कटनी में शिक्षक की शर्मनाक हरकत: बच्चों को स्कूल में शराब पिलाते पकड़ा गया शिक्षक
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी शिक्षक शराब मामला, बच्चों को शराब पिलाने का वीडियो, शिक्षक की शर्मनाक हरकत, कटनी वायरल वीडियो, शिक्षक निलंबित, शिक्षा विभाग कार्रवाई, बच्चों का शोषण, शिक्षक पर FIR, स्कूल में शराब प्रकरण, शिक्षक कांड मध्यप्रदेश
जब शिक्षक ही बन जाएं भक्षक: कटनी में शिक्षक द्वारा बच्चों को शराब पिलाने की शर्मनाक घटना से समाज हुआ स्तब्ध
शिक्षा का मंदिर बना शराबखाना: शिक्षक की करतूत से हिल गया कटनी
कटनी: शिक्षक ने बच्चों को पिलाई शराब, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप
गुरु बना कलंक: बच्चों को शराब पिलाने वाले शिक्षक पर कार्रवाई की मांग तेज
कटनी शिक्षक कांड: निलंबन नहीं, हो सख्त कार्रवाई की मांग
बच्चों को शिक्षक ने पिलाई शराब, समाज का भरोसा टूटा
कटनी स्कूल विवाद: वायरल वीडियो में शिक्षक शराब के साथ बच्चों के बीच
कटनी में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़: शिक्षक की करतूत आई सामने
कटनी शिक्षक पर भड़का जनाक्रोश: FIR और गिरफ्तारी की उठी मांग
कटनी: शिक्षा विभाग की साख पर सवाल, जब गुरु ने किया शराब का सेवन बच्चों संग
कटनी, मध्यप्रदेश।
जिस शिक्षक के कंधों पर नन्हे भविष्य को संवारने की ज़िम्मेदारी होती है, जब वही व्यक्ति मासूम बच्चों को गुमराही की राह पर धकेलने लगे, तो पूरा समाज आहत होता है। कटनी जिले की एक सरकारी प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक लाल नवीन प्रताप सिंह का एक शर्मनाक वीडियो सामने आया है जिसने शिक्षा जगत को झकझोर कर रख दिया है।
वीडियो में बच्चों को शराब पिलाते दिखे शिक्षक
यह वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें शिक्षक लाल प्रताप सिंह स्कूली बच्चों के साथ बैठकर शराब पीते हुए न केवल खुद सेवन करते दिख रहे हैं बल्कि बच्चों को भी पीने के लिए उकसा रहे हैं। इस हृदय विदारक दृश्य में किताबों के स्थान पर बच्चों के हाथों में शराब के गिलास दिखाई दे रहे हैं, जो हर जिम्मेदार नागरिक के दिल को चीर देने वाला दृश्य है।
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
जैसे ही वीडियो प्रशासन तक पहुंचा, कटनी कलेक्टर दिलीप यादव ने तत्काल इस मामले का संज्ञान लिया और शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
बताया जा रहा है कि आरोपी शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालक बरही के संकुल केंद्र के अंतर्गत कार्यरत थे और यह घटना खिरहनी की पुरानी बस्ती स्थित प्राथमिक शाला की है।
इस कृत्य ने पूरे क्षेत्र में रोष की लहर पैदा कर दी है और लोगों में शिक्षा व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता दिखाई दे रही है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग और युवा कांग्रेस की सक्रियता
इस शर्मनाक घटना को लेकर नेशनल कमीशन ऑफ़ प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) में शिकायत दर्ज की गई है। वहीं, जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा 'अंशु' ने इस कृत्य को लेकर पुलिस अधीक्षक कटनी को पत्र लिखकर शिक्षक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की माँग की है।
उनका कहना है कि सिर्फ निलंबन जैसी ‘दिखावटी कार्रवाई’ से संतोष नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस घोर निंदनीय हरकत पर FIR दर्ज होनी चाहिए, ताकि समाज में एक स्पष्ट संदेश जाए कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
छात्र संगठनों की चेतावनी: उग्र आंदोलन की तैयारी
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के जिलाध्यक्ष शुभम मिश्रा और प्रदेश सचिव अजय खटिक ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यदि आरोपी शिक्षक के खिलाफ शीघ्र आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया तो छात्र हितों की रक्षा के लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा।
छात्र संगठनों और अभिभावकों की मांग है कि आरोपी शिक्षक को केवल निलंबित करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उस पर पॉक्सो एक्ट, बाल शोषण, और नैतिक अपराधों के तहत मुकदमा दर्ज कर कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया
जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी पाल सिंह ने भी मामले को गंभीर बताया है और कहा है कि इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और आने वाले दिनों में शिक्षा विभाग इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करेगा।
भरोसे की नींव हिलती तो भविष्य डगमगाता है
जब शिक्षक जैसे सम्मानित पेशे के लोग इस तरह की शर्मनाक हरकतें करते हैं, तो समाज का नैतिक आधार डगमगाने लगता है। यह घटना सिर्फ एक शिक्षक की नहीं, पूरे व्यवस्था की परीक्षा है। शिक्षा वह क्षेत्र है जहाँ बच्चों का भविष्य गढ़ा जाता है, और अगर वहां पर भ्रष्टता, अनैतिकता और अपराध पनपने लगें, तो हमारे देश का भविष्य भी खतरे में आ सकता है।
समाज की ज़िम्मेदारी भी तय होनी चाहिए
यह घटना हमें एक चेतावनी देती है कि केवल प्रशासन पर ही जिम्मेदारी छोड़ देना पर्याप्त नहीं है। समाज, अभिभावक, स्थानीय निकाय और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी समय-समय पर स्कूलों की निगरानी करनी चाहिए। बच्चों की शिक्षा, उनके आचरण और परिवेश पर सामूहिक रूप से नजर रखना आज की आवश्यकता है।
क्या होना चाहिए आगे का रास्ता?
-
एफआईआर दर्ज हो और कड़ी सजा दी जाए।
-
स्कूलों में नैतिक शिक्षा और निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाए।
-
अभिभावकों को स्कूल गतिविधियों में शामिल किया जाए।
-
शिक्षकों की नियमित मानसिक और नैतिक काउंसलिंग हो।
-
छात्रों के लिए हेल्पलाइन और काउंसलिंग सिस्टम की व्यवस्था हो।
शिक्षा का मंदिर बना अपमान का कारण
कटनी जिले की यह घटना बेहद शर्मनाक और चिंता का विषय है। यह केवल एक शिक्षक की गलती नहीं, बल्कि एक संपूर्ण तंत्र की जिम्मेदारी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा का मंदिर तब तक पवित्र नहीं हो सकता जब तक उसमें सेवा, समर्पण और नैतिकता न हो।
अब समय आ गया है कि समाज और सरकार मिलकर ऐसी विकृत मानसिकताओं को बाहर का रास्ता दिखाएं और बच्चों के सुरक्षित भविष्य की नींव मजबूती से रखें।
#KatniTeacherScandal #ChildAbuseInSchool #TeacherSuspended #ShamefulActInEducation #KatniNews #ChildrenSafety #MPNews #TeacherDrinkWithStudents #TeacherFIRDemand #YouthCongressKatni
कोई टिप्पणी नहीं