ग्वालियर पर्यटन कॉन्क्लेव में मिले 3500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
समृद्धि का प्रवेश द्वार है पर्यटन – म.प्र. की पर्यटन नीति निवेशकों को कर रही आकर्षित
पर्यटन से बढ़ेगी समृद्धि और रोजगार
कटनी (30 अगस्त) – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर पर्यटन कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यटन किसी भी देश की आर्थिक मजबूती और रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाता है। पर्यटन और तीर्थाटन हमारे देश और विशेषकर मध्यप्रदेश की समृद्धि के प्रमुख प्रवेश द्वार हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित कर रही है।
ग्वालियर में आयोजित इस रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में 3500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें होटल, रिसॉर्ट, ईको-टूरिज्म और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण जैसे क्षेत्र प्रमुख हैं। इस निवेश से न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
7 निवेशकों को जारी हुए LOA
पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 7 निवेशकों को लैटर ऑफ अलॉटमेंट (LOA) जारी किए गए। इन परियोजनाओं से 60 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा और हजारों रोजगार के अवसर तैयार होंगे। LOA प्राप्त निवेशकों को होटल, रिसॉर्ट और ईको-टूरिज्म प्रोजेक्ट स्थापित करने का अवसर दिया गया है।
75 करोड़ से अधिक के विरासत कार्यों का शिलान्यास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर–चंबल क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 75 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इनमें राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और ऐतिहासिक फूलबाग क्षेत्र के विकास कार्य शामिल हैं।
इसके अलावा शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए विशेष वेबसाइट ‘Craftgroom’ का लोकार्पण किया गया। साथ ही ग्वालियर किले की कार्ययोजना का विमोचन किया गया जिससे इस विश्व प्रसिद्ध किले का संरक्षण और सौंदर्यीकरण हो सके।
डिजिटल प्रचार के लिए 4 एमओयू
मध्यप्रदेश पर्यटन के डिजिटल प्रचार और ब्रांडिंग को नई दिशा देने के लिए 4 एमओयू साइन किए गए। इनमें याप डिजिटल, क्रायोन्स एडवरटाइजिंग, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशन्स जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन समझौतों से प्रदेश की पर्यटन पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।
निवेशकों ने दिखाई गहरी रुचि
ग्वालियर टूरिज्म कॉन्क्लेव में देशभर से आए निवेशकों ने मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति और संभावनाओं की जमकर सराहना की। प्रमुख निवेशकों ने ग्वालियर–चंबल और सागर संभाग में बड़े निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए।
प्रमुख निवेश प्रस्तावों में शामिल हैं:
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सचिन गुप्ता (सर्वेल लैंड डेवलपर्स) – 1000 करोड़
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मुकेश अग्रवाल एवं बाबूलाल जैन (श्रुति इंफ्रास्ट्रक्चर) – 500 करोड़
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विकास अहलूवालिया (ज़ोन बाय द पार्क) – 500 करोड़
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24 कैरेट डेवलपर्स – 250 करोड़
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अनूप गुप्ता (सोनिया लॉजिंग एंड हॉस्पिटैलिटी) – 200 करोड़
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आर.पी. महेश्वरी (मॉडर्न ग्रुप) – 150 करोड़
इन प्रस्तावों से साफ है कि निवेशकों को मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति और सरकार के विज़न पर भरोसा है।
ग्वालियर – समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों का केंद्र
मुख्यमंत्री ने ग्वालियर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का जिक्र करते हुए कहा कि यह नगरी संगीत सम्राट तानसेन और बैजू बावरा की भूमि है। यहां का ग्वालियर किला, राजा मानसिंह तोमर की स्थापत्य कला और यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त “सिटी ऑफ म्यूजिक” का दर्जा इसे विश्व स्तर पर खास बनाता है।
इसके साथ ही ग्वालियर अंचल में पर्यटन और फिल्म शूटिंग की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश की नई फिल्म नीति-2025 ने शूटिंग प्रक्रिया को आसान बना दिया है। यही वजह है कि कई फिल्म निर्माता और कलाकार मध्यप्रदेश को शूटिंग हब के रूप में देख रहे हैं।
शिल्पकारों और स्थानीय कलाकारों को नया मंच
इस कॉन्क्लेव में शिल्पकारों और स्थानीय कलाकारों के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। टेराकोटा शिल्प, सिक्की आर्ट, हेंडलूम परिधान और बत्तो बाई की प्रसिद्ध गुड़िया ने देशभर से आए निवेशकों और पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया।
इस प्रदर्शनी से स्थानीय शिल्पकारों को सीधा बाजार मिलेगा और उनकी कला को नई पहचान मिलेगी।
सरकार का समावेशी प्रयास
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के समावेशी प्रयासों से न केवल पर्यटन बल्कि स्थानीय रोजगार, कला और संस्कृति को भी बल मिलेगा।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि रीजनल पर्यटन कॉन्क्लेव की यह श्रृंखला पर्यटन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
निष्कर्ष – पर्यटन बनेगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की रीढ़
ग्वालियर पर्यटन कॉन्क्लेव ने यह साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश पर्यटन निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बन चुका है। पर्यटन क्षेत्र में हुए समझौते, निवेश प्रस्ताव और विकास कार्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में नया अध्याय जोड़ेंगे।
पर्यटन से न केवल आर्थिक मजबूती आएगी बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। ग्वालियर कॉन्क्लेव से साफ संदेश गया है कि पर्यटन ही समृद्धि का प्रवेश द्वार है।
✍️ Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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