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महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टोल वसूली स्थगन की मांग

 


written & edited by : ADIL AZIZ

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को राहत देने की पहल

प्रयागराज में इस समय सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ 2025 चल रहा है। यह आयोजन न केवल भारत बल्कि विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र है। देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए संगम में स्नान कर रहे हैं। ऐसे में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना और यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

इसी संदर्भ में युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा (अंशु) ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखकर महाकुंभ समाप्ति तक टोल वसूली स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में बताया कि प्रयागराज आने-जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे पर मौजूद टोल नाकों पर अत्यधिक भीड़ के कारण भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इससे यात्री घंटों तक फंसे रहते हैं और महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


भीड़ और जाम के कारण यात्रियों को हो रही परेशानियां

महाकुंभ के चलते हाईवे और मुख्य सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु निजी वाहनों, बसों और टैक्सियों से यात्रा कर रहे हैं, जिससे टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव कई गुना बढ़ गया है। कई जगहों पर वाहनों की आवाजाही धीमी पड़ गई है, जिससे श्रद्धालुओं की समयबद्ध यात्रा बाधित हो रही है

  • कई यात्रियों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ रहा है।
  • श्रद्धालुओं को अपने धार्मिक अनुष्ठान के लिए समय पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
  • आपातकालीन वाहनों को भी जाम के कारण देरी हो रही है, जिससे मेडिकल सुविधाओं में बाधा उत्पन्न हो रही है।
  • रात के समय ठंड और सुरक्षा कारणों से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को असुविधा हो रही है।

टोल वसूली स्थगित करने की मांग क्यों जरूरी?

युवा कांग्रेस नेता दिव्यांशु मिश्रा (अंशु) ने अपने पत्र में यह सुझाव दिया है कि महाकुंभ की अवधि समाप्त होने तक टोल वसूली स्थगित कर दी जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार टोल कंपनियों को सरकारी खजाने से मुआवजा देकर वाहनों को निशुल्क निकालने के आदेश जारी करे

यदि यह मांग मानी जाती है, तो इससे कई लाभ होंगे:

  1. यात्रियों को राहत मिलेगी: श्रद्धालु बिना किसी रुकावट के आसानी से प्रयागराज तक पहुंच सकेंगे।
  2. यातायात सुगम होगा: टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से बचा जा सकेगा और मार्ग सुचारू रहेगा।
  3. आपातकालीन सेवाओं को फायदा मिलेगा: एंबुलेंस, पुलिस और अन्य आवश्यक वाहनों की आवाजाही आसान होगी।
  4. श्रद्धालुओं का अनुभव बेहतर होगा: धार्मिक भावना से जुड़ी इस यात्रा में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

यूपी सरकार और केंद्र सरकार की भूमिका

महाकुंभ 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं। प्रयागराज में इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिनमें सीसीटीवी कैमरे, पुलिस बल की तैनाती, अस्थायी अस्पतालों की व्यवस्था और स्वच्छता अभियान शामिल हैं।

हालांकि, इन सभी तैयारियों के बावजूद टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से निपटने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अगर सरकार इस सुझाव को मानती है, तो यह श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत होगी


राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जिसमें राजनीतिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से विशेष महत्व होता है। लाखों श्रद्धालुओं के बीच एक सकारात्मक संदेश देने के लिए सरकार को यह कदम उठाने पर विचार करना चाहिए।

  • युवा कांग्रेस का यह कदम जनता से जुड़ाव दिखाता है, जिससे पार्टी को राजनीतिक लाभ भी मिल सकता है।
  • टोल वसूली स्थगित करने से सरकार की छवि भी मजबूत होगी, क्योंकि यह एक जनहितकारी फैसला होगा।
  • स्थानीय व्यापारियों और होटल उद्योग को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि अधिक श्रद्धालु बिना किसी बाधा के प्रयागराज पहुंच सकेंगे।

महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए टोल वसूली स्थगित करना एक महत्वपूर्ण और आवश्यक कदम साबित हो सकता है। इससे न केवल यातायात की सुगमता बनी रहेगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी किसी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा

अब यह देखना होगा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देता है। यदि सरकार टोल नाकों पर शुल्क माफ करने का निर्णय लेती है, तो यह निश्चित रूप से श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत होगी।

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