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कटनी में मेडिकल स्टोर मालिक को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत 3 वर्ष का कारावास

 

photo credit : news voice of india 

written & edited by : ADIL AZIZ

कटनी जिले में स्थित एक मेडिकल स्टोर के मालिक मुकेश कुमार सीतपाल को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के उल्लंघन के आरोप में 3 वर्ष की सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह सजा नवम अपर सत्र न्यायाधीश, जिला कटनी की अदालत ने 30 सितंबर 2024 को सुनाई, जिसमें मुकेश कुमार सीतपाल को बिना वैध लाइसेंस के दवाओं का व्यापार करने का दोषी पाया गया।


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मामले की शुरुआत: शिकायत और जांच

मेसर्स सुमित मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स, जो कटनी जिले के जिला चिकित्सालय के सामने स्थित है, उसके खिलाफ वर्ष 2019 में कलेक्टर कार्यालय से एक शिकायत प्राप्त हुई थी। इस शिकायत के आधार पर तत्कालीन एस.डी.एम. मुड़वारा और औषधि निरीक्षक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, कटनी द्वारा एक जांच दल का गठन किया गया।

जांच के दौरान, प्रोपराइटर मुकेश कुमार सीतपाल द्वारा मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए आवश्यक वैध औषधि अनुज्ञप्तियाँ प्रस्तुत नहीं की गईं। इसके अलावा, दुकान में संधारित दवाओं के क्रय बीजक भी उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद, औषधि निरीक्षक मनीषा धुर्वे द्वारा नियमानुसार दुकान में मौजूद सभी एलोपैथिक दवाओं को जब्त कर लिया गया और पंचनामा तैयार किया गया।

लाइसेंस का नवीनीकरण न कराना बना अपराध की वजह

जांच में यह बात सामने आई कि मुकेश कुमार सीतपाल के मेडिकल स्टोर का लाइसेंस वर्ष 1998 तक ही वैध था। इसके बाद, उन्होंने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया। हालाँकि, वर्ष 2013 में उन्होंने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन सभी आवश्यक दस्तावेज कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किए। इसके बाद, वर्ष 2017 में एमपी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एक और आवेदन किया गया, लेकिन इसमें भी जरूरी दस्तावेजों की कमी थी, जिसके कारण आवेदन निरस्त कर दिया गया।

मुकेश कुमार द्वारा लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को पूरा न करने और बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर का संचालन करने के आरोप में वर्ष 2019 में उनकी दुकान की जांच की गई।


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न्यायालयीन कार्यवाही और सजा

वर्ष 2021 में इस मामले को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, जिला कटनी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहाँ से मामला अपर सत्र न्यायालय तक पहुंचा। न्यायालयीन प्रक्रिया वर्ष 2021 से लेकर 2024 तक चली, और इस दौरान मुकेश कुमार सीतपाल द्वारा वैध औषधि अनुज्ञप्तियाँ और दवाओं के क्रय बीजक प्रस्तुत नहीं किए गए।

अंततः, 30 सितंबर 2024 को नवम अपर सत्र न्यायाधीश ने मुकेश कुमार सीतपाल को दोषी करार दिया। उन्हें औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा-18 (सी) के उल्लंघन में धारा-27 (बी) (पप) के तहत 3 वर्ष की सश्रम कारावास और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न भरने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त 6 माह का कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा, धारा-18 (ए) के उल्लंघन में धारा-28 के तहत उन्हें 1 वर्ष की सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई, जिसके व्यतिक्रम में 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का महत्व

औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 देश में दवाओं और प्रसाधन सामग्री के निर्माण, वितरण और बिक्री को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में बिकने वाली दवाएं और अन्य चिकित्सा उत्पाद मानक गुणवत्ता के हों और मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हों।

बिना वैध लाइसेंस के दवाओं का व्यापार करना इस अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध माना जाता है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि इससे लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है, क्योंकि अनियंत्रित और बिना मानक दवाओं का उपयोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

कानून का पालन और समाज की सुरक्षा

यह मामला एक उदाहरण है कि किस प्रकार कानून का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाती है। बिना लाइसेंस और बिना उचित दस्तावेजों के दवाओं का व्यापार न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

स्वास्थ्य से जुड़े व्यवसायों में कानून का पालन और आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करना बेहद जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त हों, जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखें।

कटनी के इस मामले में मुकेश कुमार सीतपाल को दी गई सजा यह स्पष्ट संदेश देती है कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून सख्त कदम उठाएगा। चिकित्सा से जुड़ी किसी भी व्यापारिक गतिविधि में नियमों का पालन अनिवार्य है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही या नियमों का उल्लंघन गंभीर परिणामों की ओर ले जा सकता है।

कानून का पालन और समय पर लाइसेंस नवीनीकरण सुनिश्चित करना न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है ताकि सभी को सुरक्षित और मानक दवाइयां मिल सकें।


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