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सेक्स वर्कर्स डे 2025: भारत और दुनिया में वेश्यावृत्ति की स्थिति भारत में वेश्यावृत्ति: कानूनी स्थिति, शहरों की सच्चाई

 ✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़

📅 तारीख: 2 जून 2025, सोमवार




क्या भारत में वेश्यावृत्ति लीगल है?

भारत में वेश्यावृत्ति (Sex Work) एक जटिल कानूनी ढांचे के तहत आती है। भारतीय कानून के अनुसार, वेश्यावृत्ति स्वयं में पूरी तरह से अवैध नहीं है, लेकिन इससे संबंधित कई गतिविधियाँ जैसे कि दलाली (pimping), सार्वजनिक स्थानों पर solicitation, और कोठे चलाना गैरकानूनी मानी जाती हैं।

इसका अर्थ यह है कि एक महिला यदि अपनी इच्छा से वयस्कों के बीच सहमति से काम कर रही है और वह किसी को मजबूर नहीं कर रही है, तो इसे पूरी तरह अपराध नहीं कहा जा सकता।

भारत के किन शहरों में वेश्यावृत्ति सक्रिय है?

भारत के कई शहरों में वेश्यावृत्ति दशकों से सामाजिक व आर्थिक ताने-बाने का हिस्सा बनी हुई है। यहाँ कुछ प्रमुख शहरों और उनके प्रमुख रेड-लाइट क्षेत्रों की सूची है:

1. मुंबई - कामाठीपुरा (Kamathipura)

यह एशिया का एक प्राचीनतम और बड़ा रेड लाइट एरिया है। यहां हजारों महिलाएं इस पेशे में काम करती हैं।

2. कोलकाता - सोनागाछी (Sonagachi)

यह भारत का सबसे बड़ा रेड लाइट ज़ोन माना जाता है, जहां हजारों सेक्स वर्कर्स पंजीकृत हैं।

3. दिल्ली - जीबी रोड (GB Road)

यहां दिन के उजाले में दुकानें चलती हैं और रात में यहां सेक्स वर्क शुरू होता है।

4. पुणे - बुद्धवार पेठ

यह इलाका काफी समय से वेश्यावृत्ति का केंद्र बना हुआ है।

5. हैदराबाद - कोथी, मलकपेट

6. बैंगलोर - शिवाजी नगर और इंद्रानगर के आसपास

इसके अलावा आगरा, ग्वालियर, जयपुर, नागपुर, लुधियाना, कानपुर, अहमदाबाद आदि शहरों में भी गुप्त या संगठित रूप में यह पेशा संचालित होता है।

सेक्स वर्कर्स डे का महत्व

हर साल 2 जून को अंतरराष्ट्रीय सेक्स वर्कर्स दिवस (International Sex Workers Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए जागरूकता फैलाना और उनके साथ हो रहे शोषण, भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार को खत्म करना है। यह दिन 1975 में फ्रांस के ल्योन शहर में हुए सेक्स वर्कर्स के एक ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन की याद में मनाया जाता है।

वर्ल्ड लेवल पर वेश्यावृत्ति की स्थिति

दुनिया के विभिन्न देशों में वेश्यावृत्ति की कानूनी स्थिति भिन्न है।

नीदरलैंड:

यहां वेश्यावृत्ति वैध है और सेक्स वर्कर्स को स्वास्थ्य सुविधा, बीमा और कानूनी सुरक्षा मिलती है। एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया विश्वप्रसिद्ध है।

जर्मनी:

यहां सेक्स वर्क को प्रोफेशनल मान्यता प्राप्त है। सरकार द्वारा नियमन किया जाता है।

अमेरिका:

अधिकांश राज्यों में वेश्यावृत्ति अवैध है, लेकिन नेवादा राज्य के कुछ काउंटीज़ में इसे वैध बनाया गया है।

ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड:

यहां सेक्स वर्क को कानूनी सुरक्षा दी जाती है और इसे एक पेशे के रूप में स्वीकृति मिली है।

भारत में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी

भारत में अधिकांश सेक्स वर्कर्स गरीब, अशिक्षित, या जबरन इस पेशे में धकेली गई महिलाएं होती हैं। उन्हें अक्सर सामाजिक बहिष्कार, हिंसा, पुलिस उत्पीड़न और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सामना करना पड़ता है।

हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में कुछ NGOs और सामाजिक संस्थाएं सेक्स वर्कर्स को सम्मान और सुरक्षा दिलाने की दिशा में काम कर रही हैं। लेकिन समाज में अभी भी इन्हें हिकारत की नज़र से देखा जाता है।

क्या समाधान है?

  • कानूनी ढांचे में सुधार: वेश्यावृत्ति को पूरी तरह कानूनी मान्यता देना और सेक्स वर्कर्स को श्रमिक अधिकार देना।

  • स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा: HIV/AIDS और अन्य यौन रोगों की रोकथाम के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच और इलाज।

  • शिक्षा और पुनर्वास कार्यक्रम: जो महिलाएं इस पेशे से बाहर निकलना चाहती हैं, उनके लिए वैकल्पिक रोजगार और प्रशिक्षण।

  • सामाजिक जागरूकता: सेक्स वर्क को एक मजबूरी नहीं, बल्कि कुछ के लिए रोजगार विकल्प के रूप में समझना।

:भारत में वेश्यावृत्ति की स्थिति कानूनी और सामाजिक रूप से बहुत अस्पष्ट और जटिल है। समाज को यह समझने की जरूरत है कि सेक्स वर्कर्स भी इंसान हैं और उन्हें भी गरिमा, सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए।

आज, 2 जून 2025 को, सेक्स वर्कर्स डे के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम उनके लिए एक सुरक्षित, गरिमामय और समान अवसरों वाला समाज बनाने की दिशा में काम करें।


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