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कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन कर संयुक्त मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन





written & edited by : ADIL AZIZ

कटनी (8 फरवरी) - मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संघ द्वारा अपनी 51 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु आंदोलन के तीसरे चरण में कटनी कलेक्ट्रेट गेट के सामने विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में 52 संगठन प्रमुखों और पदाधिकारियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने संगठनात्मक एकता का परिचय देते हुए कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की।

संयुक्त मोर्चा के संस्थापक सरमन तिवारी, जिलाध्यक्ष आर.के. बत्रा, जिलासचिव हरप्रीत सिंह ग्रोवर, महामंत्री सुनील मिश्रा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन के नाम एक ज्ञापन ए.डी.एम. साधना परस्ते को सौंपा गया। इस दौरान, मध्यप्रदेश सिविल सेवा महासंघ से संयुक्त कलेक्टर संस्कृति शर्मा, संयुक्त कलेक्टर निधि गोहल, एस.डी.एम. प्रदीप मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर विवेक गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर प्रमोद चतुर्वेदी, लोक सेवा प्रबंधक दिनेश विश्वकर्मा, तहसीलदार नेहा जैन, अधीक्षक भू-अभिलेख डॉ. राकेश अहिरवार, कलेक्ट्रेट अधीक्षक प्रमोद श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे और कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगे:

  • कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा कर हेल्थ कार्ड जारी किया जाए।

  • लंबित 3 प्रतिशत डी.ए. शीघ्र दिया जाए।

  • पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।

  • 2016 से रोकी गई पदोन्नति प्रक्रिया स्थायी रूप से शुरू की जाए।

  • लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाए।

  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तन कर ग्रेड पे 1300 के स्थान पर 1800 किया जाए।

  • गृह भाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान के अनुरूप दिया जाए।

  • दैनिक वेतनभोगी, स्थायी कर्मी एवं अंशकालीन कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

  • रसोईया, कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं को कलेक्टर दर पर भुगतान किया जाए।

  • कर्मचारियों को 300 दिवस के अर्जित अवकाश का लाभ दिया जाए।

  • टैक्सी प्रथा बंद की जाए।

  • सीपीसीटी परीक्षा की बाध्यता समाप्त की जाए।

  • आउटसोर्सिंग प्रथा समाप्त कर नियमित पदों पर भर्ती की जाए।

  • समस्त प्रकार के भत्ते सातवें वेतनमान के अनुरूप दिए जाएं।

धरना आंदोलन में सम्मिलित संगठन:

धरना प्रदर्शन में विभिन्न कर्मचारी संघों ने हिस्सा लिया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:

  • राजपत्रित अधिकारी संघ (डॉ. मनीष मिश्रा)

  • तृतीय व पंचायत समन्वय अधिकारी संघ (अवधेश दाहिया, बलबीर सिंह)

  • स्वास्थ्य कर्मचारी संघ (एम.एस. यादव, पूर्णेश उइके)

  • लघु वेतन कर्मचारी संघ (शिवकुमार सोलंकी, अजय गौतम)

  • लिपिक संघ (महेंद्र तिवारी, ए.के. मेहरा)

  • छात्रावास अधीक्षक संघ (अजय नामदेव)

  • विद्युत मंडल संघ (अनुज दाहिया)

  • पटवारी संघ (अनंत तिवारी)

  • पेंशनर्स एसोसिएशन (दीप्ति सिंह, सपना गुप्ता, निमिषा मिश्रा, नीता सेन)

  • ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ (बी.के. राठौर, सीमा चौधरी)

  • अन्य संगठनों के प्रतिनिधि (संजय मिश्रा, शिवराज चौधरी, रूपसिंह, संजय कुशवाहा, बखत सिंह, पद्मकांत पटेल, बी.डी. बाजपेई, सुयश बर्मन, रामशरण दिवान, भगीरथ तिवारी, निलेश पौराणिक, धर्मेंद्र राज, बाबूलाल अहिरवार, अनिल पांडे, कपिल मनहर, बबलू चौधरी, भगत सिंह, अरविंद उपाध्याय, हंसराज बोरकर, कैलाश साहू, अजमुद्दीन शाह, हरीश बेन, शत्रुघन यादव, रतन ठाकुर, बलबीर सिंह, ज्योति चौधरी, ललिता वर्षा, खुशबू आशा केवट, वर्षा ललिता, रीना, नीलम आदि)

संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का जल्द निराकरण नहीं किया जाता है, तो 16 फरवरी को मध्यप्रदेश के समस्त अधिकारी-कर्मचारी भोपाल में व्यापक आंदोलन करेंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।

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