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मध्यप्रदेश की नई आबकारी नीति 2025-26: पवित्र क्षेत्रों में मदिरा दुकानें होंगी बंद



मध्यप्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति जारी

written & edited by : ADIL AZIZ

मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति जारी कर दी है। इस नीति के तहत प्रदेश के घोषित पवित्र क्षेत्रों में स्थित मदिरा दुकानों को 1 अप्रैल 2025 से बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और समाज में शराब के उपयोग को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

1 अप्रैल 2025 से पवित्र स्थलों पर मदिरा बिक्री पर प्रतिबंध

प्रदेश के उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, अमरकंटक, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर जैसे धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। इन क्षेत्रों में वाइन आउटलेट के लाइसेंस भी जारी नहीं किए जाएंगे और किसी भी प्रकार से मदिरा के संचालन की अनुमति नहीं होगी।

जिला कलेक्टरों के अधीन रहेगा मदिरा दुकानों का प्रशासन

प्रदेश में नए जिलों में मदिरा दुकानों का संचालन एवं प्रशासन जिला कलेक्टरों के अधीन होगा। जनजातीय समुदायों के हितों को ध्यान में रखते हुए वाइन शॉप पर वाइन एवं हेरिटेज मदिरा के विक्रय की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, एयरपोर्ट काउंटर पर भी हेरिटेज मदिरा की बिक्री जारी रहेगी।

दुकान परिसरों में मदिरापान पर प्रतिबंध

नई नीति के अनुसार, किसी भी मदिरा दुकान के परिसर में मदिरापान की अनुमति नहीं होगी। यह निर्णय सार्वजनिक स्थानों पर अनुशासन बनाए रखने और अव्यवस्था को रोकने के लिए लिया गया है।

जिला निष्पादन समिति का गठन

प्रत्येक जिले में जिला निष्पादन समिति गठित की जाएगी, जो मदिरा दुकानों के स्थानांतरण, उनके आरक्षित मूल्य निर्धारण, और अनुज्ञप्तिधारियों के पुनर्गठन से संबंधित कार्य करेगी। यदि अपरिहार्य परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, तो आबकारी आयुक्त द्वारा मदिरा दुकानों को बंद करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जा सकेगा।

अनुज्ञप्तिधारियों को नवीनीकरण का अवसर

वर्ष 2025-26 में सर्वप्रथम वर्तमान अनुज्ञप्तिधारियों को नवीनीकरण का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके बाद लॉटरी आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। यदि आरक्षित मूल्य का 80% या उससे अधिक राजस्व प्राप्त होता है, तो जिले को नवीनीकृत किया जाएगा। अन्यथा, ई-टेंडरिंग और ई-टेंडर कम ऑक्शन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

पॉइंट ऑफ सेल मशीनें होंगी अनिवार्य

सभी मदिरा दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल (POS) मशीनें स्थापित की जाएंगी। इन मशीनों के माध्यम से प्रत्येक मदिरा बोतल पर चस्पा एक्साइज एडहेसिव लेबल (EAL) को स्कैन कर ही विक्रय किया जाएगा। इससे अवैध बिक्री पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बनी रहेगी।

ब्लैकलिस्टेड व्यक्तियों को लाइसेंस नहीं

नई नीति के तहत ब्लैकलिस्टेड व्यक्तियों को मदिरा दुकानों के लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, विदेशी मदिरा भांडार को स्मार्ट वेयरहाउस में बदला जाएगा, जिसमें बायोमेट्रिक ई-लॉक की व्यवस्था होगी।

एयरपोर्ट पर विदेशी मदिरा काउंटर

भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर एयरपोर्ट के अलावा अन्य व्यावसायिक उड़ानें संचालित करने वाले एयरपोर्ट्स पर भी विदेशी मदिरा काउंटर के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे। यह काउंटर आगमन एवं प्रस्थान द्वार पर स्थापित किए जा सकते हैं।

नई श्रेणी ‘स्लो एल्कोहोलिक बीवरेज’ होगी शुरू

वर्ष 2025-26 से रेस्तरां बार के लिए ‘स्लो एल्कोहोलिक बीवरेज’ की एक नई श्रेणी शुरू की जाएगी। इसके तहत केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक विदेशी मदिरा (10% तक अल्कोहल युक्त) परोसने की अनुमति होगी। किसी भी प्रकार की स्पिरिट आधारित मदिरा पर प्रतिबंध रहेगा।

विशेष आयोजनों के लिए लाइसेंस फीस

व्यावसायिक आयोजनों में मदिरा परोसने के लिए एक विशेष अनुज्ञप्ति (FL-5) श्रेणी निर्धारित की गई है। लाइसेंस फीस कार्यक्रम में भाग लेने वाले व्यक्तियों की संख्या के आधार पर तय की जाएगी।

हेरिटेज मदिरा नीति बनी रहेगी यथावत

हेरिटेज मदिरा संबंधी नीति पूर्ववत बनी रहेगी। हेरिटेज मदिरा निर्माताओं को राज्य सरकार द्वारा वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) से छूट दी जाएगी। इससे स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा मिलेगा।

फलोद्यान विस्तार और वाइन निर्माण

नई नीति के तहत प्रदेश में उत्पादित अंगूर, जामुन, अन्य फलों एवं शहद से बनी वाइन के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा। वाइन निर्माताओं को उनके परिसर में खुदरा विक्रय के लिए एक आउटलेट स्वीकृत किया जाएगा। साथ ही, वाइन टेवर्न (टेस्टिंग सुविधा) की अनुमति भी दी जाएगी।

विदेशी मदिरा बॉटलिंग इकाइयों को विशेष अनुमति

नई नीति के तहत विशेष मदिरा के निर्माण, भंडारण, निर्यात, आयात एवं विक्रय की अनुमति विदेशी मदिरा बॉटलिंग इकाइयों को भी दी जा सकेगी। इससे मदिरा व्यापार में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

मध्यप्रदेश की नई आबकारी नीति 2025-26 धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने, अवैध बिक्री रोकने और मदिरा व्यापार को पारदर्शी बनाने पर केंद्रित है। सरकार का यह कदम समाज में संतुलन बनाए रखने और राज्य के पर्यटन एवं व्यवसायिक हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।


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