कटनी नगर निगम में भारी भ्रष्टाचार: नालों की सफाई के नाम पर लाखों की बंदरबांट!
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
कटनी
जहां एक ओर देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 को लेकर जोरशोर से अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नगर पालिक निगम कटनी में नालों की सफाई के नाम पर किए जा रहे फर्जीवाड़े ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। जनप्रतिनिधियों की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क दिखाई दे रहा है।
कटनी शहर के नागरिकों को गंदगी, बदबू और जलभराव के बीच जीने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि नगर निगम की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि सफाई अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। असलियत इससे कोसों दूर है।
📍 माधव नगर गेट – एक जीता-जागता उदाहरण
कटनी शहर के माधव नगर गेट के सामने स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप के पास जो नाला बना हुआ है, वह न सिर्फ आधा-अधूरा है बल्कि हर समय जाम की स्थिति में रहता है। बरसात आते ही यह नाला ओवरफ्लो होकर सड़क पर पानी फैला देता है, जिससे स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह इलाका स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के प्रचार-प्रसार का हिस्सा है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है।
🧾 लाखों का बजट, लेकिन नतीजा शून्य
नालों की सफाई के लिए नगर निगम द्वारा हर साल लाखों रुपये का बजट पास किया जाता है। कार्यों का टेंडर निकलता है, भुगतान होता है, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार नहीं के बराबर है।
यहां सवाल उठता है कि:
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क्या नगर निगम अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार हो रहा है?
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क्या किसी ने यह जांच की है कि जिन नालों की सफाई दिखाई जा रही है, वहां वास्तव में काम हुआ भी है या नहीं?
🗣️ जन प्रतिनिधियों की चुप्पी, जनता की तकलीफ
नगर निगम में बैठे जन प्रतिनिधि अक्सर विकास और साफ-सफाई की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब बात जनता की जमीनी समस्याओं की आती है, तो उनकी ओर से कोई पहल नहीं दिखाई देती।
कटनी शहर जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष राजा जगवानी ने इस विषय पर खुलकर आवाज़ उठाई है। उन्होंने कहा:
"नगर निगम में नालों की सफाई के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई होती है। वास्तविकता यह है कि कई नाले वर्षों से बिना सफाई के ऐसे ही जाम पड़े हैं। अभी तो बरसात की शुरुआत है, अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।"
🌧️ बरसात के समय बनेगा 'तालाब'
बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। यदि नालों की साफ-सफाई और जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई, तो शहर की सड़कों पर पानी का जमाव होगा, जिससे ट्रैफिक जाम, बीमारियां और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाएगी।
राजा जगवानी ने चेतावनी दी है कि:
"अगर नगर निगम ने समय रहते इन नालों की सफाई नहीं करवाई, तो कटनी के कई इलाकों में सड़कें तालाब बन जाएंगी।"
🚨 खुले नाले – एक आमंत्रण दुर्घटनाओं को
कटनी शहर में कई स्थानों पर खुले नाले आज भी खतरे की तरह मौजूद हैं। पैदल चलने वालों से लेकर छोटे बच्चों तक के लिए ये नाले जानलेवा साबित हो सकते हैं। विगत वर्षों में नालों में गिरने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
समाधान क्या है?
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सभी खुले नालों को शीघ्रता से ढका जाए।
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प्रत्येक नाले के आसपास चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग की जाए।
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स्थानीय पार्षद और अधिकारियों को क्षेत्रीय निरीक्षण की जिम्मेदारी दी जाए।
📢 जनता की अपील: जल्द हो सख्त कार्यवाही
नगर निगम कमिश्नर से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दें कि:
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शहरभर के नालों की तत्काल सफाई करवाई जाए।
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जलभराव की संभावित जगहों की सूची बनाकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य हो।
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सभी संवेदनशील क्षेत्रों में निरीक्षण कर रिपोर्ट मंगवाई जाए।
📷 सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं वीडियो और फोटो
कटनी के नागरिकों द्वारा सोशल मीडिया पर लगातार गंदगी, जाम, जलभराव और खुले नालों की तस्वीरें साझा की जा रही हैं। इससे नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में कटनी की रैंकिंग पर भी असर पड़ सकता है।
🏁 अब नहीं तो कब?
कटनी शहर को यदि वास्तव में साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाना है, तो अब वक्त है कार्यवाही का। केवल पोस्टर, बैनर और प्रचार-प्रसार से जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता। नालों की सफाई हो, खुले नालों को ढका जाए और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो – यही समय की मांग है।
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