मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का तुअर दाल संघ ने जताया आभार
✍️ Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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आयातित तुअर पर मंडी शुल्क में छूट से उद्योग जगत को नई राहत
कटनी। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों और उद्योग जगत के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आयातित तुअर पर मंडी शुल्क में छूट दिए जाने के निर्णय ने प्रदेशभर के दाल उद्योग को नई ऊर्जा और राहत प्रदान की है। कटनी में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 के दौरान तुअर दाल संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर इस फैसले के लिए आभार व्यक्त किया।
संघ ने कहा कि यह कदम न केवल दाल उद्योग को संकट से बाहर निकालेगा बल्कि इसमें नई संभावनाओं का संचार करेगा। प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद पत्र सौंपते हुए कहा कि इस निर्णय से व्यापार जगत और किसानों दोनों को समान रूप से लाभ होगा।
तुअर दाल उद्योग के लिए ऐतिहासिक कदम
तुअर दाल भारत की रसोई का अहम हिस्सा है। लेकिन लंबे समय से तुअर दाल उद्योग आयातित दाल पर मंडी शुल्क की वजह से परेशान था। शुल्क की अधिकता से व्यापारियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था और उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता घट रही थी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग जगत की इस समस्या को समझते हुए आयातित तुअर पर मंडी शुल्क में छूट देने का साहसिक कदम उठाया। यह निर्णय उद्योग जगत के लिए जीवनदायिनी साबित होगा और उपभोक्ताओं को भी दाल वाजिब दाम पर उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का विज़न
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सदैव किसानों और व्यापारियों के हित में कार्य कर रही है।
“प्रदेश में उद्योगों का विकास हो, किसान समृद्ध हों और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें – यही हमारी प्राथमिकता है। आने वाले समय में भी सरकार उद्योग और व्यापार जगत की बेहतरी तथा किसानों के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाती रहेगी।”
डॉ. यादव के इन शब्दों से स्पष्ट है कि सरकार की नीतियां सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर उद्योग और कृषि दोनों क्षेत्रों को संतुलित गति से आगे बढ़ा रही हैं।
उद्योग जगत का आभार
तुअर दाल संघ ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय को उद्योग जगत के लिए ऐतिहासिक बताया। प्रतिनिधियों ने कहा कि इस कदम से दाल उद्योग को नई जान मिलेगी और यह रोजगार सृजन में भी सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि दाल उद्योग लाखों परिवारों की आजीविका से जुड़ा हुआ है। मंडी शुल्क में छूट मिलने से उत्पादन लागत घटेगी और व्यापार सुचारू होगा।
किसानों के लिए फायदे की बात
इस निर्णय का सीधा फायदा किसानों को भी मिलेगा। जब उद्योग राहत महसूस करेंगे तो खरीद में तेजी आएगी और किसानों की उपज को सही दाम मिलेगा। दाल उद्योग के विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा।
डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय दोगुनी करने के लिए निरंतर कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी
इस मौके पर परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री और कटनी जिले के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह, सांसद वी.डी. शर्मा, विधायक विजयराघवगढ़ संजय सत्येंद्र पाठक, विधायक मुड़वारा संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल, विधायक प्रणय प्रभात पांडेय, विधायक बड़वारा धीरेन्द्र बहादुर सिंह, संभागायुक्त धनंजय सिंह, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव और पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा मौजूद रहे।
इन नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि सरकार उद्योग और किसानों से जुड़े हर निर्णय को गंभीरता से ले रही है और उसे धरातल पर उतारने के लिए संगठित रूप से कार्य कर रही है।
मध्यप्रदेश में उद्योग और कृषि का संतुलन
मध्यप्रदेश की पहचान लंबे समय से कृषि प्रधान राज्य के रूप में रही है। लेकिन अब यह औद्योगिक विकास की ओर भी मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। दाल उद्योग जैसे छोटे-बड़े क्षेत्रों में सरकार द्वारा दिए गए राहत कदम इस संतुलन को और मजबूत करते हैं।
मंडी शुल्क में छूट जैसे फैसले यह दर्शाते हैं कि सरकार केवल बड़े उद्योगों पर ही ध्यान नहीं दे रही, बल्कि छोटे उद्योग और व्यापार भी उसके लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
आर्थिक दृष्टि से बड़ा प्रभाव
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मंडी शुल्क घटने से उत्पादन लागत कम होगी।
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उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।
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स्थानीय बाजार में दाल की उपलब्धता बेहतर होगी।
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किसानों की उपज को अधिक मूल्य मिलेगा।
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नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
इन सभी पहलुओं से साफ है कि यह निर्णय प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर डालेगा।
सार
कटनी में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव के दौरान तुअर दाल संघ द्वारा जताया गया आभार इस बात का संकेत है कि सरकार के निर्णय उद्योग जगत तक सही तरीके से पहुंच रहे हैं। आयातित तुअर पर मंडी शुल्क में छूट न केवल उद्योग को राहत देगा, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं के लिए भी फायदे का सौदा साबित होगा।
यह फैसला मध्यप्रदेश की उद्योग और कृषि दोनों क्षेत्रों में मजबूती का प्रतीक है और मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शिता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। आने वाले समय में ऐसे कदम प्रदेश को आत्मनिर्भर और औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी बनाएंगे।
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