चर्चा आज पूरे देश में चल रही है। उन्होंने कहा कि देर ही सही पर जबलपुर के लोग अब जागे है, पर एक दिन के आंदोलन से कुछ नहीं होगा। संघर्ष के लिए और आगे आने पड़ेगा। विवेक तन्खा ने बताया कि दो साल पहले तक जबलपुर से बेंगलुरु, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, इंदौर और जगदलपुर के लिए हवाई सेवा थी, पर धीरे-धीरे फ्लाइट बंद होना शुरू हो गई। आज जबलपुर से सिर्फ पांच फ्लाइट चल रही है। उसमें में जबलपुर-मुंबई की स्पाईट जेट की सिर्फ सप्ताह में एक फ्लाईट है। जबलपुर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च कर दिए। नई टर्मिनल बिल्डिंग बनाई गई, पर इसका मतलब क्या है, क्योंकि जब फ्लाइट ही नहीं चलेगी तो इस बिल्डिंग का अर्थ क्या है, इस विस्तारीकरण का हम क्या करेंगे। यही वजह है कि जबलपुर के लोगों ने एकजुट होकर फ्लाइट ना चलने को लेकर 6 जून को नो फ्लाइंग डे घोषित किया है, जिसका मैं समर्थन करता हूं।

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