सार्वजनिक सड़कों पर आवारा मवेशियों का आतंक: जिला प्रशासन की सख्ती और जुर्माने की कार्यवाही
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी, 27 अगस्त - सार्वजनिक मार्गों पर मवेशियों का आवारा विचरण और यातायात की बाधा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। जिले में प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए एक सख्त अभियान चलाया है। मवेशियों के कारण हो रहे हादसों और यातायात में रुकावटों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सड़कों से आवारा मवेशियों को हटाने और पशुपालकों पर जुर्माना लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि पशुपालकों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना भी है।
मवेशियों के आवारा विचरण पर कार्रवाई: जिला प्रशासन ने मवेशियों के आवारा विचरण पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। नगर निगम के उपायुक्त पवन अहिरवार ने बताया कि मंगलवार को इस अभियान के तहत चार पशुपालकों पर कुल 1100 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इन पशुपालकों ने अपने पालतू मवेशियों को सार्वजनिक मार्गों पर छोड़ दिया था, जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही थी। जुर्माना लगाकर इन पशुपालकों को भविष्य में मवेशियों को निर्धारित स्थलों पर बांधकर रखने की हिदायत दी गई है।
जुर्माने की राशि और पशुपालकों के नाम: अभियान के तहत, बाबू जगजीवन राम वार्ड के निवासी मुकेश सिंह पर 200 रुपये, आचार्य विनोबा भावे वार्ड के निवासी राजेश पटेल पर 200 रुपये, हनुमान वार्ड के निवासी नीलेश पर 200 रुपये, और दीन दयाल उपाध्याय वार्ड के निवासी लखन पटेल पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह कार्रवाई मवेशियों के कारण हो रही असुविधाओं को देखते हुए की गई है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जुर्माने की राशि को और भी बढ़ाया जा सकता है।
सार्वजनिक सुरक्षा और प्रशासन की भूमिका: सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, प्रशासन ने इस प्रकार की कार्यवाही को जारी रखने की योजना बनाई है। सार्वजनिक मार्गों पर मवेशियों के विचरण से होने वाले दुर्घटनाओं और यातायात में होने वाली असुविधाओं को रोकने के लिए, यह कदम आवश्यक हो गया है। प्रशासन का मानना है कि यह कदम न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि पशुपालकों को भी जिम्मेदार बनाएगा।
मवेशियों को गौशाला और गौ आश्रय केन्द्रों में भेजना: इस अभियान के तहत, प्रशासन ने आवारा मवेशियों को पकड़कर गौशाला और गौ आश्रय केन्द्रों में भेजने का भी प्रबंध किया है। इससे न केवल सड़कों पर मवेशियों के कारण होने वाले हादसों में कमी आएगी, बल्कि मवेशियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। गौशालाओं में मवेशियों की उचित देखभाल की जा रही है, जिससे पशुपालक भी अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
भविष्य की कार्यवाही: जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के अभियान को नियमित रूप से चलाया जाएगा और सार्वजनिक सड़कों पर मवेशियों के आवारा विचरण को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। पशुपालकों को बार-बार चेतावनी देने के बावजूद, यदि वे अपने मवेशियों को सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जुर्माने की राशि बढ़ाने और मवेशियों को जब्त करने की प्रक्रिया को भी तेज किया जाएगा।
निष्कर्ष: सार्वजनिक सड़कों पर मवेशियों का आवारा विचरण एक गंभीर समस्या है, जो न केवल यातायात को बाधित करती है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बनती है। जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम से उम्मीद है कि भविष्य में इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। प्रशासन की इस पहल से न केवल मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि सड़कों पर यातायात भी सुगम होगा। पशुपालकों को भी यह समझना होगा कि उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर रखें, ताकि अन्य नागरिकों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
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