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भू-माफिया के विरुद्ध जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: 10 एकड़ शासकीय भूमि मुक्त, करोड़ों की संपत्ति बचाई गई

 ✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़

📅  4 जुलाई 2025

ग्राम गैंतरा, भरौली और इमलिया में चला प्रशासन का बुलडोज़र, रसूखदारों की एक नहीं चली


 कटनी भू-माफिया कार्रवाई, शासकीय भूमि अतिक्रमण हटाया, जेसीबी से अतिक्रमण हटा, गैंतरा भूमि मुक्त, भरौली अवैध कब्जा हटाया, इमलिया अवैध प्लॉटिंग







कटनी जिले में प्रशासन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर जिला प्रशासन ने शुक्रवार 4 जुलाई को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 10 एकड़ शासकीय भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराया

इस कार्रवाई में ग्राम गैंतरा, भरौली और इमलिया को विशेष रूप से चिन्हित किया गया था, जहां वर्षों से अवैध कब्जा कर शासकीय ज़मीन का निजी इस्तेमाल हो रहा था।


गैंतरा और भरौली में 10 एकड़ जमीन मुक्त, 3 करोड़ का अनुमानित बाजार मूल्य

तहसीलदार अजीत तिवारी के नेतृत्व में की गई इस अभियान में, गैंतरा और भरौली गाँव में लगभग 10 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। इस भूमि की बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 3 करोड़ रुपये बताई जा रही है।


ग्राम गैंतरा: रसूख के बावजूद नहीं बचा कब्जा

ग्राम गैंतरा के खसरा नंबर 378/1 के रकबा 26.44 हेक्टेयर में से 0.60 हेक्टेयर (लगभग 1.5 एकड़) भूमि पर प्रीतम लाल पटेल ने अवैध रूप से कब्जा कर फेंसिंग कर ली थी। जब प्रशासन की टीम जेसीबी मशीनों के साथ पहुंची, तो इस कब्जे को जमींदोज कर दिया गया।

➡️ इस भूमि का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 2 करोड़ रुपये है।

यह कब्जा वर्षों से बना हुआ था, जिसे हटाने में स्थानीय प्रशासन को काफी मेहनत करनी पड़ी।


ग्राम भरौली: 8.5 एकड़ में अवैध कब्जा, 1 करोड़ की सरकारी ज़मीन मुक्त

ग्राम भरौली में खसरा नंबर 131 और 121, रकबा क्रमश: 0.55 और 2.9 हेक्टेयर के अंशों पर कब्जा किया गया था। इसमें कुल 8.5 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण था।

जेसीबी मशीनों के माध्यम से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर यह ज़मीन मुक्त कराई गई।
➡️ यहां की ज़मीन की अनुमानित बाजार मूल्य 1 करोड़ रुपये है।


ग्राम इमलिया: अवैध प्लॉटिंग और आरसीसी सड़क पर चली जेसीबी

सबसे जटिल मामला ग्राम इमलिया का रहा, जहां पर हरीश कुमार बजाज, संजय कुमार बजाज और दिनेश कुमार डोडानी जैसे स्थानीय रसूखदारों द्वारा कृषि भूमि में अवैध प्लॉटिंग कर अवैध रूप से 250 मीटर लंबी आरसीसी रोड का निर्माण करवा लिया गया था।

यह निर्माण कार्य बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति और बिना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से लेआउट स्वीकृत कराए किया गया था।

👉 इस पूरे क्षेत्र में शासकीय नाले की भूमि को पाटकर समतल कर दिया गया था।
👉 नाले का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो चुका था, जिससे बारिश में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती थी।

प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर:

  • आरसीसी सड़क को ध्वस्त किया

  • नाले का मूल स्वरूप बहाल करने की दिशा में कदम उठाए

  • निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की


सड़क तोड़ी, नाला बचाया: जलप्रवाह बना रहे इसके लिए कार्रवाई

तहसीलदार अजीत तिवारी के नेतृत्व में गठित टीम ने देखा कि खसरा नं. 143/1/1 से पश्चिम दिशा में 12 मीटर चौड़ी और 250 मीटर लंबी आरसीसी रोड बनाई गई थी।

इसके अलावा खसरा नंबर 133 (0.82 हेक्टेयर) में शासकीय नाला मौजूद है, जिसे पाटकर समतल किया जा रहा था। इससे न केवल शासकीय संपत्ति पर अतिक्रमण हुआ बल्कि प्राकृतिक जल प्रवाह भी बाधित हुआ।

प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाले पर बना अवैध निर्माण तोड़ा और प्राकृतिक जल निकासी को पुनर्स्थापित किया।


अभियान में कौन-कौन रहा शामिल?

अतिक्रमण हटाने की इस बड़ी कार्रवाई में प्रशासनिक और पुलिस बल का संयुक्त सहयोग रहा। अभियान के दौरान उपस्थित रहे अधिकारी:

  • तहसीलदार अजीत तिवारी

  • नायब तहसीलदार अतुलेश सिंह

  • पटवारी बालकृष्ण पांडेय, अवध मिश्रा, आतिश राजपूत, अंजली जैन

  • और एक बड़ी संख्या में पुलिस बल

इन सभी ने मिलकर शांतिपूर्ण और योजनाबद्ध ढंग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को सफल बनाया।


कलेक्टर का संदेश: शासकीय भूमि पर कब्जा बर्दाश्त नहीं

कलेक्टर दिलीप कुमार यादव द्वारा बार-बार दिए जा रहे निर्देशों के तहत शासकीय भूमि की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि:

"किसी भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, यदि उसने शासकीय भूमि पर कब्जा किया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।"


जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है।

सुमित्रा देवी, एक ग्रामीण महिला कहती हैं:

"हमने पहली बार देखा कि भू-माफियाओं पर भी सख्ती हो सकती है। प्रशासन ने बहुत अच्छा काम किया है।"

राजकुमार साहू, एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा:

"यह कार्रवाई केवल जमीन ही नहीं, लोगों के विश्वास को भी बचाने वाली है।"


 ज़मीन बची, जनता को मिला भरोसा

इस बड़ी कार्रवाई से न केवल करोड़ों की शासकीय भूमि वापस मिली है, बल्कि यह संदेश भी गया है कि अवैध कब्जे अब नहीं चलेंगे। प्रशासन की सख्ती ने भू-माफियाओं के हौसले पस्त कर दिए हैं और आम जनता को राहत की सांस दी है।

यह अभियान भविष्य में भी इसी कड़ाई से चलेगा — यह विश्वास अब कटनी की जनता में स्पष्ट दिख रहा है।


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✍️ Written & Edited by: आदिल अज़ीज़

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