काम को मिला सम्मान और स्थान: राजू पोद्दार बने भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
✍️ लेखक एवं संपादक: गिरिराज किशोर पोद्दार
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कटनी के पूर्व विधायक और हिंदुत्व विचारधारा के मजबूत स्तंभ राजू पोद्दार को भारत-तिब्बत सहयोग मंच का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल उनके संगठनात्मक कौशल को सम्मानित करती है बल्कि तिब्बत की स्वतंत्रता और कैलाश मानसरोवर मुक्ति अभियान को और अधिक शक्ति देने का संकेत भी है।
तिब्बत: भारत का आध्यात्मिक भाई, चीन का कब्ज़ा
तिब्बत, अनादिकाल से भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग रहा है। 1951 में चीन ने बलपूर्वक तिब्बत पर कब्जा कर लिया, जिससे वहां की स्वतंत्र सत्ता समाप्त हो गई। इसके परिणामस्वरूप दलाई लामा को भारत आकर शरण लेनी पड़ी। भारत सरकार ने उदारता दिखाते हुए उन्हें और उनकी निर्वासित सरकार को सहयोग प्रदान किया, जो आज तक भारत भूमि से संचालित हो रही है।
चीन के कब्जे में कैलाश मानसरोवर: आस्था पर नियंत्रण
तिब्बत पर कब्जा होते ही सनातन आस्था का केंद्र कैलाश मानसरोवर भी चीन के अधीन चला गया। हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों को अब इस पवित्र तीर्थ पर जाने के लिए चीन सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है। यह हमारे धार्मिक और आत्मिक अधिकारों पर सीधा हस्तक्षेप है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारत-तिब्बत सहयोग मंच की भूमिका
सनातन आस्था और भारत की सुरक्षा के सजग प्रहरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वर्ष 1999 में भारत-तिब्बत सहयोग मंच (BTSSM) की स्थापना की। मंच का उद्देश्य तिब्बत और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए जनजागरण करना और राष्ट्रीय चेतना को जगाना है। इस अभियान का नेतृत्व डॉ. इंद्रेश कुमार जैसे वरिष्ठ कार्यकर्ता कर रहे हैं।
रूपेश जी को केंद्रीय पालक नियुक्त किया गया
हाल ही में दिल्ली में संपन्न राष्ट्रीय परिषद की बैठक (28-29 जून) के दौरान BTSSM को और गति देने हेतु संगठन ने रूपेश जी को केंद्रीय पालक अधिकारी नियुक्त किया। उनका जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल और चीन सीमा से सटे क्षेत्रों का गहन अनुभव इस आंदोलन को नई दिशा देगा।
राजू पोद्दार का योगदान और अनुभव
राजू पोद्दार, कटनी के पूर्व विधायक और हिंदुत्वनिष्ठ विचारधारा के सक्रिय प्रतिनिधि, वर्षों से संगठनात्मक कार्यों में योगदान दे रहे हैं। वह भारत-तिब्बत सहयोग मंच के मध्य क्षेत्र संयोजक के रूप में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सराहनीय कार्य कर चुके हैं। उनका समर्पण, नेतृत्व कौशल और जनजागरण अभियान में सक्रियता उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त बनाती है।
तिब्बती सांसदों और यूथ बाइकर्स अभियान में सक्रिय भूमिका
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जनवरी 2024 में, तिब्बत की निर्वासित सरकार के सांसदों के भारत प्रवास को राजू पोद्दार ने बड़ी कुशलता से संचालित किया। उन्होंने उन्हें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के शीर्ष नेताओं, सामाजिक संगठनों और मीडिया से मिलवाया।
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फरवरी 2025 में, तिब्बती युवाओं द्वारा आयोजित 22 राज्यों और 20,000 किमी लंबी बाइक यात्रा के दौरान उनकी अहम भूमिका रही। यह यात्रा मध्यभारत में सफलतापूर्वक आयोजित की गई।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति: सम्मान और दायित्व
राजू पोद्दार की ऊर्जा, समर्पण और संगठन क्षमता को देखकर डॉ. इंद्रेश कुमार, रूपेश जी और पंकज जी ने उन्हें भारत-तिब्बत सहयोग मंच का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। अब उन्हें देश भर में कार्य का विस्तार करने का अवसर मिला है।
भविष्य की योजनाएं और जनजागरण अभियान
BTSSM की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अब तक मंच की देश के 780 में से 500 जिलों में उपस्थिति है और 300 जिलों में प्रत्यक्ष कार्य हो रहे हैं। यह अभियान अब तेजी से पूरे देश में कैलाश मानसरोवर मुक्ति और तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए जनजागरण का संकल्प लेकर आगे बढ़ेगा।
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में देशव्यापी समर्थन
दिल्ली में हुई BTSSM की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राजू पोद्दार की नियुक्ति पर पूरे देश से आए प्रतिनिधियों ने हर्ष व्यक्त किया और उन्हें भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया।
जनजागरण के नारे
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"तिब्बत की आज़ादी, भारत की सुरक्षा है"
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"न चीनी उत्पाद, न चीनी उत्पात"
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"चीन की सीमा, चीन की दीवार – बाकी सब चीन का कब्ज़ा है"
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"कैलाश मानसरोवर, तिब्बत – चीन को सबक सिखाना है"
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"चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करो"
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"Go back China"
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"Tibet ko Azad Karo"
✍️ लेखक एवं संपादक: गिरिराज किशोर पोद्दार
यह लेख गिरिराज किशोर पोद्दार ने लिखा है। इसे हूबहू प्रसारित किया जा रहा है, केवल वेबसाइट के नियम-कायदों के तहत पैरा बनाना, वर्तनी सुधार आदि तकनीकी परिवर्तन किए गए हैं।
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