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अमानक और मिलावटी खाद्य सामग्री पर जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही: तीन प्रतिष्ठानों पर 95 हजार रुपये का जुर्माना



written and edited by : Adil Aziz अगस्त 23, 2024

कटनी जिले में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। 'मिलावट से मुक्ति' अभियान के तहत चल रही सख्त कार्यवाहियों के बीच, प्रशासन ने अमानक और मिलावटी खाद्य सामग्री के विक्रय और संग्रहण पर तीन प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इस अभियान के तहत न्याय निर्णायक अधिकारी और अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी साधना कमलकांत परस्ते ने तीन प्रतिष्ठानों के संचालकों पर कुल 95 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्यवाही न केवल खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज में स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य उत्पादों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भी की गई है।

अमानक और मिलावटी खाद्य सामग्री पर प्रशासन की कार्रवाई

जिला प्रशासन द्वारा अमानक, मिथ्याछाप और मिलावटी खाद्य सामग्री के विक्रय व संग्रहण के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसमें विशेष रूप से उन प्रतिष्ठानों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं और जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रशासन ने इस दिशा में कड़े कदम उठाए हैं और ऐसे प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाने के साथ ही लाइसेंस और पंजीयन को भी निलंबित किया है।

तीन प्रतिष्ठानों पर जुर्माना: मामले की विस्तृत जानकारी

1. विनय गुप्ता - न्यू सांई कृपा किराना एंड जनरल स्टोर, मेन रोड, एन.के.जे.

विनय गुप्ता द्वारा संचालित न्यू सांई कृपा किराना एंड जनरल स्टोर पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम का उल्लंघन करते हुए अमानक चना दाल का संग्रहण और विक्रय करने का मामला सामने आया। इस पर प्रशासन ने 35 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है। चना दाल, जो कि एक मुख्य खाद्य पदार्थ है, उसमें मिलावट या गुणवत्ता में कमी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। ऐसे में यह जुर्माना न केवल एक दंडात्मक कदम है, बल्कि एक सख्त संदेश भी है कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

2. विकास साहू - शंकर भोजनालय, शासकीय जिला चिकित्सालय के सामने, मुड़वारा

विकास साहू द्वारा संचालित शंकर भोजनालय पर अमानक पनीर का संग्रहण और विक्रय करने का आरोप पाया गया। पनीर, जो कि रोजमर्रा के भोजन का हिस्सा है, उसमें मिलावट या गुणवत्ता में कमी होना सीधे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। इस पर प्रशासन ने 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस कार्यवाही से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर बेहद सख्त है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

3. विनोद छतीजा - खैबर लाईन सिंधु धर्मशाला के पीछे

विनोद छतीजा द्वारा बिना पंजीयन खाद्य पदार्थों का विक्रय करने का मामला सामने आया। बिना पंजीयन खाद्य पदार्थों का विक्रय खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इस पर प्रशासन ने 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने का उद्देश्य उन सभी खाद्य विक्रेताओं को चेतावनी देना है जो बिना पंजीयन के खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं।

जुर्माने की प्रक्रिया और आगामी कदम

प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, तीनों प्रतिष्ठानों के संचालकों को निर्धारित ट्रेजरी चालान के माध्यम से जुर्माने की राशि तीस दिन के भीतर जमा करनी होगी। चालान की प्रति अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी। यदि जुर्माना समय पर नहीं भरा गया, तो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रशासनिक कदम सभी व्यापारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है, और इनका उल्लंघन करने पर सख्त सजा मिलेगी।

'मिलावट से मुक्ति' अभियान: कटनी में स्वच्छता की पहल

कटनी जिले में 'मिलावट से मुक्ति' अभियान के तहत की जा रही कार्रवाई न केवल प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी उजागर करती है। इस अभियान के तहत जिला प्रशासन मिलावटी और अमानक खाद्य पदार्थों की जांच और निगरानी में जुटा हुआ है। इस तरह की सख्त कार्रवाइयों से न केवल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि उपभोक्ताओं का विश्वास भी बढ़ेगा।

अमानक खाद्य पदार्थों से जुड़े जोखिम

अमानक और मिलावटी खाद्य पदार्थ उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इनमें उपस्थित हानिकारक रसायन और मिलावटें पेट के रोग, फूड पॉइजनिंग, एलर्जी, और लंबे समय में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। इसलिए, प्रशासन की यह पहल न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत आवश्यक है।

जिला प्रशासन द्वारा कटनी में अमानक और मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ की गई इस सख्त कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रशासन बेहद गंभीर है। तीन प्रतिष्ठानों पर लगाए गए 95 हजार रुपये के जुर्माने से अन्य व्यापारियों को भी सीख लेने की आवश्यकता है कि वे खाद्य सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करें। 'मिलावट से मुक्ति' अभियान के तहत ऐसी कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी, जिससे समाज में स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।



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