विजयराघवगढ़ किला : स्वतंत्रता दिवस पर लापरवाही, दो कर्मचारियों पर हुई कड़ी कार्रवाई , उल्टा तिरंगा मामला : विधायक की शिकायत से प्रशासन हुआ सक्रिय
कटनी। 15 अगस्त जैसे पावन दिन पर विजयराघवगढ़ किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह एक गंभीर चूक के कारण चर्चा का विषय बन गया। समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहरा दिया गया, जिससे कार्यक्रम स्थल पर मौजूद अधिकारी, कर्मचारी और आमजन हैरान रह गए। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने तत्काल कार्रवाई की और दोषी पाए गए दो कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक दंड लगाया।
क्या हुआ विजयराघवगढ़ किले में?
स्वतंत्रता दिवस का आयोजन विजयराघवगढ़ किले में बेहद सम्मान और गरिमा के साथ होना था। कार्यक्रम की जिम्मेदारी एसडीएम विजयराघवगढ़ ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) के उपखंड, विजयराघवगढ़ को सौंपी थी। लेकिन ध्वजारोहण के समय झंडा बांधने की जिम्मेदारी निभाने में गंभीर लापरवाही हुई। झंडा उल्टा बांध दिया गया, जिससे राष्ट्रीय पर्व पर अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो गई।
जिम्मेदार कौन निकले?
जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि झंडा उल्टा बांधने के लिए विभाग के भृत्य अजय मरोने जिम्मेदार थे। नियमों के तहत उन्हें दोषी मानते हुए मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जबलपुर परिक्षेत्र रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
दूसरे कर्मचारी ब्रजेश कुमार निगम, जो दैनिक वेतन भोगी समयपाल हैं, को भी दोषी पाया गया। उनकी लापरवाही को गंभीर कदाचार मानते हुए मध्यप्रदेश राजपत्र 30 मई, 2013 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
क्या कहा गया नोटिस में?
कारण बताओ नोटिस में ब्रजेश कुमार निगम से 10 दिनों के भीतर कार्यपालन यंत्री के माध्यम से लिखित जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं हुआ, तो उन्हें सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जाएगी।
राष्ट्रीय ध्वज और सम्मान की महत्ता
भारत का तिरंगा केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाओं, त्याग और बलिदान का प्रतीक है। स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसर पर ध्वज फहराने की प्रक्रिया में हुई यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक चूक मानी जाती है बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव को ठेस पहुँचाने वाली घटना भी है।
प्रशासन की सख्ती का संदेश
इस कार्रवाई से यह साफ संदेश गया है कि राष्ट्रीय पर्व पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक, हर किसी को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता और सजगता के साथ निभानी होगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर निराशा जताई है। उनका कहना है कि तिरंगे के सम्मान के मामले में इतनी बड़ी लापरवाही अक्षम्य है। वहीं, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई को सही कदम बताया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
सीख क्या है?
-
राष्ट्रीय ध्वज के प्रति पूर्ण सम्मान और सतर्कता अनिवार्य है।
-
जिम्मेदारी निभाने वाले कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन मिलना चाहिए।
-
भविष्य में किसी भी आयोजन से पहले व्यवस्थाओं की दोहरी जांच अनिवार्य की जानी चाहिए।
विजयराघवगढ़ किले की यह घटना भले ही एक लापरवाही का परिणाम रही हो, लेकिन प्रशासन द्वारा की गई सख्त कार्रवाई यह दर्शाती है कि राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस घटना से जुड़े कर्मचारियों के लिए यह कड़ा सबक है, और बाकी कर्मचारियों के लिए चेतावनी भी।
स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह तिरंगे का मान-सम्मान बनाए रखे।
#विजयराघवगढ़किला #कटनीसमाचार #स्वतंत्रतादिवस #राष्ट्रीयध्वज #प्रशासनिककार्यवाही #मध्यप्रदेशखबरें
#VijayraghavgarhFort #KatniNews #IndependenceDay2025 #IndianFlag #AdministrativeAction #MadhyaPradeshNews
विजयराघवगढ़ किले में उल्टा तिरंगा किसने फहराया? विधायक संजय पाठक ने की यह मांग
कटनी। विजयराघवगढ़ किले में 15 अगस्त को आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज के उल्टा फहराए जाने का मामला सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर वायरल इस घटना ने सरकार और जनता दोनों को झकझोर दिया। इस मामले में विधायक संजय पाठक ने कलेक्टर कटनी से कार्रवाई की सिफारिश की है। आइए जानें पूरे मामले की तह तक...
घटना का पूरा क्रम
15 अगस्त, 2025 को विजयराघवगढ़ किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान विधायक संजय पाठक ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया—but वीडियो में झंडा उल्टा दिखाई दिया, जिसके कारण केसरिया पट्टी नीचे और हरा रंग ऊपर था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।ABP NewsPatrika NewsOneindia Hindi
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया और राजनीतिक बहस
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस लापरवाही की तीखी आलोचना की। एक यूज़र ने लिखा:
“पूर्व मंत्री और BJP विधायक संजय पाठक की राष्ट्रभक्ति का नकलीपन देखिए, स्वतंत्रता दिवस पर उल्टा झंडा फहरा दिया!”Oneindia Hindi
वहीं कुछ राजनीतिक दलों, खासकर कांग्रेस की ओर से इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताया गया और सख्त कार्रवाई की मांग की गई।Oneindia Hindi
विधायक संजय पाठक का रुख
विधायक संजय पाठक ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि घटना एक जानबूझकर की गई "साजिश" लगती है, इसलिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच करवाकर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें झंडा उल्टा मिला, उन्होंने उसे तुरंत ठीक करवाया और फिर से ध्वज फहराया।ABP NewsInkhabarOneindia Hindi
प्रशासन ने की जांच शुरू
कटनी एसडीएम ने इस घटना को राष्ट्रीय सम्मान का उल्लंघन माना और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।Oneindia Hindi
संदर्भित यूट्यूब वीडियो
राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान—एक संवेदनशील मुद्दा
राष्ट्रीय ध्वज भारत की सर्वोच्च राष्ट्रीय पहचान है। इसे उल्टा फहराना भारत में ‘राष्ट्रीय सम्मान का अपमान रोकथाम अधिनियम, 1971’ के तहत अपराध माना जाता है। इसके अलावा ‘भारतीय ध्वज संहिता, 2002’ में स्पष्ट निर्देश हैं कि ध्वज हमेशा केसरिया ऊपर और हरा नीचे ही फहराया जाना चाहिए।Oneindia Hindi
निष्कर्ष और सीख
-
स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर असावधानी स्वीकार्य नहीं है।
-
यदि गलती हुई है, तो उसे तुरंत स्वीकारकर सुधार की पहल की जानी चाहिए, जैसा कि विधायक के पत्र में हुआ।
-
सरकार और प्रशासन को ऐसे मामलों को संजीदगी से लेते हुए पूर्व जांच और जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है।
इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया कि राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है और इसमें कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
#विजयराघवगढ़किला #उल्टाटिरंगा #संजयपाठक #कटनीसमाचार #राष्ट्रीयध्वज #स्वतंत्रतादिवस
#VijayraghavgarhFort #UpsideDownTricolor #SanjayPathak #KatniNews #NationalFlagRespect #IndependenceDay2025
कोई टिप्पणी नहीं