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दमोह में गैंगवार: अपराधियों के बीच खुलेआम मारपीट और तोड़फोड़ से दहशत

 

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दमोह। मध्यप्रदेश का दमोह शहर एक बार फिर से अपराध की चपेट में आ गया। मंगलवार को दिनदहाड़े शहर के बीच बस स्टैंड पर गैंगवार की घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। हथियारों से लैस बदमाशों ने न केवल मारपीट की बल्कि बाद में ऑफिस में तोड़फोड़ कर फरार भी हो गए। इस पूरे घटनाक्रम ने दमोह शहर को शर्मसार कर दिया है और आम लोगों को दहशत के साए में जीने को मजबूर कर दिया।

बीच बस स्टैंड पर मारपीट से मचा हड़कंप

मिली जानकारी के अनुसार साहिल विरमानी अपने साथियों के साथ बस स्टैंड के पास मौजूद था। तभी अचानक विरोधी गैंग के लोगों ने हमला बोल दिया। खुलेआम लाठी-डंडों और हथियारों से हुई इस मारपीट से वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। राहगीरों और यात्रियों ने किसी तरह अपनी जान बचाई।

ऑफिस में तोड़फोड़ से बढ़ी दहशत

मारपीट की घटना के बाद मामला यहीं नहीं थमा। आरोप है कि राकेश शर्मा और उसके साथी साहिल विरमानी के ऑफिस पहुंचे और वहां जमकर तोड़फोड़ की। ऑफिस में मौजूद लोगों को भी पीटा गया। दोनों गैंग की इस आपसी रंजिश ने पूरे शहर को खौफजदा कर दिया।

पुलिस की सक्रियता पर उठे सवाल

घटना की जानकारी लगते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर अपराधी इस तरह दिनदहाड़े खुलेआम कैसे वारदात को अंजाम दे रहे हैं?

टीआई का बयान

कोतवाली टीआई मनीष कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा –
 पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।"

पुरानी रंजिश बनी गैंगवार की वजह

पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों गैंग के बीच पुराना विवाद चल रहा था। यही रंजिश मंगलवार को सड़क पर खूनी संघर्ष का कारण बनी। दोनों पक्षों के बीच कई बार पहले भी टकराव हो चुका है लेकिन इस बार मामला इतना बढ़ गया कि शहर के बीचों-बीच गैंगवार देखने को मिला।

आम जनता में डर का माहौल

इस घटना के बाद आम नागरिकों के मन में डर का माहौल है। लोग कह रहे हैं कि अगर शहर के बीचों-बीच अपराधी इस तरह से वारदात कर सकते हैं तो आम इंसान अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करे? बाजार और बस स्टैंड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में अपराधियों की दबंगई ने कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय लोग बोले – पुलिस को सख्ती दिखानी चाहिए

शहर के स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार हो रही आपराधिक घटनाओं पर पुलिस को और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। केवल फुटेज देखने और पूछताछ करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अपराधियों को जल्द से जल्द जेल भेजा जाना चाहिए ताकि शहर में शांति का माहौल कायम हो सके।

राजनीतिक हलकों में भी चर्चा

दमोह की इस गैंगवार घटना ने राजनीतिक हलकों में भी बहस छेड़ दी है। विपक्ष का कहना है कि सरकार और प्रशासन अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न

दमोह शहर की यह घटना इस बात का संकेत है कि अगर समय रहते अपराधियों पर लगाम नहीं कसी गई तो आम नागरिकों का विश्वास कानून व्यवस्था से उठ सकता है। पुलिस और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

दमोह में हुई यह गैंगवार केवल दो गुटों की रंजिश नहीं बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी बड़ा सवाल है। जनता अब यह चाहती है कि अपराधियों को कठोर सजा मिले और शहर में फिर से शांति और विश्वास का माहौल लौटे।


✍️ Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
📧 Email : publicnewsviews1@gmail.com



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