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बिना खाद्य पंजीयन के अवमानक खाद्य पदार्थ खोवा विक्रय करने पर विक्रेता पर 35 हजार रुपये का जुर्माना

 


न्याय निर्णायक अधिकारी ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत की कार्यवाही

written & edited by : ADIL AZIZ

कटनी (18 फरवरी) - जिले में मिलावट से मुक्ति अभियान तथा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्यवाही का सिलसिला जारी है। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर अमानक खाद्य पदार्थों के विक्रय करने वाले प्रतिष्ठानों को सील करने, लाइसेंस व पंजीयन निलंबित करने सहित दांडिक कार्यवाही की जा रही है।



विक्रेता पर 35 हजार रुपये का अर्थदंड

इसी क्रम में न्याय निर्णायक अधिकारी व अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी साधना कमलकांत परस्ते ने बिना खाद्य पंजीयन के अवमानक खाद्य पदार्थ खोवा का विक्रय करने पर शंकर लखानी पुत्र बच्चूमल लखानी, निवासी गुरुद्वारा के पास बंगला लाइन माधवनगर पर 35 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया।

क्या है मामला?

खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार गुप्ता द्वारा 27 सितंबर 2021 को प्रतिष्ठान संचालक की मौजूदगी में माधवनगर स्थित शंकर लखानी के खाद्य प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया गया। इस दौरान मौके पर विहित खाद्य पंजीयन नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान विक्रेता के मकान पर मिल्क केक और खोवा का भंडारण गंदे परिसर में पाया गया। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता संदिग्ध होने पर खोवा का नमूना लिया गया और विधिक प्रक्रिया पूरी की गई।

खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट

खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा 16 जनवरी 2021 को नमूने की परीक्षण रिपोर्ट प्रेषित की गई, जिसमें नमूना अवमानक पाया गया। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विक्रेता को सूचित किया गया, किंतु उन्होंने पुनः परीक्षण के लिए कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया। इस कारण खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के अंतर्गत विक्रेता के विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया।

न्यायालय की कार्यवाही

न्यायालय में उपस्थित होकर आवेदन प्राप्त करने के बाद भी विक्रेता ने अपना पक्ष नहीं रखा। आदेश की कार्यवाही के दौरान खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के उल्लंघन के कारण विक्रेता को दोषी ठहराया गया।

  • अवमानक खाद्य पदार्थ (लूज खोवा) विक्रय करने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना।

  • बिना खाद्य पंजीयन के खाद्य पदार्थों का कारोबार करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना।

  • कुल 35 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया।

30 दिनों में जमा करनी होगी जुर्माने की राशि

विक्रेता को निर्देश दिया गया है कि निर्धारित ट्रेजरी चालान के माध्यम से 30 दिनों के भीतर अर्थदंड की राशि जमा कर चालान की प्रति अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत करें। अन्यथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रावधानों के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत प्रशासन की यह कार्रवाई मिलावटखोरी पर लगाम लगाने और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। खाद्य विक्रेताओं को सतर्क रहना चाहिए और सभी नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि वे किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच सकें।

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