मध्यप्रदेश को रेलवे की बड़ी सौगात : चार राज्यों में मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं को मिली मंजूरी
रेल कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक सुधार, क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे
Written & Edited By : आदिल अज़ीज़
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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🚆 प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ऐतिहासिक निर्णय
कटनी (07 अक्टूबर)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित केन्द्रीय मंत्रि-मंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने देश के चार राज्यों — मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ — में रेलवे की चार मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
इन परियोजनाओं से न सिर्फ रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि औद्योगिक विकास, माल ढुलाई और पर्यटकों की आवाजाही को भी नई गति मिलेगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय प्रदेश के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक बड़ी छलांग है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को और मजबूती मिलेगी।
🌐 पीएम गति शक्ति योजना के तहत तैयार परियोजनाएं
इन सभी परियोजनाओं को PM-Gati Shakti National Master Plan के तहत मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य देश के विभिन्न परिवहन माध्यमों — रेल, सड़क, जल और हवाई मार्ग — को एकीकृत रूप से जोड़ना है ताकि लॉजिस्टिक लागत कम हो और गति अधिक मिले।
इन मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक दक्षता और औद्योगिक उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
इससे नागरिकों, वस्तुओं और सेवाओं को निर्बाध संपर्क मिलेगा और ट्रेनों की परिचालन क्षमता में कई गुना बढ़ोतरी होगी।
🗺️ मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में स्वीकृत रेलवे परियोजनाएं
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत चार प्रमुख परियोजनाओं का विवरण इस प्रकार है:
- इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन (मध्यप्रदेश) — 237 किलोमीटर लंबी यह लाइन प्रदेश की सबसे अहम परियोजनाओं में से एक है।
- बड़ोदरा-रतलाम तीसरी और चौथी लाइन (गुजरात-मध्यप्रदेश) — 259 किलोमीटर लंबी यह लाइन पश्चिम भारत के औद्योगिक गलियारों को जोड़ेगी।
- वर्धा-भुसावल तीसरी और चौथी लाइन (महाराष्ट्र) — 314 किलोमीटर लंबा खंड, मालगाड़ियों और यात्रियों दोनों के लिए गति लाएगा।
- गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन (महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) — 84 किलोमीटर लंबी यह लाइन कोयला और इस्पात परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है।
कुल 894 किलोमीटर की इन चार परियोजनाओं पर लगभग 24,634 करोड़ रुपये की लागत आएगी, और इन्हें वित्त वर्ष 2030-31 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
🌾 विकास के नए आयाम : रोजगार और संपर्कता में वृद्धि
इन परियोजनाओं से लगभग 3,633 गांवों और 18 जिलों के करीब 85 लाख 84 हजार नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
दो आकांक्षी जिले — विदिशा और राजनांदगांव — भी अब रेलवे नेटवर्क से बेहतर रूप में जुड़ जाएंगे।
मध्यप्रदेश में बनने वाली नई रेल लाइनों से सांची, सतपुड़ा बाघ अभयारण्य, भीमबेटका शैलाश्रय, हज़ारा जलप्रपात, और नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को भी बेहतर रेल संपर्क मिलेगा।
यह प्रदेश में धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों को देशभर के पर्यटकों तक पहुंचाने में सहायक होगा।
🏗️ रेलवे नेटवर्क को नई दिशा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि रेलवे नेटवर्क की यह वृद्धि न केवल यात्रा सुविधाओं को बढ़ाएगी, बल्कि भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता को भी नई ऊंचाई देगी।
मल्टी-ट्रेकिंग यानी पटरियों की संख्या बढ़ने से ट्रेनों की रफ्तार और समयबद्धता में सुधार होगा।
इससे मालगाड़ियों को प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी और यात्रियों को भी समय पर सेवाएं मिल सकेंगी।
इन परियोजनाओं के पूरे होने से भारतीय रेलवे की नेटवर्क क्षमता में 78 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता जुड़ जाएगी।
🌱 पर्यावरणीय लाभ और ऊर्जा दक्षता
रेल मंत्रालय के अनुसार, इन परियोजनाओं से हर वर्ष 139 करोड़ किलोग्राम तक कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 6 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
इसके अलावा, 28 करोड़ लीटर तेल आयात की बचत भी होगी, जिससे देश की विदेशी मुद्रा भंडार को राहत मिलेगी।
रेलवे का यह पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन तंत्र न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि भारत के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
🚉 भारतीय रेलवे की दक्षता में बड़ा सुधार
नई मल्टी-ट्रेकिंग लाइनों के बनने से भारतीय रेलवे की सेवा विश्वसनीयता, यात्रा समय, और सुरक्षा मानकों में बड़ा सुधार आएगा।
ट्रैक क्षमता बढ़ने से ट्रेनों के बीच फासला कम होगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी और रेल परिचालन अधिक सुचारू रूप से हो सकेगा।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इन लाइनों से विशेष रूप से कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न और इस्पात जैसी वस्तुओं के परिवहन को गति मिलेगी।
इससे देश के औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
🌍 आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा —
“रेलवे लाइन क्षमता में बढ़ोतरी से गतिशीलता बढ़ेगी, जिससे परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों का व्यापक विकास होगा और रोजगार-स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।”
वास्तव में यह निर्णय नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जहां विकास केवल शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि गांवों और कस्बों तक पहुंच रहा है।
चार राज्यों में स्वीकृत ये मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाएं भारतीय रेलवे के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगी।
इनसे जहां आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी, वहीं पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत में भी मदद होगी।
मध्यप्रदेश के लिए यह परियोजना एक “डबल इंजन विकास” की मिसाल बनेगी — जहां केंद्र और राज्य सरकार मिलकर विकास के पथ को तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं।
देश के विकास की पटरी अब और चौड़ी होने जा रही है —
क्योंकि रेल भी बदलेगी, और भारत भी आगे बढ़ेगा।
Written & Edited By : आदिल अज़ीज़
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