कटनी में एनएसयूआई का 'कैंपस चलो अभियान' शुरू: छात्रों को जागरूक करने का अनूठा प्रयास
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने प्रदेश भर में 'कैंपस चलो अभियान' की शुरुआत की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनकी समस्याओं और अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मार्गदर्शन में मप्र एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चोकसे ने इस अभियान को संचालित किया। इस अभियान के तहत छात्र नेताओं ने छात्रों को जागरूक करने के लिए चार महत्वपूर्ण मांगों को लेकर माँग पत्र जारी किया है।
कैंपस चलो अभियान: एनएसयूआई का 'कैंपस चलो अभियान' कटनी सहित पूरे मध्यप्रदेश में छात्रों की समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के तहत छात्र नेताओं ने कटनी में छात्रों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए एक मांग पत्र तैयार किया है। इस मांग पत्र में प्रमुख चार मुद्दे शामिल हैं जो प्रदेश के छात्रों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
माँग पत्र की प्रमुख माँगें:
पेपर लीक मामलों पर कड़े कानून: छात्रों की पहली और सबसे महत्वपूर्ण मांग यह है कि पेपर लीक के मामलों में कड़े कानून बनाए जाएं। पेपर लीक के कारण छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है और उनकी मेहनत व्यर्थ हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए एनएसयूआई ने सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग की है ताकि ऐसे मामलों पर रोक लगाई जा सके।
छात्रवृत्ति को लोकसेवा अधिनियम में शामिल करना: दूसरी मांग यह है कि छात्रवृत्ति को लोकसेवा अधिनियम में शामिल किया जाए। इससे छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति मिल सकेगी और उनकी शिक्षा में कोई बाधा नहीं आएगी। एनएसयूआई का मानना है कि यह कदम छात्रों की शिक्षा को और सुदृढ़ करेगा और उन्हें आर्थिक समस्याओं से राहत दिलाएगा।
2017 से रुके छात्र संघ चुनावों का प्रारंभ: तीसरी मांग यह है कि 2017 से रुके हुए छात्र संघ चुनावों को फिर से शुरू किया जाए। छात्र संघ चुनाव छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हिस्सा हैं और इन्हें बहाल करना आवश्यक है ताकि छात्रों की आवाज को सुना जा सके और उनके मुद्दों का समाधान हो सके।
सबको शिक्षा, सबको प्रवेश की नीति: चौथी और अंतिम मांग यह है कि प्रदेश में 'सबको शिक्षा, सबको प्रवेश' की नीति को लागू किया जाए। इससे सभी छात्रों को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा का अधिकार मिलेगा और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह नीति प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
प्रभारी शुभंशु कनोजिया और मोहोम्मद अली का योगदान: कटनी में इस अभियान को सफल बनाने के लिए एनएसयूआई ने शुभंशु कनोजिया और मोहोम्मद अली को प्रभारी नियुक्त किया है। ये दोनों ही छात्र नेता कटनी में आकर छात्रों के बीच इस अभियान को लेकर जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैंपस चलो अभियान के अंतर्गत छात्रों को उनकी मांगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी और उन्हें यह समझाया जाएगा कि ये मांगे उनके भविष्य के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।
पत्रकार वार्ता और छात्र नेता: कटनी में इस अभियान की शुरुआत के दौरान एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष शुभम् मिश्रा ने एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। इस वार्ता में उन्होंने बताया कि यह अभियान छात्रों के अधिकारों और उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से छात्रों को जागरूक किया जाएगा और उन्हें उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संगठित किया जाएगा। इस मौके पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंशू मिश्रा, अजय खटिक, आशीष चतुर्वेदी, विकास दूबे, अभय तिवारी, विकास तिवारी, शुभम् अहीरवार, प्रियांशु तिवारी सहित कई अन्य छात्र नेता भी उपस्थित रहे।
अभियान का व्यापक प्रभाव: 'कैंपस चलो अभियान' केवल कटनी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे प्रदेश भर में संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत एनएसयूआई के कार्यकर्ता और छात्र नेता प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर छात्रों से मिल रहे हैं और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य छात्रों की समस्याओं को सरकार के सामने लाना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना है।
छात्रों की प्रतिक्रिया: अभियान के प्रति छात्रों की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक रही है। छात्रों ने एनएसयूआई के इस प्रयास की सराहना की और उम्मीद जताई कि इस अभियान के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान होगा। छात्रों ने कहा कि यह अभियान उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और वे इसके माध्यम से अपनी आवाज को बुलंद कर सकते हैं।
निष्कर्ष: एनएसयूआई का 'कैंपस चलो अभियान' कटनी सहित पूरे मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान के माध्यम से एनएसयूआई ने छात्रों की समस्याओं को उजागर किया है और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने का प्रयास किया है। इस अभियान के तहत जारी किए गए मांग पत्र में शामिल चार प्रमुख मुद्दे छात्रों के भविष्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यह अभियान छात्रों को संगठित करने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का एक सफल प्रयास साबित हो सकता है। अब यह देखना बाकी है कि सरकार इन मांगों पर क्या कदम उठाती है और छात्रों के हित में क्या निर्णय लेती है।
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