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कटनी जिले में वर्ष 2024: बारिश के आंकड़े और प्रभाव

 


written & edited by : Adil Aziz

कटनी (2 अक्टूबर) - कटनी जिले में इस वर्ष बारिश का औसत पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक रहा है। 1 जून 2024 से 2 अक्टूबर 2024 तक कुल 506.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 456.8 मिलीमीटर से 49.5 मिलीमीटर अधिक है। अधीक्षक भू-अभिलेख डॉ. राकेश कुमार ने इस वर्ष की वर्षा के आंकड़े प्रस्तुत किए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जिले में विभिन्न तहसीलों में अलग-अलग मात्राओं में बारिश हुई है।

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जिले में वर्षा के आंकड़े

कटनी जिले में विभिन्न तहसीलों में वर्षा के आंकड़े निम्नलिखित हैं:

  • कटनी: 544.0 मिलीमीटर
  • रीठी: 628.4 मिलीमीटर
  • बड़वारा: 272.0 मिलीमीटर
  • बरही: 282.0 मिलीमीटर
  • विजयराघवगढ़: 245.1 मिलीमीटर
  • बहोरीबंद: 395.2 मिलीमीटर
  • स्लीमनाबाद: 818.2 मिलीमीटर
  • ढीमरखेड़ा: 862.6 मिलीमीटर

वर्षा के कारण जिले पर प्रभाव

जिले में हुई इस अधिक वर्षा का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ा है। कुछ क्षेत्रों में फसलों को लाभ हुआ है, तो कुछ क्षेत्रों में अधिक बारिश के कारण समस्याएँ भी उत्पन्न हुई हैं।

कृषि पर प्रभाव

  1. फसल उत्पादन में वृद्धि: अधिक वर्षा के कारण फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हुआ, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है। खासकर धान, मक्का और दलहन की फसलों को इसका काफी लाभ मिला है।
  2. कटाई में समस्याएं: अत्यधिक वर्षा के कारण कटाई में भी कुछ समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं। किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ी है।

ग्रामीण जीवन पर प्रभाव

  1. पानी की आपूर्ति में सुधार: अधिक वर्षा के कारण जलाशयों और तालाबों में पानी की मात्रा बढ़ी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति में सुधार हुआ है।
  2. सड़कों की स्थिति: बारिश के कारण कई क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति खराब हो गई है, जिससे आवागमन में कठिनाई हो रही है। खासकर कटनी के भट्टा मोहल्ला झर्रा टिकुरिया जैसे क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर है।

पर्यावरण पर प्रभाव

  1. जलवायु परिवर्तन: अधिक वर्षा जलवायु परिवर्तन के संकेत भी हो सकते हैं, जिससे आने वाले समय में मौसम के पैटर्न में बदलाव हो सकता है।
  2. जलीय जीवन: तालाबों और नदियों में पानी की मात्रा बढ़ने से जलीय जीवन में भी सुधार हुआ है, जिससे मछलियों और अन्य जलीय जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है।

समस्याओं का समाधान

जिले में अधिक वर्षा से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. जल निकासी प्रणाली में सुधार: स्थानीय प्रशासन को जल निकासी प्रणाली में सुधार करना चाहिए ताकि अधिक बारिश के कारण जलजमाव न हो और सड़कों की स्थिति सुधारी जा सके।
  2. किसानों के लिए सहायता: किसानों को अधिक वर्षा से फसलों को बचाने के लिए आवश्यक सहायता और सलाह दी जानी चाहिए। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की टीम गठित की जा सकती है जो किसानों को उचित मार्गदर्शन दे सके।
  3. पर्यावरण संरक्षण: अधिक वर्षा के कारण होने वाले पर्यावरणीय प्रभावों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण के उपाय किए जाने चाहिए। इससे जलीय जीवन और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकेगा।

स्थानीय प्रशासन की भूमिका

कटनी जिले में अधिक वर्षा से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिले में जल निकासी प्रणाली सही ढंग से काम कर रही हो और सड़कों की स्थिति में सुधार हो सके। इसके अलावा, किसानों को समय पर सहायता और सलाह दी जानी चाहिए ताकि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकें।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिक वर्षा के कारण जल निकासी प्रणाली में कोई समस्या न हो। इसके अलावा, उन्हें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

सामुदायिक भागीदारी

स्थानीय समुदाय को भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाना चाहिए और समस्याओं के समाधान में सहयोग करना चाहिए। सामुदायिक भागीदारी से ही समस्याओं का स्थायी समाधान संभव है।

निष्कर्ष

कटनी जिले में इस वर्ष अधिक वर्षा होने के कारण विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ा है। कृषि, ग्रामीण जीवन और पर्यावरण पर इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव देखने को मिले हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए स्थानीय प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय समुदाय को मिलकर काम करना होगा।

स्थानीय प्रशासन को जल निकासी प्रणाली में सुधार करना चाहिए और किसानों को सहायता प्रदान करनी चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। सामुदायिक भागीदारी से ही समस्याओं का स्थायी समाधान संभव है। इस प्रकार, कटनी जिले के लोग एक बेहतर और सुरक्षित जीवन जी सकेंगे।

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