PUBLIC SAB JANTI HAI

Public Breaking

सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को अटेंड नहीं करने पर कलेक्टर यादव ने की कार्यवाही

 


मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक के विरूद्ध सिविल सेवा नियमों के तहत कार्यवाही हेतु संभागायुक्त को भेजा प्रस्ताव


written & edited by : ADIL AZIZ

कटनी (11 फरवरी) - कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन जिला जबलपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक एल-2 अधिकारी एलएल अहिरवार के विरुद्ध कार्यवाही हेतु जबलपुर संभाग के कमिश्नर अभय वर्मा को प्रस्ताव भेजा है। यह कार्यवाही सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निवारण में लापरवाही और पद के कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता को लेकर की गई है।

सीएम हेल्पलाइन मामलों में लापरवाही

कलेक्टर यादव ने अपने प्रस्ताव में उल्लेख किया कि सीएम हेल्पलाइन की प्राप्त शिकायतों को समय-सीमा में अटेंड कर उनका समाधान किया जाना आवश्यक है। लेकिन जनवरी 2025 में एल-2 अधिकारी अहिरवार द्वारा 67 शिकायतों को अटेंड नहीं किया गया, जिससे ये शिकायतें उच्च स्तर पर पहुंच गईं। इस लापरवाही के कारण जिले और विभाग की ग्रेडिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। जिले को 10 अंकों की वेटेज में केवल 9.88 अंक प्राप्त हुए।

ग्रेडिंग पर पड़ा असर

पूर्व के महीनों में भी शासन स्तर से जारी ग्रेडिंग में कटनी जिला दिसंबर 2024 में 0.34 अंक और नवंबर 2024 में 0.30 अंक के अंतर से प्रथम स्थान प्राप्त नहीं कर सका और द्वितीय स्थान पर रहा। इस कारण जिले को महत्वपूर्ण अंकों का नुकसान हुआ।

संतोषजनक समाधान में बाधा

कलेक्टर यादव ने प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को समय पर निपटाने में असफल रहने के कारण जिले को 0.12 अंक कम प्राप्त हुए। इसके अलावा, किसानों और आम जनता से जुड़ी भुगतान संबंधी शिकायतों को अटेंड न करने से संतोषजनक समाधान की संभावना भी प्रभावित हुई।

प्रशासनिक कार्यवाही की सिफारिश

कलेक्टर यादव ने क्षेत्रीय प्रबंधक अहिरवार के इस कृत्य को लोक सेवक पद के आचरण के विपरीत मानते हुए मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की अनुशंसा की है। इसके लिए प्रस्ताव संभागायुक्त को भेजा गया है।

यह कार्यवाही सरकारी तंत्र में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सीएम हेल्पलाइन जैसी सेवाओं का उद्देश्य नागरिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान करना होता है, लेकिन यदि अधिकारी अपने दायित्वों का सही तरीके से पालन नहीं करते, तो इससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होती है बल्कि जनता का विश्वास भी कमजोर पड़ता है। इस मामले में कलेक्टर द्वारा उठाए गए कदम से भविष्य में अन्य अधिकारियों को भी अपने कार्यों के प्रति अधिक जवाबदेह रहने की प्रेरणा मिलेगी।

कोई टिप्पणी नहीं