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कटनी में रोड सेफ्टी पर रिव्यू मीटिंग सम्पन्न, सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने दिए अहम निर्देश



Written & Edited By : ADIL AZIZ

 (जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)

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कटनी को "जीरो एक्सीडेंटल फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट" बनाने की दिशा में कदम

कटनी (06 अक्टूबर) — पुलिस कंट्रोल रूम में सोमवार को एक अत्यंत महत्वपूर्ण रोड सेफ्टी रिव्यू मीटिंग का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने की।
इस बैठक में कलेक्टर आशीष तिवारी और पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा समेत कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य था — कटनी जिले को सड़क दुर्घटनाओं में शून्य मृत्यु दर वाला जिला बनाना।


सड़क सुरक्षा पर गंभीर मंथन और आंकड़ों का विश्लेषण

बैठक के दौरान पिछले पांच वर्षों (2020-2024) के सड़क दुर्घटना के आंकड़ों का विस्तार से विश्लेषण किया गया।
सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार, कटनी जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में हर साल वृद्धि दर्ज की गई है।
2020 में जहां 871 दुर्घटनाएं दर्ज हुईं, वहीं 2024 तक यह संख्या 1097 तक पहुंच गई।
इसी तरह मृत्यु के आंकड़े भी 216 से बढ़कर 270 तक पहुंच गए।

यह बढ़ते आंकड़े प्रशासन के लिए चिंता का विषय हैं और यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने इस पर कठोर उपायों की सिफारिश की है।


2025 में भी जारी सड़क हादसों का सिलसिला

2025 के शुरुआती आंकड़ों में भी दोपहिया और चारपहिया वाहनों से जुड़ी दुर्घटनाओं की संख्या चिंताजनक है।
दोपहिया वाहनों से जुड़ी 384 दुर्घटनाओं में 83 लोगों की मृत्यु और 452 घायल हुए,
जबकि चारपहिया वाहनों से संबंधित 196 दुर्घटनाओं में 53 लोगों की मौत और 304 लोग घायल हुए।

यह स्पष्ट करता है कि हेलमेट और सीट बेल्ट जैसी बुनियादी सुरक्षा आदतों का पालन अभी भी गंभीरता से नहीं किया जा रहा है।


"नो हेलमेट, नो अटेंडेंस" की नीति पर जोर

बैठक में सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की अनुशंसाओं को लागू करने पर विशेष बल दिया गया।
सुझाव दिया गया कि सभी शासकीय कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों में “नो हेलमेट, नो अटेंडेंस” नीति अपनाई जाए।
इसका अर्थ है कि बिना हेलमेट आने वाले कर्मचारियों या छात्रों को प्रवेश न दिया जाए।

यह पहल केवल अनुशासन लाने के लिए नहीं, बल्कि समाज में हेलमेट पहनने की संस्कृति विकसित करने की दिशा में एक ठोस कदम होगी।






स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जागरूकता अभियान

बैठक में तय किया गया कि स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा और हेलमेट के महत्व पर नियमित कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
छात्रों और उनके अभिभावकों को यातायात नियमों, अनुशासन और सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए विशेष सत्र होंगे।
इसके अलावा यातायात विभाग को निर्देश दिया गया कि वह नियमित हेलमेट चेकिंग अभियान चलाए और लोगों को दंड की बजाय समझाने और जागरूक करने की नीति अपनाए।


शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिले में शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए कि रात के समय नाके बढ़ाए जाएं, ब्रेथ एनालाइजर से जांच की जाए, और नियम तोड़ने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाए।
साथ ही लोक निर्माण विभाग और नगर निगम को आदेश दिया गया कि सड़कों के गड्ढे जल्द भरें और सड़कों की मरम्मत सुनिश्चित करें, ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम हो सके।


न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे का संदेश: "जीवन अनमोल है"

अपने अनुभव साझा करते हुए न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा —

“व्यक्ति का जीवन अनमोल है, और सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित करना हर व्यक्ति का नैतिक दायित्व है। जागरूकता, अनुशासन और सही प्रयास ही जीवन रक्षा के सर्वोत्तम उपाय हैं।”

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट रोड सेफ्टी कमेटी पूरे देश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए नीतिगत सुधार और जन-जागरूकता पर निरंतर काम कर रही है।
उनके अनुसार, “सड़क सुरक्षा सिर्फ पुलिस या प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक की जिम्मेदारी है।”


अधिकारियों की सहभागिता और संकल्प

बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
कलेक्टर आशीष तिवारी ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों का पालन नहीं, बल्कि यह नागरिक कर्तव्य का प्रतीक है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन सभी विभागों के साथ मिलकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए समन्वित कार्य करेगा।

पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि कटनी पुलिस पहले से ही हेलमेट चेकिंग, स्कूलों में ट्रैफिक शिक्षा और जनजागरूकता अभियानों पर लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इन अभियानों को और व्यापक बनाया जाएगा ताकि कटनी को मॉडल रोड सेफ्टी डिस्ट्रिक्ट के रूप में स्थापित किया जा सके।


आने वाले समय के लिए कार्ययोजना

सुप्रीम कोर्ट कमेटी की सिफारिशों के अनुसार आने वाले समय में निम्न कार्ययोजनाएं लागू की जाएंगी —

  1. हेलमेट अनिवार्यता अभियान हर थाना क्षेत्र में।
  2. स्कूलों में सड़क सुरक्षा क्लब का गठन।
  3. मासिक रोड सेफ्टी रैली के आयोजन से जागरूकता बढ़ाना।
  4. शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई।
  5. सड़क संकेतक और प्रकाश व्यवस्था को सुधारने पर ध्यान।

कटनी को "सुरक्षित यातायात मॉडल" बनाने का लक्ष्य

इस मीटिंग का अंतिम उद्देश्य स्पष्ट था — कटनी जिले को सड़क दुर्घटनाओं में शून्य मृत्यु दर वाला जिला बनाना।
इसके लिए केवल प्रशासन नहीं, बल्कि आम नागरिकों की भागीदारी भी आवश्यक है।
अगर सभी नागरिक यातायात नियमों का पालन करें, हेलमेट पहनें, सीट बेल्ट लगाएं और शराब पीकर वाहन चलाना बंद करें, तो यह लक्ष्य असंभव नहीं।


 सड़क सुरक्षा — सबकी जिम्मेदारी

कटनी में हुई यह बैठक सिर्फ आंकड़ों की समीक्षा नहीं, बल्कि जीवन बचाने की दिशा में गंभीर संकल्प का प्रतीक है।
न्यायमूर्ति सप्रे, कलेक्टर तिवारी और एसपी विश्वकर्मा की साझा पहल इस दिशा में उम्मीद की किरण है कि आने वाले समय में सड़कें सुरक्षित होंगी और जानें बचेंगी

सड़क सुरक्षा का संदेश सरल लेकिन प्रभावी है —
“जीवन अनमोल है, नियमों का पालन ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।”


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