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हाईवे और मुख्य मार्गों पर घुमंतु गौवंशों की सुरक्षा: जिले में गौशालाओं में भेजने की मुहिम शुरू




written and edited by : Adil Aziz अगस्त 23, 2024

गौवंशों को शासकीय और निजी गौशालाओं में सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है

मुख्य सड़कों से तटीय पंचायतों में मुनादी कराकर पशुपालकों से खुला न छोड़ने की अपील

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कटनी (23 अगस्त) - जिले में राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य सड़कों पर घुमंतु गौवंशों की संख्या बढ़ने से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा था। खासकर बरसात के मौसम में, सड़कों पर गौवंशों के जमावड़े से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से एक विशेष मुहिम चलाई गई। इस मुहिम के तहत, जिले भर के गौवंशों को शासकीय और निजी गौशालाओं और अस्थाई गौ-आश्रय स्थलों में सुरक्षित पहुंचाने का काम किया जा रहा है।

कलेक्टर के निर्देश पर शुरू हुई मुहिम

जिले के कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर, हाईवे और जिले के मुख्य सड़कों से लगे ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सचिवों, और रोजगार सहायकों की बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों में उन्हें गौवंशों के स्वच्छंद विचरण से उत्पन्न समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें इन पशुओं को गौशालाओं में भेजने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा, ग्राम पंचायतों में मुनादी कराकर पशुपालकों से अपील की गई कि वे अपने पशुओं को सड़कों पर खुला न छोड़ें।








गौवंशों को सुरक्षित पहुंचाने की प्रक्रिया

इस मुहिम के तहत, नगर निगम ने 14-14 सदस्यों की दो टीमों का गठन किया है, जो आवारा मवेशियों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित गौशालाओं में पहुंचा रही हैं। यह टीमें पीरबाबा बाईपास से चाका बाईपास और जुहला बाईपास से जगन्नाथ चौक तक सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इस कार्य के लिए स्वास्थ्य अधिकारी संजय सोनी को प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, बहोरीबंद एसडीएम राकेश चौरसिया ने नेशनल हाईवे के तटीय ग्राम पंचायतों में सरपंचों, सचिवों, पटवारी, कोटवार और रोजगार सहायकों की बैठकें आयोजित कीं, जिसमें गौवंशों के सड़कों पर घूमने से होने वाली दुर्घटनाओं और असुविधाओं पर चर्चा की गई।

विभिन्न विकासखंडों में मुहिम का असर

विकासखंड ढीमरखेड़ा में मुख्य सड़कों पर विचरण करने वाले गौवंशों को गौशालाओं में भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई। यहां की ग्राम पंचायत पौंडी खुर्द सहित अन्य मार्गों से भी पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसी प्रकार, रीठी में ग्राम पंचायत निटर्रा और बिरूहली के सड़कों पर जमा मवेशियों को भी गौशालाओं में पहुंचाया गया।

घायल पशुओं के उपचार की व्यवस्था

सड़कों पर दुर्घटनाग्रस्त मवेशियों और घायल पशुओं के उपचार के लिए चलित पशु एंबुलेंस 1962 की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा, नजदीकी पशु अस्पतालों में भी उपचार की सुविधा दी जा रही है।

गौशालाओं में चारा-पानी की व्यवस्था

शासकीय और निजी तौर पर संचालित गौशालाओं में चारा-पानी की व्यवस्था की जा रही है। इन गौशालाओं के संचालकों और संबंधित संस्थाओं द्वारा पशुओं के भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अस्थाई गौ-आश्रय स्थलों के लिए संबंधित ग्राम पंचायतें और नगरीय निकायों द्वारा भी चारा-पानी का प्रबंध किया जा रहा है।

जनता से अपील

मुहिम के तहत ग्राम पंचायतों में मुनादी कराकर पशुपालकों से अपील की गई है कि वे अपने मवेशियों को सड़कों पर न छोड़ें। इससे न केवल सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा, बल्कि मवेशियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी।

निष्कर्ष

गौवंशों की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से शुरू की गई यह मुहिम जिले में सुचारू रूप से चल रही है। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देशन में किए गए ये प्रयास न केवल मवेशियों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि यातायात को भी सुगम बना रहे हैं। यह मुहिम पशुपालकों के सहयोग और जागरूकता के साथ ही सफल हो सकती है। इस प्रयास में सभी ग्राम पंचायतों और नगर निकायों का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।



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