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मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0: खनिज संपदा और निवेश की नई दिशा, कटनी बनेगा औद्योगिक विकास का केंद्र



कटनी। मध्यप्रदेश में खनन और खनिज संसाधनों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से कटनी में 23 अगस्त को "मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0" आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति इस आयोजन को और भी खास बना रही है। इस कॉन्क्लेव का मकसद न केवल प्रदेश की खनिज संपदा और निवेश अनुकूल नीतियों को देश-विदेश के निवेशकों के सामने रखना है, बल्कि खनन क्षेत्र के भविष्य को एक नई दिशा भी देना है।

यह आयोजन प्रदेश की अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भर भारत मिशन की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक माना जा रहा है।




कॉन्क्लेव के प्रमुख फोकस क्षेत्र

कटनी में आयोजित इस माइनिंग कॉन्क्लेव का मुख्य फोकस कोयला एवं ऊर्जा, ऊर्जा एवं हाइड्रोकार्बन, प्रौद्योगिकीय प्रगति, क्रिटिकल मिनरल्स (महत्वपूर्ण खनिज) और चूना पत्थर एवं सीमेंट पर रहेगा।

  • कोयला एवं ऊर्जा: बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और नवीकरणीय विकल्पों पर जोर।

  • प्रौद्योगिकीय प्रगति: एआई और मशीन लर्निंग का खनन क्षेत्र में इस्तेमाल।

  • क्रिटिकल मिनरल्स: नई तकनीकों के लिए जरूरी खनिजों का दोहन।

  • सीमेंट और चूना पत्थर: निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने वाला क्षेत्र।


2000 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी

इस आयोजन में लगभग 2000 से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। इनमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए निवेशक, उद्योगपति और विषय-विशेषज्ञ शामिल होंगे। इससे खनन क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विज़न

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है –
"मध्यप्रदेश खनन और खनिज संसाधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है। यहां की खनिज संपदा और निवेश अनुकूल नीतियां प्रदेश को औद्योगिक प्रगति में अग्रणी बना रही हैं। खनन क्षेत्र न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन में भी अहम योगदान देगा।"


प्रदर्शनी में दिखेगी खनिज संपदा

कॉनक्लेव के दौरान एक भव्य प्रदर्शनी का भी आयोजन होगा, जिसमें प्रदेश की खनिज संपदा को प्रदर्शित किया जाएगा।
मध्यप्रदेश का राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान –

  • 73% तांबा

  • 29% रॉक फॉस्फेट

  • 26% मैंगनीज

  • 9% चूना पत्थर

  • 8% कोयला

  • 3% बॉक्साइट

  • 1% लौह अयस्क

यह आंकड़े प्रदेश को खनन क्षेत्र में देश का प्रमुख केंद्र साबित करते हैं।


देश के बड़े औद्योगिक घरानों की दिलचस्पी

इस कॉन्क्लेव में देश के कई बड़े औद्योगिक घराने और खनिज क्षेत्र से जुड़े दिग्गज शामिल हो रहे हैं। इनमें डायरेक्टर जनरल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया राजेश जोशी, चीफ कंट्रोलर ऑफ माइन्स इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स नागपुर पंकज कुलश्रेष्ठ, सीएमडी एचसीएल संजीव कुमार सिंह, डेलोइट के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर तुशार चक्रवर्ती, अडानी सीमेंट के चीफ स्ट्रेटजी एंड बिजनेस डेवलपमेंट भीमसी कचोट समेत कई प्रतिष्ठित उद्योगपति और विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे।


निवेश को आकर्षित करने का बड़ा मंच

कटनी का यह माइनिंग कॉन्क्लेव खनिज कंपनियों, उद्योग प्रतिनिधियों और हितधारकों को एक ही मंच पर लाने का काम करेगा। यहां सहयोग, नवाचार और निवेश की नई संभावनाएं तलाशने का अवसर मिलेगा।

  • डिजिटल परिवर्तन और ऑटोमेशन

  • ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग

  • वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर चर्चा


एमओयू से खनन क्षेत्र को मजबूती

कॉनक्लेव के दौरान कई महत्वपूर्ण एमओयू भी साइन किए जाएंगे।

  • कोल इंडिया लिमिटेड, म.प्र. शासन और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के बीच क्रिटिकल मिनरल्स के खनन के लिए समझौता।

  • म.प्र. शासन, राज्य खनिज निगम और टेक्समिन के बीच सहयोग।

  • राज्य खनिज निगम और आईआईएसईआर भोपाल के बीच अनुसंधान और अन्वेषण के लिए समझौता।

ये समझौते न केवल प्रदेश की खनिज अन्वेषण महत्वाकांक्षाओं को गति देंगे बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास को भी मजबूती प्रदान करेंगे।


माइनिंग कॉन्क्लेव 1.0 की सफलता

पिछले साल भोपाल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव 1.0 में 19,650 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे। इस बार कटनी में आयोजित कॉन्क्लेव से और बड़े निवेश की उम्मीद की जा रही है।


स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार पर प्रभाव

खनन क्षेत्र में बढ़ते निवेश से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कटनी और आसपास के जिलों के युवाओं के लिए यह कॉन्क्लेव सुनहरा अवसर है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।



कटनी में आयोजित मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि प्रदेश की खनिज संपदा और औद्योगिक विकास की दिशा तय करने वाला मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल से यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश खनन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पूरी तरह तैयार है।





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