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कटनी जीआरपी की तालिबानी कार्रवाई: मानवता को शर्मसार करता वीडियो आया सामने


written & edited by : ADIL AZIZ

 कटनी जीआरपी (Government Railway Police) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसने पुलिस की बर्बरता और मानवता के पतन की एक और कहानी को उजागर किया है। इस वीडियो में एक बुजुर्ग महिला और उसके नाबालिग नाती को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। इस घटना ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है और पुलिस की छवि पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह वीडियो न केवल पुलिस के अमानवीय व्यवहार को दिखाता है, बल्कि समाज में व्याप्त पुलिसिया अत्याचार की ओर भी इशारा करता है।

तालिबानी कार्रवाई: कटनी जीआरपी का यह वीडियो ऐसा है जिसे देखकर कोई भी इंसान विचलित हो सकता है। वीडियो में झर्रा टिकुरिया की रहने वाली एक अधेड़ महिला और उसके नाबालिग नाती को कटनी जीआरपी की टीआई अरुणा वाहने और उनके स्टाफ द्वारा बेरहमी से पीटा जा रहा है। महिला को पहले टीआई ने लाठियों से पीटा और जब वह थक गईं, तो उनके स्टाफ ने अपनी बारी ली और हिंसा जारी रखी। इस तालिबानी कार्रवाई में महिला और उसके नाती की चीखें वीडियो में साफ सुनी जा सकती हैं, जो इस घटना की गंभीरता को और भी बढ़ा देती हैं।

वीडियो का वायरल होना: इस वीडियो का वायरल होना पुलिस प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के सामने आते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और सवाल उठने लगे कि आखिर पुलिस को इतना अधिकार किसने दिया कि वह कानून को अपने हाथ में लेकर इस तरह का अमानवीय व्यवहार कर सके। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। कटनी जीआरपी टीआई अरुणा वाहने ने इस मामले में अब तक कोई बयान नहीं दिया है, जिससे लोगों का आक्रोश और भी बढ़ गया है।

कांग्रेस का विरोध: इस घटना ने राजनीतिक स्तर पर भी हंगामा मचा दिया है। कांग्रेस ने इस वीडियो को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस वीडियो को राज्यपाल के सामने रखने की तैयारी की है। उन्होंने कहा है कि यह घटना मध्यप्रदेश में पुलिसिया अत्याचार का एक और उदाहरण है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सड़कों पर उतरने की चेतावनी भी दी है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

पीड़ित की दास्तां: दीप राज बंसकार, जो कि पीड़ित महिला का नाती है, ने इस घटना के बारे में बताया कि  बिना किसी कारण के पिटाई शुरू कर दी। दीप राज ने कहा, "हमें समझ नहीं आया कि हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है।  मेरी दादी की हालत बहुत खराब हो गई है, और मैं खुद भी बहुत डर गया हूं।" इस बयान से यह साफ होता है कि पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अनावश्यक थी, बल्कि गैरकानूनी भी थी।

पुलिस की चुप्पी: इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कटनी जीआरपी टीआई अरुणा वाहने और उनके स्टाफ ने अब तक इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। उनकी चुप्पी इस बात को और भी पुख्ता करती है कि पुलिस का यह बर्ताव कहीं न कहीं उनके अधिकारों का दुरुपयोग है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे पुलिसकर्मियों ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया और निर्दोष लोगों पर अत्याचार किया।

सामाजिक आक्रोश: इस घटना के बाद समाज के विभिन्न वर्गों में भी आक्रोश फैल गया है। लोगों ने इसे पुलिस की बर्बरता और कानून के राज की विफलता करार दिया है। समाज के कई वर्गों ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जोरदार बहस छिड़ी हुई है, जिसमें लोग पुलिस के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।

राज्य सरकार की जिम्मेदारी: इस घटना ने राज्य सरकार की जिम्मेदारी को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। यह सवाल उठता है कि आखिर राज्य सरकार अपने पुलिस बल को किस तरह से प्रशिक्षित कर रही है और क्या उसे इस बात का ज्ञान है कि उसकी पुलिस जनता की सेवा के बजाय उन्हें प्रताड़ित करने का काम कर रही है। अगर इस मामले में राज्य सरकार जल्द से जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो यह घटना राज्य सरकार की छवि को भी धूमिल कर सकती है।

निष्कर्ष: कटनी जीआरपी द्वारा की गई यह तालिबानी कार्रवाई मानवता के लिए एक बड़ा धब्बा है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर पुलिस को नियंत्रित नहीं किया गया, तो वह कानून को अपने हाथ में लेकर जनता के साथ अत्याचार कर सकती है। इस घटना के बाद यह आवश्यक हो गया है कि पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करें और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

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