कटनी में 8 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द: छात्रों का अब सरकारी स्कूलों में होगा दाखिला
शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्रों के भविष्य की चिंता, जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए सख्त निर्देश
Written & Edited By: ADIL AZIZ
कटनी, 6 अगस्त:
कटनी जिले में शिक्षा से जुड़ा एक अहम फैसला सामने आया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए जिले के 8 निजी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण नहीं हो सका, जिसके चलते इन स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को अब नजदीकी सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा। यह निर्णय जिला शिक्षा अधिकारी एसएस मरावी ने लिया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी छात्र की पढ़ाई बाधित न हो।
क्यों रद्द हुई स्कूलों की मान्यता?
जानकारी के अनुसार, मान्यता रद्द होने का मुख्य कारण समय पर नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी न होना है। शिक्षा विभाग की तरफ से पहले ही चेतावनी दी गई थी कि अगर स्कूल तय मानकों और नियमों के अनुरूप दस्तावेज समय पर जमा नहीं करेंगे, तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके बावजूद इन स्कूलों ने जरूरी प्रक्रिया पूरी नहीं की, जिस वजह से यह कठोर कदम उठाया गया है।
जिन स्कूलों की मान्यता हुई रद्द
कटनी जिले में जिन 8 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
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डॉ. ए.डी. बैरागी हाई स्कूल, हथियागढ़
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सेंट अब्राहम पब्लिक स्कूल, कटनी
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सिंधी हाई स्कूल, नई बस्ती
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कैमोर हाई स्कूल
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एसीसी हाई स्कूल, कैमोर
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सर्वोदय हाई स्कूल, भजिया
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सुकृति हाई स्कूल, डोली
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राम इंटरनेशनल स्कूल, कटनी
इन सभी स्कूलों के विद्यार्थियों को अब नजदीकी सरकारी स्कूलों में समायोजित किया जाएगा।
7 दिनों के अंदर होगा प्रवेश
जिला शिक्षा अधिकारी एसएस मरावी ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि प्रभावित स्कूलों के सभी छात्रों का दाखिला सात दिनों के भीतर नजदीकी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य रूप से किया जाए। यह निर्देश सख्त लहजे में दिए गए हैं ताकि किसी भी छात्र को प्रवेश से वंचित न होना पड़े।
जिम्मेदारी तय: अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
एसएस मरावी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई छात्र इस प्रक्रिया से छूट जाता है, तो संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश से यह साफ होता है कि शिक्षा विभाग इस विषय को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है और छात्रों के भविष्य से कोई समझौता नहीं करना चाहता।
छात्रों और अभिभावकों की चिंता
इस निर्णय के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई अभिभावकों ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, यही सबसे ज़रूरी है। वहीं कुछ ने चिंता जताई कि सरकारी स्कूलों की व्यवस्था और संसाधनों पर अब अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
एक अभिभावक, राजू साहू ने कहा,
"बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने में कोई हर्ज नहीं, लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां पर्याप्त शिक्षक और संसाधन उपलब्ध हों।"
शिक्षा विभाग की बड़ी चुनौती
अब शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अचानक आए इन छात्रों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करते हुए, सभी के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित की जाए। इसके लिए विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाएं, शिक्षकों की तैनाती और किताबों की व्यवस्था जल्द करनी होगी।
शिक्षा की गुणवत्ता बनाम मान्यता
यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि कई निजी स्कूल, जो वर्षों से संचालित हो रहे हैं, आखिर क्यों बुनियादी नियमों और प्रक्रिया को पूरा करने में असफल हो जाते हैं? शिक्षा का व्यवसायीकरण और मान्यता जैसे मसले छात्रों के भविष्य पर असर डालते हैं। ऐसे में शासन और प्रशासन दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि नियमों का पालन सभी के लिए अनिवार्य हो और छात्रों की पढ़ाई न रुके।
शिक्षा विभाग की अपील
शिक्षा विभाग ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में समय पर प्रवेश सुनिश्चित करें। विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि हर स्तर पर छात्रों को सहयोग दिया जाएगा।
कटनी जिले में 8 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द होने से शिक्षा व्यवस्था में हलचल जरूर मची है, लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने त्वरित और जिम्मेदारीपूर्ण कदम उठाते हुए छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। उम्मीद की जा सकती है कि सभी छात्र नए स्कूलों में जल्द ही समायोजित हो जाएंगे और उनकी पढ़ाई सामान्य रूप से चलती रहेगी।
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Written & Edited By: ADIL AZIZ
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