कटनी नगर निगम में कमिश्नर की नियुक्ति पर 50 लाख की बोली: वरिष्ठ पार्षद मौसूफ बिट्टू का तंज
कटनी (31 अगस्त) - कटनी नगर निगम में कमिश्नर पद की नियुक्ति पर हो रही देरी को लेकर वरिष्ठ पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष एडवोकेट मौसूफ बिट्टू का सोशल मीडिया पोस्ट इस समय चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस पोस्ट में बिट्टू ने राज्य सरकार और स्थानीय नगर सरकार पर तीखा तंज कसा है, जिसमें उन्होंने कटनी नगर निगम में कमिश्नर की नियुक्ति के लिए 50 लाख रुपये की बोली की चर्चा की है।
कमिश्नर पद की नियुक्ति में हो रही देरी: प्रशासन की विफलता या पैसों की लालच?
वरिष्ठ पार्षद मौसूफ बिट्टू ने अपने वक्तव्य में कटनी नगर निगम में कमिश्नर की नियुक्ति में हो रही देरी को शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई 2024 को तत्कालीन कमिश्नर विनोद शुक्ला की सेवानिवृत्ति के बाद से अब तक नगर निगम में नए कमिश्नर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। यह पहली बार है जब निगम में एक महीने से अधिक समय से कमिश्नर का पद खाली है।
कमिश्नर की बोली: भ्रष्टाचार या सत्ता की अनदेखी?
बिट्टू ने अपने पोस्ट में लिखा कि इस बार कटनी नगर निगम के नए कमिश्नर की नियुक्ति के लिए बोली 20-25 लाख रुपये से बढ़कर 50 लाख रुपये तक पहुंच गई है। उनके अनुसार, यह बोली अब भी जारी है, जिससे साफ होता है कि प्रशासन में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिट्टू का यह तंज केवल प्रशासन पर नहीं, बल्कि सत्ता की अनदेखी और पैसे के लालच को भी उजागर करता है।
स्थानीय सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर सवाल
बिट्टू ने कहा कि यह स्थिति बेहद शर्मनाक है, खासकर जब स्थानीय पंचायत से लेकर प्रदेश और केंद्र तक सभी स्तरों पर भारतीय जनता पार्टी का शासन है। कटनी क्षेत्र से संबंधित प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद, नगर निगम में कमिश्नर की नियुक्ति को लेकर हो रही देरी ने सभी जनप्रतिनिधियों की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने भाजपा के स्थानीय और प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से मांग की कि अगर बोली लग चुकी हो तो अब कमिश्नर की नियुक्ति कर दी जाए ताकि नगर निगम के कार्य फिर से सुचारू रूप से चल सकें।
कटनी नगर निगम में प्रशासनिक कार्यों की ठप स्थिति
बिट्टू के अनुसार, कटनी नगर निगम में कमिश्नर की अनुपस्थिति के कारण पिछले एक महीने से प्रशासनिक कार्य ठप पड़े हैं। कोई नई योजना नहीं बन पा रही है, न ही आवश्यक खरीदारी हो रही है। यहां तक कि शहर में फॉगिंग मशीन चलाने, जेसीबी भेजने, या मवेशियों को पकड़ने जैसे आवश्यक कार्य भी नहीं हो रहे हैं। नगर में अंधकार बढ़ता जा रहा है और प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
आम जनता की परेशानियाँ: क्या नगर निगम सुन रहा है?
बिट्टू ने अपने पोस्ट में इस बात पर भी जोर दिया कि नगर निगम की इस ठप स्थिति से कटनी के निवासी बेहद परेशान हैं। नागरिकों को अब नए कमिश्नर का बेसब्री से इंतजार है, ताकि नगर निगम के प्रशासनिक कार्य फिर से पटरी पर आ सकें और आम जनजीवन में राहत मिल सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बोली प्रक्रिया में उलझी नगर निगम की यह स्थिति, जनहित को प्राथमिकता न देने का उदाहरण है।
समाधान की उम्मीद: पार्षद बिट्टू की मांग
बिट्टू ने भाजपा के स्थानीय और प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और जितनी जल्दी हो सके, नए कमिश्नर की नियुक्ति कराएं। उनका मानना है कि कमिश्नर की नियुक्ति के बाद ही नगर निगम के प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल पाएंगे और शहर की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
निष्कर्ष
कटनी नगर निगम में कमिश्नर की नियुक्ति को लेकर चल रही इस चर्चा ने प्रशासन और सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ पार्षद मौसूफ बिट्टू के इस तंज ने न केवल प्रशासनिक विफलता को उजागर किया है, बल्कि भ्रष्टाचार और पैसों की लालच की ओर भी इशारा किया है। अब देखना यह है कि भाजपा के जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और कब तक कटनी नगर निगम में नया कमिश्नर नियुक्त होता है।
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