एक बगिया मां के नाम: आजीविका और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास
प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए “एक बगिया मां के नाम” योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 30 हजार एकड़ भूमि पर उद्यान विकसित किए जाएंगे, जो न केवल आजीविका का माध्यम बनेंगे बल्कि पर्यावरण सुधार में भी योगदान देंगे।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
“एक बगिया मां के नाम” योजना के माध्यम से स्व-सहायता समूहों की 30 हजार महिलाओं को उद्यान विकास के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। 30 लाख उद्यानिकी पौधों के रोपण के साथ फल उद्यान तैयार किए जाएंगे। इसमें पौधों, खाद, गड्ढों की खुदाई, तार फेंसिंग, और जल कुंड जैसी सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। 900 करोड़ की लागत से तैयार यह परियोजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहल है।
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान: पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलने वाला “एक पेड़ मां के नाम” अभियान प्रदेश की 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर 10-10 एकड़ भूमि पर पौधारोपण के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया है। 42 करोड़ रुपए की लागत से संचालित इस अभियान में पंचायत, नगरीय विकास, वन, और उद्यानिकी विभाग की भागीदारी रहेगी।
जल संरक्षण में ऐतिहासिक उपलब्धियां
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रदेश में 85 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण और 1 लाख से अधिक कुओं का पुनर्भरण किया गया है। अमृत सरोवर 2.0 योजना के अंतर्गत 1000 नए अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया। शहरी क्षेत्रों में 3300 जल स्रोतों का पुनर्जीवन और 4000 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया। इस अभियान में 40 लाख से अधिक नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल
7 जुलाई से 6 अगस्त तक मूंग और उड़द की फसल का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किया जाएगा। मूंग के लिए 3.51 लाख मैट्रिक टन और उड़द के लिए 1.23 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किए जाएंगे, जिससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
यूनियन कार्बाइड कचरे का निष्पादन: 40 साल पुराना कलंक खत्म
मुख्यमंत्री ने यूनियन कार्बाइड कचरे के निष्पादन को प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। 30 जून को इस कचरे का सफल निष्पादन कर प्रदेश को 40 साल पुराने इस कलंक से मुक्ति मिली। यह प्रदेश के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है।
विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
प्रदेश के सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समितियों का गठन किया जाएगा। इनमें सांसद, विधायक, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कृषि, उद्यानिकी और डेयरी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। यह समितियां विकास कार्यों को नई गति देंगी।
हरित प्रदेश का सपना: 6 करोड़ पौधे तैयार
मानसून में पौधारोपण के लिए 6 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने नर्मदा परिक्रमा पथ और पंचकाषी यात्रा जैसे धार्मिक स्थलों पर पौधारोपण का विशेष उल्लेख किया। 5600 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण के लिए कार्य योजना तैयार की गई है।
सकारात्मक पहल के साथ भविष्य की ओर
“एक बगिया मां के नाम” और “एक पेड़ मां के नाम” जैसे अभियानों के माध्यम से प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सकारात्मक सोच का प्रतीक है। इन योजनाओं से न केवल हरित प्रदेश का सपना साकार होगा, बल्कि प्रदेशवासियों की आजीविका में भी सुधार होगा।
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