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सीवन नदी: गहरीकरण से 35 % पेयजल स्रोत होंगे रिचार्ज, 10 बांस बेड़ों को बचाने की तैयारी

भास्कर संवाददाता| सीहोर आखिरकार सीवन के गहरीकरण का काम शुरू हो गया। दो पोकलेन मशीनों को नदी में खुदाई के लिए लगाया गया है। यह नदी को समतल करेंगी। साथ ही मिट्टी के टीलों को साफ कर दिया जाएगा। अमृत 2 के तहत सीवन नदी के कायाकल्प पर 4 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। लंबे समय से यह काम अटका हुआ था। नदी के गहरा हो जाने के बाद शहर के करीब 30 से 35 फीसदी पेयजल स्रोत के रिचार्ज होने में भी फायदा मिलेगा। लंबे समय से प्रदूषित और दुर्दशा की शिकार हो रही सीवन नदी का कायाकल्प करने की योजना पर अब काम शुरू हो गया है। इसके लिए अभी दो पोकलेन मशीन लगी हैं जिनमें से एक लक्कड और चद्दर पुल के बीच गहरीकरण का काम कर रही तो दूसरी चद्दर पुल से बकरी पुल के बीच मिट्टी को निकालेगी। मिट्टी का कटाव रोकने ये प्रयास गहरीकरण के अलावा नदी के सौंदर्यीकरण पर भी पूरा फोकस है। यही कारण है कि नदी के बीचोंबीच 10 बांसों के छोटे बेड़े हैं। चारों तरफ मिट्टी का कटाव होता है और फिर ये बांस बरसात में गिरते रहते हैं। इसे देखते हुए नगर पालिका ने इन्हें सुरक्षित करने के लिए भी इस प्लान में इसे शामिल किया है। यहां पर बांसों के इन छोटे बेड़ों के चारों तरफ आरसीसी की बाउंड्रीवॉल उठाई जाएगी जिससे मिट्टी का कटाव ना हो सके और बांस सुरक्षित खड़े रह सकें। ^ काम को तेजी से करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी समतलीकरण और मिट्टी के टीलों को हटाया जा रहा है। नदी के व्यवस्थित हो जाने पर इससे लोगों को जल संकट से भी निजात मिलेगी। प्रिंस राठौर, नगर पालिका अध्यक्ष 1. नदी में गहरीकरण का काम इस तरह से किया जाएगा जिससे नदी के अंदर जो टीले हैं उनकी खुदाई की जाएगी। 2. नदी के दोनों तरफ रिटेलिंग वॉल बनाई जाएगी। इसके लिए दोनों तरफ खुदाई कर इसकी मजबूती के लिए तैयार करेंगे। 3. 1700 मीटर यानि 1.7 किमी लंबा पाथ-वे होगा। इस पाथ-वे से लोग आ जा सकेंगे। इसके आगे रेलिंग भी लगाई जाएगी। 4. पुरुष घाट को भी व्यवस्थित किया जाएगा। अभी यहां पर जब से दो पुल बन गए हैं तब से पुरुष घाट आधा ही रह गया है जो क्षतिग्रस्त भी हो रहा है।

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