कटनी में संसदीय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी स्थाई समिति की ऐतिहासिक बैठक
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी (10 जनवरी 2025) – मध्यप्रदेश के कटनी जिले में पहली बार राज्यसभा की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्रबंधन (आईसीटीएम) पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक पहल ने न केवल क्षेत्रीय विकास को नया आयाम दिया बल्कि तकनीकी उन्नति के माध्यम से नागरिक सेवाओं को सशक्त करने और डेटा सुरक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया।
समिति की बैठक: तकनीकी विकास पर जोर
आईसीटीएम समिति की अध्यक्षता निरंजन बिस्सी ने की। बैठक में प्रमुख चर्चा डेटा सुरक्षा, साइबर धोखाधड़ी से निपटने और डिजिटल तकनीकों के उपयोग से सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाने पर केंद्रित रही। समिति के अन्य सदस्य, जैसे गुलाम अली और संयुक्त सचिव डॉ. कुशल पाठक, ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
यह दौरा 9 जनवरी से शुरू होकर 11 जनवरी तक चला। इसमें कटनी के संभागायुक्त अभय वर्मा, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन, और अन्य स्थानीय अधिकारियों ने भाग लिया।
पहली बैठक: डेटा सुरक्षा पर चर्चा
पहली बैठक में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, और बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डाक विभाग, म.प्र. स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ नागरिक डेटा सुरक्षा और साइबर धोखाधड़ी से निपटने के विषयों पर चर्चा हुई।
प्रतिभागियों ने डिजिटल अपराधों के बढ़ते खतरे और वित्तीय संस्थानों व कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। इसका उद्देश्य एक मजबूत डिजिटल सुरक्षा ढांचा तैयार करना था।
दूसरी बैठक: सांस्कृतिक संरक्षण की पहल
दूसरी बैठक में राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, और गैर-सरकारी संगठनों के अधिकारियों ने कटनी की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उपायों पर चर्चा की।
बैठक में डिजिटल रिपॉजिटरी बनाने की योजना पर विचार किया गया, जो प्राचीन मूर्तियों और शिल्पों को संरक्षित और प्रचारित करेगा। यह पहल क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
डिजिटल सुरक्षा और नवाचार के बीच संतुलन
समिति ने तकनीकी नवाचारों को अपनाने और डिजिटल सुरक्षा उपायों को लागू करने के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसका उद्देश्य था कि आधुनिकीकरण के साथ नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
वन्यजीव प्रबंधन में आईसीटी का उपयोग
कटनी में सफल बैठक के बाद समिति ने बांधवगढ़ का दौरा करने की योजना बनाई। वहां आईसीटी तकनीक के माध्यम से वन्यजीव प्रबंधन और बाघों के व्यवहार पर एआई आधारित अध्ययन पर विचार होगा।
शैल चित्रों और पचेली पुस्तक का विमोचन
बैठक के बाद समिति के चेयरमैन और अन्य सदस्य झिंझरी स्थित शैलवन पहुंचे। उन्होंने वहां के शैल चित्रों का अवलोकन किया और स्थानीय बोली में लिखी पुस्तक "पचेली" का विमोचन किया। यह कदम क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति को प्रोत्साहित करने की दिशा में सराहनीय प्रयास है।
आईसीटीएम समिति की यह पहल कटनी जैसे छोटे शहरी केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करके तकनीकी विकास की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करती है। यह समावेशी विकास और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए एक नई मिसाल पेश करती है।
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