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Kannauj Railway Station Accident: चश्मदीद ने बताया कैसे हुआ दर्दनाक हादसा, Asim Arun भी पहुंचे

 



कन्नौज रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा हादसा हुआ है। स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान लिंटर गिरने से तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह हादसा शुक्रवार को उस समय हुआ जब निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था और लिंटर डाला जा रहा था। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।

हादसा कैसे हुआ?

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर नई इमारत के निर्माण का कार्य चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, निर्माण के दौरान अचानक लिंटर का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। इस हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 40  लोग घायल हो गए।

चश्मदीद रामपाल ने बताया, "हम काम कर रहे थे और अचानक जोर की आवाज हुई। सब कुछ धड़ाम हो गया। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। हम में से कई लोग मलबे के नीचे दब गए।"

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। डीएम और एसपी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंचे डीएसई ने कहा, "यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

Asim Arun ने की घटनास्थल पर जांच

उत्तर प्रदेश government  के minister  Asim Arun भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने घटना का जायजा लिया और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा हो सकता है। हम पूरी जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को सज़ा मिले।" उन्होंने परिवारों को मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया।

घायलों का इलाज

हादसे में घायल हुए मजदूरों को तुरंत पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की हालत गंभीर है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए कानपुर रेफर किया गया है।

डॉ. अजय कुमार ने बताया, "घायलों में से तीन की हालत नाजुक है। उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया है। बाकी घायलों का इलाज सामान्य वार्ड में चल रहा है।"

हादसे के कारणों की जांच

रेलवे अधिकारियों ने हादसे की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था। इस लापरवाही की वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी अनिल शर्मा ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल की गई सामग्री मानकों के अनुरूप नहीं थी। पूरी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

परिवारों को मुआवजा और सहायता

उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही घायलों को मुफ्त इलाज और आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

हादसे के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। उन्होंने प्रशासन और रेलवे अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। स्थानीय निवासी राजेश वर्मा ने कहा, "यह हादसा प्रशासन की बड़ी चूक है। निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया, जिसकी वजह से मासूम मजदूरों की जान गई।"

सुरक्षा मानकों की अनदेखी?

इस हादसे ने रेलवे परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है। हालांकि, कन्नौज रेलवे स्टेशन के इस निर्माण कार्य में इन मानकों की अनदेखी की गई थी।

निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञ संजय मिश्रा ने कहा, "इस प्रकार की घटनाएं तब होती हैं जब निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जाती है। ठेकेदारों और अधिकारियों को जवाबदेह बनाना चाहिए।"

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर हुए इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल प्रशासन और निर्माण एजेंसियों की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर भी जोर देती है। उम्मीद है कि प्रशासन इस हादसे से सबक लेगा और सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देगा।


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