"मिलावट से मुक्ति अभियान: आम के अचार में मिलावट पर हरे नारायण फूड प्रोडक्ट पर 25 हजार का जुर्माना"
मिलावटी आम के अचार का निर्माण एवं संग्रहण करने पर मेसर्स हरे नारायण फूड प्रोडक्ट को लगा 25 हजार रुपये का जुर्माना
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी (4 नवम्बर): कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देशानुसार, कटनी जिले में "मिलावट से मुक्ति" अभियान के तहत प्रशासन की कड़ी कार्यवाही जारी है। इसी क्रम में, न्याय निर्णायक अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी साधना कमलकांत परस्ते ने मिलावटी खाद्य सामग्री के विक्रय और संग्रहण के मामले में मेसर्स हरे नारायण फूड प्रोडक्ट रॉबर्ट लाइन के संचालक लखमीचंद पंजवानी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्यवाही खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत की गई है।
मामला क्या है?
कटनी जिले में मिलावट के खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक कुर्मी द्वारा 14 सितंबर 2019 को गठित जॉच दल ने रॉबर्ट लाइन स्थित अचार फैक्टरी, मेसर्स हरे नारायण फूड प्रोडक्ट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान फैक्टरी में विभिन्न प्रकार के अचार का निर्माण एवं संग्रहण पाया गया। इस दौरान जांच दल को आम के अचार में मिलावट की आशंका हुई, जिसके बाद अचार का नमूना जांच के लिए लिया गया। मौके पर ही पंचनामा तैयार कर विक्रेता और गवाहों के हस्ताक्षर करवाए गए।
जांच में क्या पाया गया?
खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा जाँच के बाद पाया गया कि आम का अचार मिथ्याछाप (मिलावटी) है। इसके बाद खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 की धारा के तहत आवश्यक कार्यवाही करते हुए मेसर्स हरे नारायण फूड प्रोडक्ट को सूचित किया गया कि वे नमूने के एक भाग को किसी निर्दिष्ट प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज सकते हैं।
कार्यवाही का सिलसिला
प्रकरण में अभियोजन की प्रक्रिया हेतु, कार्यालय अभिहित अधिकारी ने सभी जरूरी दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत किए। अनावेदक लखमीचंद पंजवानी ने सुनवाई के दौरान यह स्वीकार किया कि उनके प्रतिष्ठान में आम का अचार बनाया जाता है। हालांकि, उन्होंने ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जिससे यह सिद्ध हो सके कि यह आरोप निराधार है।
अनावेदक ने अपनी अनुपस्थिति के कारण न्यायालय में दाखिल आवेदन को उचित ठहराने का प्रयास किया, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। न्याय निर्णायक अधिकारी एवं अपर कलेक्टर साधना परस्ते ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अनावेदक लखमीचंद पंजवानी को मिथ्याछाप अचार के निर्माण एवं संग्रहण के आरोप में 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अर्थदंड का आदेश
जुर्माने की राशि अनावेदक को 30 दिन के भीतर निर्धारित ट्रेजरी चालान के माध्यम से जमा करनी होगी और चालान की प्रति न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी। ऐसा न करने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
मिलावट पर प्रशासन की सख्त निगरानी
कटनी जिले में मिलावट के खिलाफ प्रशासनिक अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सभी खाद्य पदार्थ निर्माताओं और विक्रेताओं को सख्त हिदायत दी जा रही है कि वे अपने उत्पादों में किसी भी प्रकार की मिलावट न करें। प्रशासन की यह मुहिम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण कदम है।
मिलावट का व्यापक असर
मिलावट से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। मिलावटी खाद्य पदार्थ न केवल उपभोक्ताओं की सेहत के लिए हानिकारक होते हैं, बल्कि यह खाद्य उत्पादकों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हैं। अचार जैसे उत्पादों में मिलावट, जो लंबे समय तक संग्रहित होते हैं, उपभोक्ताओं के लिए कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
मिलावट रोकने के लिए आवश्यक कदम
खाद्य उत्पादकों को चाहिए कि वे गुणवत्ता मानकों का पालन करें और अपने उत्पादों की जाँच नियमित रूप से कराएं। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान से न केवल जागरूकता बढ़ेगी बल्कि मिलावट पर भी नियंत्रण रहेगा। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को भी चाहिए कि वे उत्पाद की गुणवत्ता की जाँच कर खरीदारी करें और मिलावट की किसी भी आशंका की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
हरे नारायण फूड प्रोडक्ट के खिलाफ की गई यह कार्यवाही मिलावट के खिलाफ प्रशासन की सख्ती का प्रतीक है। कटनी जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मिलावट करने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे मामलों में प्रशासन की सख्ती न केवल मिलावट करने वालों के लिए चेतावनी है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति भी प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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