चोर मचाये शोर: योगी आदित्यनाथ के विकास और सुशासन का यूपी मॉडल
written by ASHWINI BADGAIYA
गले के जोर से राजनीति का नारा: उत्तर प्रदेश का दावा और हकीकत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है, इन दिनों अपने राज्य के विकास और सुशासन के मॉडल का जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में दावा किया है कि उत्तर प्रदेश आज देश के लिए विकास और सुशासन का मॉडल तय कर रहा है। वे कहते हैं, "आज विकास का मॉडल क्या होना चाहिए - ये उत्तर प्रदेश तय करता है। आज सुशासन का मॉडल क्या होना चाहिए - ये उत्तर प्रदेश तय करता है। आज कानून व्यवस्था कैसी होनी चाहिए - ये उत्तर प्रदेश तय करता है।"
लेकिन योगी आदित्यनाथ के इस दावे की वास्तविकता क्या है? क्या वास्तव में उत्तर प्रदेश देश को विकास, सुशासन और कानून व्यवस्था का मॉडल दे रहा है, या यह केवल गले के जोर से की गई राजनीति है?
हकीकत का आइना: गूगल पर सर्च करें और देखें सच्चाई
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जो हालात हैं, उन्हें गूगल पर सर्च कर आसानी से देखा जा सकता है। प्रदेश में हर रोज बढ़ते अपराध, महिला सुरक्षा की गंभीर स्थिति, और घूसखोरी के मामलों में हुई बढ़ोतरी से जुड़ी खबरें गूगल पर भरी पड़ी हैं।
महिला सुरक्षा: एक डरावनी हकीकत
बाराबंकी में 9 साल की बच्ची से रेप, अयोध्या में दलित बच्ची से दरिंदगी, ग्रेटर नोयडा में पति-पत्नी की हत्या, और फर्रुखाबाद में दो सहेलियों के पेड़ पर लटके शव—ये घटनाएं केवल कुछ उदाहरण हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में उत्तर प्रदेश नम्बर वन है।
योगी आदित्यनाथ के दावे कि उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था में सुधार कर रहा है, इन घटनाओं के प्रकाश में कमजोर पड़ते दिखते हैं। इसके विपरीत, यह राज्य महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित बन चुका है।
घूसखोरी और भ्रष्टाचार: सुशासन का दावा ध्वस्त
योगी आदित्यनाथ के सुशासन के दावे भी भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामले में बुरी तरह फेल हो चुके हैं। हाल के महीनों में यूपी के कई जिलों में पुलिस, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य सरकारी विभागों में घूसखोरी के मामले सामने आए हैं।
लखनऊ में जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर को दो लाख की घूस लेते गिरफ्तार किया गया, जबकि मुरादाबाद में सिंचाई विभाग के जिलेदार ने पचास हजार की घूस लेते हुए पकड़ा गया। इन घटनाओं से साफ हो जाता है कि उत्तर प्रदेश का सुशासन मॉडल केवल एक दिखावा है।
विकास का दावा: नाम बदलने और बुलडोजर चलाने तक सीमित
योगी आदित्यनाथ के अनुसार, उत्तर प्रदेश विकास के नए मानक स्थापित कर रहा है। लेकिन यह विकास केवल नाम बदलने और मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर चलाने तक सीमित है। एनसीआरबी की रिपोर्ट और यूपी की स्थिति को देखते हुए, यह दावा भी केवल एक राजनीतिक हथकंडा नजर आता है।
हाल ही में, बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी को भाजपा में मंडल अध्यक्ष बनाया गया और उनका फूलों के हार से स्वागत किया गया। यह घटना योगी सरकार के सुशासन और कानून व्यवस्था के दावों को खुली चुनौती देती है।
शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा: यूपी की बदहाल स्थिति
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी बेहतरीन कार्य कर रहा है। लेकिन ग्राउंड रियलिटी इसके बिल्कुल विपरीत है। सरकारी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों में घूसखोरी, भ्रष्टाचार और छात्रों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घटनाएं आम हो गई हैं।
इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार की नीतियां केवल कागजी साबित हो रही हैं। जनता के बीच योगी सरकार की नीतियों को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश का मॉडल—एक भयावह सच
योगी आदित्यनाथ के दावे कि उत्तर प्रदेश देश को विकास, सुशासन और कानून व्यवस्था का मॉडल दे रहा है, पूरी तरह से खोखले नजर आते हैं। यह राज्य न केवल महिला सुरक्षा के मामले में, बल्कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामलों में भी फिसड्डी साबित हो रहा है।
उत्तर प्रदेश का मॉडल केवल नाम बदलने, बुलडोजर चलाने और राजनीतिक दावे करने तक सीमित रह गया है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां हर डिठाई एक अतिरिक्त योग्यता मानी जाती है, और गले के जोर से किए गए दावे ही राजनीति की मुख्य धारा बन चुके हैं।
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