कटनी में पशुपालकों पर कसा कानून का शिकंजा: घुमंतु पशुओं के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
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नगर सड़कों पर घूमते मवेशियों के कारण बढ़ते हादसे, अब तक 9 पशुपालकों पर दर्ज हुई एफआईआर
प्रशासन सख्त, अब मवेशी सड़कों पर दिखे तो होगी कार्रवाई
कटनी जिला प्रशासन ने सड़कों पर विचरण करते आवारा पशुओं की समस्या को लेकर अब कड़ा रुख अपनाया है। बार-बार चेतावनी देने के बाद भी जब पशुपालकों ने अपने मवेशियों को खुले में छोड़ना जारी रखा, तो प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत अब तक 9 पशुपालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
रविवार रात को कोतवाली थाना में नगर निगम द्वारा तीन और पशुपालकों पर एफआईआर कराई गई। यह कार्रवाई कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के 1 जुलाई को जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन के तहत की गई है।
क्यों जरूरी है ये कार्रवाई?
सड़क पर विचरण करते गौवंश और अन्य मवेशी अब सिर्फ ट्रैफिक जाम या गंदगी का कारण नहीं, बल्कि जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं का भी मुख्य कारण बनते जा रहे हैं।
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वाहन टकराने से मवेशियों को गंभीर चोटें आती हैं
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मवेशी सड़क पर कराहते हुए घंटों तड़पते रहते हैं
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कई बार आम नागरिक भी इनसे टकराकर घायल या मृत हो जाते हैं
इसलिए यह सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि मानवीय जिम्मेदारी भी है कि पशुओं को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें सड़कों पर खुला न छोड़ा जाए।
FIR दर्ज होने वाले पशुपालक
कोतवाली थाना में जिन तीन पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनके नाम हैं:
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विवेक कुमार उपाध्याय (वार्ड 42, मुड़वारा)
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वीरेंद्र पंचमलाल यादव (वार्ड 42, मुड़वारा)
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खुशी लाल (मुड़वारा, कटनी)
इनके विरुद्ध नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक ब्रजेश कुंडे की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।
अब तक कहां-कहां हुई कार्रवाई?
1 जुलाई के प्रतिबंधात्मक आदेश के बाद अब तक निम्न थाना क्षेत्रों में एफआईआर दर्ज की गई है:
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स्लीमनाबाद थाना – 5 एफआईआर
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कुठला थाना – 1 एफआईआर
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कोतवाली थाना – 3 एफआईआर
इस तरह कुल 9 पशुपालकों पर कार्यवाही की गई है।
आधुनिक तकनीक से हुई पहचान
नगर निगम द्वारा सड़कों में घूम रहे गौवंश के कान में लगे टैग को स्कैन करके पशुपालकों की पहचान की गई। टैगिंग के जरिए यह पता लगाया गया कि किस मवेशी का मालिक कौन है, और किसने अपने पशुओं को खुले में छोड़ा है।
इस तकनीकी विधि से अब हर पशुपालक जवाबदेह बन गया है।
57 मवेशियों को कांजी हाउस में किया गया शिफ्ट
नगर निगम द्वारा गठित हांका गैंग टीम की सक्रियता से सोमवार शाम तक 57 आवारा मवेशियों को पकड़कर झिंझरी स्थित कांजी हाउस में सुरक्षित रखा गया है। यह कार्यवाही नगर निगम आयुक्त नीलेश दुबे के नेतृत्व में संचालित की जा रही है।
प्रशासन की अपील – पशुओं को घरों में बांध कर रखें
प्रशासन ने एक बार फिर सभी पशुपालकों और गौ-स्वामियों से अपील की है कि:
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मवेशियों को खुले में न छोड़ें
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उन्हें घर पर बांधकर रखें
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समय पर भोजन और देखभाल करें
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टैगिंग जरूर करवाएं, ताकि पहचान बनी रहे
"बेजुबान जानवर भी पीड़ा महसूस करते हैं। उनकी सुरक्षा भी हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।"
कानूनी पहलू – कौन-कौन सी धाराएं लगीं
प्रशासन द्वारा दर्ज की गई एफआईआर निम्नलिखित धाराओं के अंतर्गत दर्ज की गई:
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भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 – प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन
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पशु क्रूरता अधिनियम – जानवरों को तकलीफ और असुरक्षित स्थिति में छोड़ना
सार्वजनिक स्थलों पर पशुओं को खुला छोड़ना अब एक दंडनीय अपराध है, और इसका उल्लंघन करने वालों को कानूनी सजा का सामना करना पड़ेगा।
जन सुरक्षा ही सर्वोपरि उद्देश्य
यह कार्रवाई किसी एक वर्ग या व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि सामूहिक जनहित के लिए की जा रही है।
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सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना
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जन हानि और पशु पीड़ा रोकना
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शहर की स्वच्छता और व्यवस्था बनाए रखना
यही प्रशासन की प्राथमिकता है। नागरिकों से भी अपेक्षा है कि वे इस अभियान में सहयोगी बनें, विरोधी नहीं।
निष्कर्ष – अब होगी सड़कों से मवेशियों की छुट्टी
कटनी जिले में प्रशासन ने जो सख्ती दिखाई है, वह पूरे प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल बन सकती है। सड़कों पर आवारा मवेशियों की समस्या को नजरअंदाज करने के दिन अब खत्म हो चुके हैं।
अगर सभी नागरिक, पशुपालक और संस्थाएं मिलकर जिम्मेदारी समझें, तो यह समस्या सदैव के लिए समाप्त की जा सकती है।
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यदि आप भी अपने शहर की सड़कों को सुरक्षित और स्वच्छ देखना चाहते हैं, तो इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं और प्रशासन के इस प्रयास में सहभागी बनें।
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