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राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वछंद विचरण करने वाले पशुओं के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई: पहली एफ.आई.आर दर्ज

 



written & edited by ADIL AZIZ

कटनी (30 अगस्त) - कटनी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य सड़कों पर स्वछंद विचरण करने वाले पशुओं के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, घुमंतु पशुओं के 10 पशुपालकों के खिलाफ स्लीमनाबाद थाना में एफ.आई.आर दर्ज की गई है। यह जिले की पहली एफ.आई.आर है जो सड़कों पर विचरण करते पशुओं के मामले में दर्ज की गई है।

पशुओं की पहचान: टैग स्कैनिंग से पशुपालकों की पहचान

सड़कों पर घूमते पशुओं के कान में लगे टैग की स्कैनिंग करके पशुपालकों की पहचान की गई। यह कार्यवाही पशु चिकित्सक देवांगना चतुर्वेदी द्वारा की गई। टैग स्कैनिंग के माध्यम से स्लीमनाबाद तहसील के ग्राम छपरा, देवरी, सिहुड़ी, और सलैया फाटक के पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। एफ.आई.आर दर्ज होने वाले पशुपालकों में श्यामलाल, ज्योति गुप्ता, रामसेवक, जयप्रकाश विश्वकर्मा, राजू पिता किशोरी, विष्णु प्रसाद, राम स्वरूप, रामप्रकाश मौर्य, पुन्नू लाल चौधरी, और रमेश काछी शामिल हैं।

कार्रवाई की प्रक्रिया: भारतीय न्याय संहिता के तहत प्राथमिकी

यह प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दर्ज की गई है। स्लीमनाबाद तहसील के ग्राम छपरा के कोटवार लटोरी चक्रवर्ती की ओर से 10 पशुपालकों के खिलाफ यह प्राथमिकी स्लीमनाबाद थाना में दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के अंतर्गत ग्राम छपरा, देवरी, सिहुड़ी, और सलैया फाटक के क्षेत्रों में की गई है।

कलेक्टर का सख्त रुख: आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई

कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य सड़क मार्गों पर विचरण करने वाले पशुओं के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए थे। इस आदेश के उल्लंघन पर पशुपालकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। यह कदम प्रशासन की गंभीरता और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए आवश्यक कदम को दर्शाता है।

घटनाओं का बढ़ता दायरा: पशुओं के कारण हो रही दुर्घटनाएं

राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य सड़कों पर घूमते पशुओं के कारण हो रही दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह घटनाएं न केवल सड़क पर चलने वाले यात्रियों के लिए खतरनाक हैं, बल्कि पशुओं के जीवन के लिए भी हानिकारक हैं। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम से उम्मीद है कि सड़कों पर घूमते पशुओं की समस्या में सुधार आएगा और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।

सख्त संदेश: पशुपालकों के लिए चेतावनी

यह कार्रवाई पशुपालकों के लिए एक सख्त संदेश है कि वे अपने पशुओं को सड़कों पर नहीं छोड़ें। यदि पशुपालक अपने पशुओं की उचित देखभाल नहीं करेंगे और उन्हें सड़कों पर घूमने देंगे, तो उन्हें कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। यह कदम समाज में जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम

कलेक्टर दिलीप कुमार यादव द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश जाता है। यह कार्रवाई दर्शाती है कि प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

भविष्य की दिशा: पशुधन संवर्धन और सड़क सुरक्षा

जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति की बैठक में उठाए गए इस कदम से भविष्य में सड़कों पर घूमते पशुओं की समस्या में सुधार की उम्मीद है। प्रशासन को चाहिए कि वह पशुपालकों को जागरूक करें और उन्हें अपने पशुओं की उचित देखभाल करने के लिए प्रेरित करें।

यह घटना हमें यह सिखाती है कि पशुओं की सुरक्षा और सड़क सुरक्षा के लिए प्रशासनिक सुधार आवश्यक है। प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने पदीय दायित्वों का ईमानदारी से पालन करें और समाज की सुरक्षा को सर्वोपरि मानें।

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