गौ-शालाएं बनेंगी ‘गौ-मंदिर’ : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव — प्राकृतिक खेती को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन, किसानों को समर्थन मूल्य के साथ अतिरिक्त राशि
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इंदौर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया गोवर्धन पूजन, गौ-शालाओं के आत्मनिर्भर मॉडल को मिलेगी नई दिशा
इंदौर (22 अक्टूबर) – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य की गौ-शालाओं को समाज और सरकार के सहयोग से अब ‘गौ-मंदिर’ के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हर गौ-शाला में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह बातें इंदौर जिले के हातोद तहसील के खजूरिया स्थित रेशम केन्द्र गौ-शाला में आयोजित गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में कही।
मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गोवर्धन पूजन करते हुए प्रदेश में गौ-संवर्धन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का संदेश दिया।
🕉️ गौ-शालाओं को गौ-मंदिर के रूप में विकसित करने का संकल्प
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “गाय का दूध अमृत के समान है, जो शरीर को स्वस्थ और मन को प्रसन्न रखता है। गाय केवल बछड़े का नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता का पोषण करती है।” उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हम गौ-शालाओं को सिर्फ आश्रय स्थल नहीं, बल्कि धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक केंद्रों के रूप में विकसित करें।
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी नगर निकाय अपनी सीमा में स्थित गौ-शालाओं का संचालन व्यवस्थित रूप से करें। साथ ही, खुले में विचरण करने वाली गायों को पिंजरे में नहीं, बल्कि सुरक्षित गौ-शालाओं में रखा जाएगा, जहां उनकी संपूर्ण देखभाल होगी।
🌾 प्राकृतिक खेती को मिलेगा प्रोत्साहन और अतिरिक्त लाभ
मुख्यमंत्री ने किसानों को बड़ा संदेश देते हुए कहा कि प्रदेश में जो किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उन्हें समर्थन मूल्य के अलावा अतिरिक्त राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल किसानों को रासायनिक खादों से दूर रखेगी और मिट्टी की सेहत को सुधारने में मदद करेगी।
डॉ. यादव ने बताया कि गौ-शालाओं से उत्पन्न गोबर और गोमूत्र का उपयोग प्राकृतिक खेती में किया जाएगा, जिससे “गौ आधारित कृषि” को नई दिशा मिलेगी।
👧 बालिका महक शर्मा को किया सम्मानित
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गोवर्धन पर्वत की सुंदर सजावट करने वाली बालिका महक शर्मा को सम्मानित किया। उन्हें 5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई और साथ ही मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त 11 हजार रुपये देने की घोषणा की। महक की रचनात्मकता को सराहते हुए उन्होंने कहा, “युवा पीढ़ी में जब संस्कार और सृजनशीलता मिलती है, तो समाज का उज्जवल भविष्य तय होता है।”
💪 गौ-शाला के अखाड़े का निरीक्षण और पहलवानों से संवाद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-शाला परिसर में बने अखाड़े का अवलोकन किया, जहां उन्होंने पहलवानों की कुश्ती देखी और उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि “कुश्ती हमारे परंपरागत खेलों की आत्मा है। अखाड़ों से ही बलराम और कृष्ण जैसे वीर पैदा होते हैं।”
उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के साथ अब इस अखाड़े में मेट आधारित कुश्ती की सुविधा भी जोड़ी जाएगी, ताकि स्थानीय पहलवानों को बेहतर प्रशिक्षण मिल सके।
🏛️ जनप्रतिनिधियों से अपील : गौ-सेवा में दें योगदान
नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि गौ-शालाओं के विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को भी आर्थिक सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि “गौ-माता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए गौ-सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लोग अपने बच्चों के जन्मदिन पर केक काटने की बजाय गौ-शालाओं में सेवा कार्य करें।
💧 गौ-सेवा राशि में हुई बढ़ोतरी
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि पहले जहां प्रति गाय के पालन-पोषण के लिए सरकार द्वारा एक निश्चित राशि दी जाती थी, अब मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे दोगुना कर दिया है। इससे गौ-पालन और संवर्धन दोनों को नया बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि “रेशम केन्द्र गौ-शाला” को एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां गोबर, गोमूत्र और दूध से जुड़े स्वदेशी उत्पादों का निर्माण होगा।
🩺 2300 से अधिक गायों की सेवा : हॉस्पिटल में आईसीयू सुविधा
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि पहले इस गौ-शाला में 630 गायें थीं, जो अब बढ़कर 2300 से अधिक हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी से ही इस सेवा कार्य को निरंतर गति मिल रही है।
नगर निगम ने यहां एक नवीन पशु चिकित्सालय भी बनाया है, जिसमें बीमार गायों के उपचार के लिए आईसीयू सेंटर की व्यवस्था की गई है।
🧘 गौ-माता हमारी संस्कृति का प्रतीक : स्वामी अच्युतानंद जी महाराज
स्वामी अच्युतानंद जी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में गौ-सेवा को नई ऊंचाइयां मिल रही हैं। उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर की गौ-शालाओं में भी अब जनभागीदारी से हजारों गायों का पालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इंदौर की रेशम केन्द्र गौ-शाला में बाहरी राज्यों से आई गायों का भी बेहतर पोषण किया जा रहा है और यहां 100 से 150 लीटर तक दूध का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है।
🪔 गोबर से बने स्वदेशी दीयों की सराहना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर गोबर से निर्मित स्वदेशी दीयों के प्रकल्प का अवलोकन किया। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक अभिनव कदम है।
दीपावली पर इंदौरवासियों द्वारा इन स्वदेशी दीयों को बड़े पैमाने पर अपनाया गया। लगभग दो लाख दीयों का विक्रय हुआ, जिससे स्थानीय महिलाओं और श्रमिकों को आर्थिक सशक्तिकरण मिला।
🙏 कार्यक्रम में मौजूद रहे अनेक जनप्रतिनिधि
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, विधायक मधु वर्मा, रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, जिला पंचायत अध्यक्ष रीना सतीश मालवीय, चिंटू वर्मा, श्रवण चावड़ा, सुमित मिश्र सहित अनेक जनप्रतिनिधि और समाजसेवी उपस्थित रहे।
🌿 गौ-सेवा और प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भर बनेगा प्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल से यह स्पष्ट संदेश गया है कि गौ-संवर्धन, पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक खेती को जोड़कर मध्यप्रदेश एक नए आत्मनिर्भर मॉडल की ओर बढ़ रहा है।
गौ-शालाओं को गौ-मंदिर का स्वरूप देने की यह सोच न केवल धार्मिक भावना का सम्मान है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सतत विकास की दिशा में भी सार्थक कदम है।
🖋️ Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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