चमक पड़ी फीकी...:100 एकड़ में फैले साई सेंटर में खेल और खिलाड़ी दोनों की संख्या रह गई आधी
15 साल पहले साई रीजनल सेंटर भोपाल का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स सेंटर था लेकिन अब वो चमक-धमक नजर नहीं आ रही है। खेलों और खिलाड़ियों की संख्या भी लगभग आधी हो गई है। जब यह सेंटर खुला था, तब धनराज पिल्लै , एमसी मेरीकॉम, एल सरिता देवी समेत देश के लगभग सभी बड़े स्टार प्लेयर यहां कैंप में ट्रेनिंग लेकर ही विदेशी टूर को जाते थे। यहां छह खेलों हॉकी, बॉक्सिंग, जूडो, वुशू, एथलेटिक्स और कयाकिंग-केनोइंग की ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन अब यहां मात्र 4 खेल ही बचे हैं जिनकी ट्रेनिंग दी जा रही है। दो खेल पूरी तरह बंद कर दिए हैं। पहले बॉक्सिंग बंद की, फिर वुशु भी बंद कर दिया गया। पहला कारण, पहले जब भोपाल में साईं ट्रेनिंग सेंटर चलता था, तब यहां परमानेंट कोचों की भरमार थी। हॉकी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, जूडो, बैडमिंटन, क्रिकेट, जूडो, बास्केटबॉल, स्विमिंग के परमानेंट कोच थे। समय के साथ-साथ हॉकी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, क्रिकेट, बास्केटबॉल, स्विमिंग के कोच रिटार्ड होते चले गए। दूसरा कारण साई भोपाल को जूडो सेंटरिक कर दिया गया है। यहां पर देश भर के टॉप जूडो प्लेयर एकत्रित कर दिए गए हैं। जो यहां पर ट्रेनिंग ले रहे हैं। बेंगलुरू को हॉकी और एथलेटिक्स का मुख्य सेंटर बनाया गया है। इसलिए हॉकी और एथलेटिक्स का सारा क्रीम वहां पर शिफ्ट हो गया है। वुशु पटियाला शिफ्ट हो गया है। इसलिए भी चमक थोड़ी फीकी पड़ी। एथलेटिक्स से नहीं निकला कोई बड़ा खिलाड़ी दिग्विजय सिंह सरकार ने साई के लिए दी थी 100 एकड़ जमीन और एक करोड़ रुपए 2000 में जब भोपाल में साई सेंटर की स्थापना हो रही थी, तब दिग्विजय सिंह सरकार ने इस केंद्र के लिए 100 एकड़ जमीन आवंटित की थी। केंद्रीय खेलमंत्री विक्रम वर्मा और उमा भारती के कार्यकाल में इस सेंटर का निर्माण हुआ। तब साई ट्रेनिंग सेंटर लिंक रोड नंबर-1 पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग की हॉस्टल में संचालित होता था। जैसे ही यह सेंटर 2002 में निर्मित हुआ तो लिंक रोड नंबर-1 से साई ट्रेनिंग सेंटर ग्राम गोरा-विशनखेड़ी सिफ्ट हो गया। यहां यह सुविधा है मौजूद... साई सेंटर में दो हॉकी टर्फ मैदान है। एक स्टेडियम नुमा जहां टूर्नामेंट के मैच होते हैं जबकि दूसरी प्रैक्टिस पिच है। एक सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रेक है। दो मल्टीपरपज इंडोर हॉल, एक स्विमिंग पूल, एक प्रशासनिक भवन, 6 वातानुकूलित हॉस्टल, अधिकारियों और कर्मचारियों का रेसिडेंशियल ब्लाॅक, एक ग्रास क्रिकेट ग्राउंड, जिस पर छह प्रैक्टिस विकेट है। 16 करोड़ में जूडो हॉल बनेगा... इसके अलावा साई भोपाल में क्रिकेट ग्राउंड से सटी जमीन पर एक जूडो हाॅल बनेगा, जिसकी लागत 16 करोड़ रुपए है। यह राशि साई भोपाल को आवंटित हो भी हो गई है। जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी। जूडाे हॉल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अभी जूडो की ट्रेनिंग बड़े मल्टीपरपज हाल में चल रही है। साई भोपाल की चमक कभी फीकी नहीं पड़ेगी। ना ही अभी पड़ी है। देश के सभी सेंटर साई के हैं और एक्सीलेंस लेवल के हैं। हमारे जो भी कोर ग्रुप के प्लेयर हैं, उन्हें हम हमारे मुख्य सेंटर पर शिफ्ट कर देते हैं। जैसे देश के अधिकतर स्टार जूडो प्लेयर भोपाल शिफ्ट हुए हैं, ठीक वैसे ही हमारे हॉकी और एथलेटिक्स के प्रमुख खिलाड़ियों को हम बेंगलुरु शिफ्ट कर देते हैं। विष्णु सुधाकरण, रीजनल डायरेक्टर, साई सेंटर भोपाल व प्रभारी मप्र-छत्तीसगढ़
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