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केंद्रीय बजट 2024: आम जनता की उम्मीदों पर पानी, विपक्ष का कड़ा विरोध

 



लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट 2024 में आम जनता की उम्मीदों को झटका लगा है। पेट्रोल, डीजल, खाने का तेल, बिजली, दवाइयां और खाद्य सामग्री जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में किसी भी प्रकार की कमी की घोषणा नहीं की गई है। इस बजट से बेरोजगार युवाओं को निराशा हाथ लगी है और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए गए वादे भी खोखले साबित हुए हैं।

बजट की मुख्य विशेषताएं और उनकी समीक्षा

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर कोई राहत नहीं

जनता की एक बड़ी अपेक्षा थी कि इस बजट में पेट्रोल, डीजल, खाने का तेल, बिजली, दवाइयां और खाद्य सामग्री की कीमतों में कमी की जाएगी, जिससे उनके जीवन में आर्थिक भार कम हो सके। लेकिन बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई, जिससे लोगों को निराशा हाथ लगी है।

बेरोजगारी का मुद्दा

वित्त मंत्री द्वारा युवाओं के लिए 1 करोड़ इंटर्नशिप देने की घोषणा की गई है। लेकिन यह योजना भी केवल चुनावी वादों का दोहराव है। बेरोजगार युवाओं के लिए यह किसी झुनझुने से कम नहीं है। वास्तविक रोजगार के अवसरों की कमी के कारण युवा वर्ग सरकार से निराश है।

महिला सशक्तिकरण की स्थिति

बजट में महिला सशक्तिकरण को आत्मनिर्भर बनाने का वादा किया गया था, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। महिलाओं के लिए नई योजनाओं की कमी और उनके हितों का ध्यान न रखने से यह वादा भी खोखला साबित हुआ है।

विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

राजा जगवानी, कार्यकारी अध्यक्ष, शहर जिला कांग्रेस कमेटी, कटनी

राजा जगवानी ने कहा, "केंद्र सरकार के बजट 2024 में आम जनता की उम्मीदों को निराशा मिली है। पेट्रोल, डीजल, खाने का तेल, बिजली, दवाइयां और खाद्य सामग्री की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है। बेरोजगार युवाओं के लिए हाथ में झुनझुना पकड़ा दिया गया है और महिला सशक्तिकरण के वादे भी झूठे साबित हुए हैं।"

बजट का प्रभाव

आम जनता पर असर

बजट में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कोई कमी न होने से आम जनता पर आर्थिक भार बना रहेगा। पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से परिवहन लागत बढ़ेगी, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें भी बढ़ेंगी। खाने का तेल और खाद्य सामग्री की कीमतों में भी कोई राहत नहीं दी गई है, जिससे आम जनता की दिनचर्या प्रभावित होगी।

निवेशकों पर प्रभाव

बजट की घोषणाओं के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। निवेशकों को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह दो दशक के सबसे खराब बजट का असर है और इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

बेरोजगारी की समस्या

बेरोजगार युवाओं के लिए बजट में केवल इंटर्नशिप की योजना लाई गई है, जो पर्याप्त नहीं है। देश में रोजगार के वास्तविक अवसरों की कमी है और इस बजट ने इस समस्या का समाधान नहीं किया है।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार के बजट 2024 ने आम जनता की उम्मीदों को निराश किया है। पेट्रोल, डीजल, खाने का तेल, बिजली, दवाइयां और खाद्य सामग्री की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है, जिससे लोगों को आर्थिक राहत नहीं मिल पाई है। बेरोजगार युवाओं के लिए बजट में केवल झुनझुना पकड़ा दिया गया है और महिला सशक्तिकरण के वादे भी खोखले साबित हुए हैं।

विपक्ष ने इस बजट की तीखी आलोचना की है और इसे आम जनता के खिलाफ बताया है। राजा जगवानी, कार्यकारी अध्यक्ष, शहर जिला कांग्रेस कमेटी, कटनी ने कहा कि यह बजट लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।

देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और आम जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक ठोस बजट की आवश्यकता है। सरकार को जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए और वास्तविक विकास की दिशा में काम करना चाहिए।

केंद्र सरकार का बजट 2024 आम जनता की उम्मीदों को पूरा करने में असफल साबित हुआ है। जनता की अपेक्षाएं अभी भी अधूरी हैं और उन्हें एक बेहतर बजट की आवश्यकता है जो उनकी जरूरतों को पूरा कर सके और देश को आर्थिक मजबूती की दिशा में ले जा सके।

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