कटनी में कलेक्टर द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन पर 34 पशुपालकों पर दर्ज हुई एफआईआर: मवेशियों को खुला छोड़ने पर प्रशासन का कड़ा रुख
कटनी (31 अगस्त) - कटनी जिले में कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी दिलीप कुमार यादव द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन पर अब तक 34 पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। नेशनल हाईवे और जिले के अन्य व्यस्त सड़कों पर घूमते मवेशियों के कारण हो रही दुर्घटनाओं और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर द्वारा यह कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, जिससे पशुपालकों को अपने मवेशियों को खुले में छोड़ने से रोका जा सके।
कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन: सार्वजनिक सुरक्षा के लिए चुनौती
कटनी जिले में नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इससे न केवल सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा है, बल्कि मानव जीवन और पशुओं की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। इस समस्या को देखते हुए, कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया। इस आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या संस्था अपने मवेशियों को सड़कों पर खुला नहीं छोड़ सकता।
एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया: प्रशासन की सख्ती
कलेक्टर यादव ने जिले के राजस्व, पुलिस, पंचायत ग्रामीण विकास, और नगरीय निकायों के अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की, जिसमें उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया को और अधिक सख्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पुलिस द्वारा दिए गए तीनों फार्मों में वांछित जानकारी भरकर प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन की एफआईआर कराते समय संबंधित पुलिस थाना या चौकी को उपलब्ध कराएं।
नगर निगम और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
कटनी नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक श्याम कनोजिया द्वारा 30 अगस्त को पशुओं में लगे टैग की स्कैनिंग से पशुपालकों की पहचान की गई और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। मुड़वारा क्षेत्र के कन्हैया लाल, कैलाश यादव, ईश्वर दीन कुशवाहा, और शशिकांत कुशवाहा के विरुद्ध कोतवाली पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा, कुठला थाना में राजनारायण पांडेय और एनकेजे थाना में राम कुमार साहू के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई।
जिले भर में सख्त कार्रवाई: 34 पशुपालकों पर एफआईआर दर्ज
30 अगस्त को जिले में कुल 18 पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जबकि 31 अगस्त को 16 और पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस प्रकार, कुल 34 पशुपालकों के विरुद्ध अब तक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। बडवारा, स्लीमनाबाद, कुठला, विजयराघवगढ़, और बहोरीबंद पुलिस थानों में भी कई पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें सुंदर सिंह, दिलबहार सिंह, राम विनोद पांडेय, और मथुरा चौधरी जैसे पशुपालक शामिल हैं।
कलेक्टर का सख्त रुख: आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने साफ किया है कि पशुपालकों के खिलाफ की जा रही यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की मंशा है कि सभी पशुपालक अपने मवेशियों को घरों में बांध कर रखें और उन्हें सड़कों पर न छोड़ें। यदि किसी ने भी आदेश का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई जिले में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
प्रतिबंधात्मक आदेश का उद्देश्य: सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करना
कलेक्टर यादव द्वारा 23 अगस्त को जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर मवेशियों के घूमने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना है। इसके अलावा, यह आदेश शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है। मवेशियों के खुले में घूमने से न केवल सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है, बल्कि शहर में गंदगी और बीमारियों का भी प्रसार होता है।
जनमानस की प्रतिक्रिया: प्रशासन के कड़े कदम की सराहना
जिले के नागरिकों ने कलेक्टर के इस कदम की सराहना की है। कई लोगों का मानना है कि सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा न केवल दुर्घटनाओं का कारण बनता है, बल्कि यह शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। प्रशासन की इस सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि पशुपालक अब अपने मवेशियों को सड़कों पर खुला नहीं छोड़ेंगे और इससे शहर की स्थिति में सुधार होगा।
निष्कर्ष: कटनी में सख्ती से लागू हो रहा है प्रतिबंधात्मक आदेश
कटनी जिले में कलेक्टर द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत 34 पशुपालकों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, जिससे सड़कों पर मवेशियों के घूमने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव का सख्त रुख यह दिखाता है कि प्रशासन जिले की सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर गंभीर है और किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा।
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