मिथ्याछाप शक्कर का विक्रय करने पर जिला प्रशासन की कड़ी कार्यवाही 5 प्रतिष्ठानों पर 2.65 लाख रुपये का लगाया गया अर्थदंड
मिथ्याछाप शक्कर का विक्रय करने पर जिला प्रशासन की कड़ी कार्यवाही
5 प्रतिष्ठानों पर 2.65 लाख रुपये का लगाया गया अर्थदंड
कटनी जिले में मिलावटखोरी पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे "मिलावट से मुक्ति" अभियान के तहत कड़ी कार्यवाहियां की जा रही हैं। इस अभियान के तहत खाद्य पदार्थों में मिलावट, गुणवत्ता का उल्लंघन, और गलत ब्रांडिंग करने वाले प्रतिष्ठानों पर आर्थिक दंड लगाया जा रहा है। हाल ही में जिला प्रशासन ने 5 प्रतिष्ठानों पर मिथ्याछाप "रामदेव ब्रांड" शक्कर बेचने के मामले में 2.65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
कार्यवाही का विवरण
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी साधना कमलकांत परस्ते ने आदेश जारी करते हुए 5 प्रतिष्ठानों के संचालकों पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत कठोर कार्यवाही की। नियमों के उल्लंघन के आरोप में इन प्रतिष्ठानों पर कुल 2.65 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया। यह कार्यवाही इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उपभोक्ताओं की सुरक्षा और जिले में स्वच्छ और मानक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त कदम है।
मिथ्याछाप खाद्य पदार्थों का खतरा
जिला प्रशासन ने पाया कि ये प्रतिष्ठान "रामदेव ब्रांड" के नाम से मिथ्याछाप शक्कर बेच रहे थे, जो कि असली रामदेव ब्रांड नहीं था। ऐसी नकली और निम्न गुणवत्ता की शक्कर न केवल उपभोक्ताओं की सेहत के लिए खतरनाक होती है, बल्कि यह गलत मार्केटिंग और उपभोक्ताओं के विश्वास का भी हनन है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 का उल्लंघन कर ऐसी नकली सामग्री की बिक्री करने वालों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं।
कार्यवाही में शामिल प्रतिष्ठान और संचालक
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के आदेश में मुख्यत: रघुनाथगंज, कटनी स्थित मेसर्स शम्भूलाल कृष्णकुमार के संचालक कृष्ण कुमार सुहाने तथा रामदेव शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड ठेनी, बनखेड़ी तहसील के पांच निदेशक अनिल महेश्वरी, विवेक महेश्वरी, वैभव महेश्वरी और गगन महेश्वरी शामिल हैं। इन सभी पर मिथ्याछाप शक्कर के निर्माण और विक्रय का आरोप लगा है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धारा 26 (2) (पप) और धारा 52 (1) के तहत इन प्रतिष्ठानों को आर्थिक दंड से दंडित किया गया।
अर्थदंड का ब्योरा
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने खाद्य पदार्थ "रामदेव ब्रांड" शक्कर का मिथ्याछाप विक्रय करने के कारण:
- कृष्ण कुमार सुहाने पर 25 हजार रुपये का दंड।
- अनिल महेश्वरी पर 60 हजार रुपये का दंड।
- विवेक महेश्वरी पर 60 हजार रुपये का दंड।
- वैभव महेश्वरी पर 60 हजार रुपये का दंड।
- गगन महेश्वरी पर 60 हजार रुपये का दंड।
इस प्रकार, कुल 2.65 लाख रुपये का दंड सभी 5 प्रतिष्ठानों पर लगाया गया।
जमा करने की समय सीमा
जिला प्रशासन ने इन सभी संचालकों को निर्देश दिया है कि वे 30 दिनों के भीतर निर्धारित ट्रेजरी चालान के माध्यम से जुर्माने की राशि जमा करें और चालान की प्रति अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत करें। समय सीमा में राशि जमा न करने पर इन प्रतिष्ठानों पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के प्रावधानों के तहत और भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
मिलावट से मुक्ति अभियान का प्रभाव
मिलावटखोरी पर नकेल कसने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य खाद्य पदार्थों की शुद्धता और मानकों को बनाए रखना है। कटनी जिला प्रशासन की इस कार्यवाही ने यह संदेश दिया है कि मिलावट या नकली उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस अभियान के तहत जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जा रही है ताकि उपभोक्ता स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य सामग्री का उपभोग कर सकें।
उपभोक्ताओं के लिए संदेश
जिला प्रशासन का यह कदम उपभोक्ताओं को यह भरोसा दिलाता है कि वे जिन खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, वे मानकों पर खरे उतर रहे हैं। उपभोक्ताओं को भी सजग रहने की आवश्यकता है, और किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु के मामले में प्रशासन को सूचित करना चाहिए।
कटनी जिले में मिलावटखोरी के खिलाफ चल रहे इस अभियान ने जिले में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है। यह कार्यवाही एक चेतावनी है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट या मिथ्याछाप उत्पादों की बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए यह कदम स्वस्थ और सुरक्षित समाज की दिशा में एक सशक्त पहल है, और यह सुनिश्चित करता है कि कटनी के नागरिक सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य पदार्थों का उपभोग कर सकें।
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