🌾 मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए की बड़ी घोषणा — सोलर पंप पर अब मिलेगी 90% सब्सिडी, किसानों की आय बढ़ाने का नया संकल्प
मुख्यमंत्री निवास भोपाल में आयोजित किसान आभार सम्मेलन में बड़ी सौगात
किसानों को भावांतर योजना और सोलर पंप सब्सिडी का दोहरा लाभ मिलेगा
भोपाल — मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित किसान आभार सम्मेलन में किसानों के हित में कई ऐतिहासिक घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने, सिंचाई की सुविधा सुलभ कराने और बिजली पर निर्भरता कम करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने सोलर पंप स्थापना पर अब किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की है।
यह घोषणा किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि पहले केवल 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा —
“किसानों को अब उनकी जरूरत और खेत की क्षमता के अनुसार एक स्टेप अधिक पॉवर क्षमता वाला सोलर पंप मिलेगा —
3 HP पंप वाले किसानों को 5 HP का सोलर पंप और 5 HP वालों को 7.5 HP का सोलर पंप प्रदान किया जाएगा।”
🌞 किसान बनेंगे ‘ऊर्जादाता’ — आत्मनिर्भर खेती की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अन्नदाता अब ऊर्जादाता बन रहे हैं।
सोलर पंप लगाने से किसानों को न केवल बिजली के अस्थाई कनेक्शन से मुक्ति मिलेगी, बल्कि वे अतिरिक्त बिजली बेचकर आय भी अर्जित कर सकेंगे।
सरकार प्रदेश में 32 लाख सोलर पंप वितरित करने की दिशा में कार्य कर रही है, जिससे 52 लाख हेक्टेयर रकबा सिंचित किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा —
“सूखे खेत को अगर पानी दे दिया जाए, तो फसल सोना हो जाती है।
हमारा लक्ष्य प्रदेश के हर खेत तक पानी पहुंचाने का है।
राज्य सरकार सिंचाई के रकबे को 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का संकल्प ले चुकी है।”
💧 नदी जोड़ो परियोजनाओं से हर खेत तक पहुंचेगा पानी
मुख्यमंत्री ने किसानों को जल संरक्षण और सिंचाई विस्तार की दिशा में चल रही तीन प्रमुख नदी जोड़ो परियोजनाओं की जानकारी दी —
-
पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना (राजस्थान के साथ)
-
केन-बेतवा परियोजना (उत्तरप्रदेश के साथ)
-
ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना (महाराष्ट्र के साथ)
इन परियोजनाओं के माध्यम से बुंदेलखंड, चंबल और अन्य अंचलों में स्थायी सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि —
“जल अमृततुल्य है। नदियों का मायका मध्यप्रदेश है और मां नर्मदा किसानों के लिए वरदान है।”
💰 सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना — 15 दिनों में मिलेगा भुगतान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर योजना किसानों के लिए सरकार की एक बड़ी पहल है, जो उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा देती है।
इस योजना के तहत सोयाबीन उत्पादक किसान अब 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपनी उपज कृषि उपज मंडियों में बेच सकेंगे।
बेची गई उपज का अंतर (शासकीय समर्थन मूल्य ₹5328 प्रति क्विंटल और बाजार मूल्य के बीच का अंतर)
सिर्फ 15 दिनों में सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“भावांतर योजना केवल एक योजना नहीं है, यह सरकार और किसानों के बीच विश्वास का रिश्ता है।
हमारा संकल्प है कि किसान का पसीना सूखने से पहले उसका हक उसके हाथ में पहुंचे।”
🌾 किसान आभार सम्मेलन — हजारों किसानों की उपस्थिति में गूंजा ‘जय किसान’
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस किसान आभार सम्मेलन में भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के 3 हजार से अधिक किसान शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने भगवान हलधर बलराम और भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत की।
सम्मेलन में किसानों ने पारंपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों को ₹5,000 का सम्मान राशि देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा —
“यह मुख्यमंत्री निवास नहीं, किसानों का अपना घर है।
जब चाहें, यहां आएं — यह सरकार किसानों की सरकार है।”
🚜 कृषि विकास और उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश अब ‘फूड बास्केट ऑफ इंडिया’ के रूप में जाना जा रहा है।
उन्होंने बताया कि —
-
प्रदेश की GDP में कृषि का योगदान 39 प्रतिशत से अधिक है।
-
संतरा, लहसुन, मसाले और धनिया उत्पादन में मध्यप्रदेश नंबर वन है।
-
मटर, प्याज, अमरूद और मिर्च उत्पादन में देश में दूसरा स्थान है।
-
फूल, औषधीय और सुगंधित पौधों के उत्पादन में प्रदेश तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि —
“किसानों की मेहनत से ही मध्यप्रदेश आज सोयाबीन स्टेट, मिलेट्स स्टेट, मसाला स्टेट और संतरा स्टेट कहलाता है।”
🌱 किसानों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर जोर
मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें और आधुनिक तकनीक से खेती करें।
उन्होंने कहा —
“किसानों की खुशहाली ही हमारे विकास का आधार है।
जब अन्नदाता खुश होता है, तो पूरी कायनात में खुशी छा जाती है।”
राज्य सरकार अब किसानों के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स,
गोवर्धन पूजा का शासकीय आयोजन,
और गौशालाओं के अनुदान में बढ़ोतरी (₹40 प्रति गाय) जैसी योजनाओं पर तेजी से कार्य कर रही है।
📈 भावांतर योजना से जुड़े तथ्य
-
17 अक्टूबर 2025: किसानों का ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन पूरा
-
24 अक्टूबर 2025 – 15 जनवरी 2026: फसल विक्रय अवधि
-
15 दिनों के भीतर: भावांतर की राशि किसानों के खातों में जमा
-
लाभार्थी: सोयाबीन उत्पादक किसान
-
समर्थन मूल्य: ₹5328 प्रति क्विंटल
🏆 कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति
कार्यक्रम में किसान कल्याण मंत्री एदल सिंह कंषाना,
विधायक एवं प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल,
राज्यसभा सदस्य माया नारोलिया,
राज्यमंत्री कृष्णा गौर,
और सांसद दर्शन सिंह चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में किसान मोर्चा, किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने
मुख्यमंत्री को पगड़ी पहनाकर, हल और गदा भेंट कर अभिनंदन किया।
मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम किसानों के लिए एक नई आशा और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा बदलाव साबित होगा।
सोलर पंप सब्सिडी और भावांतर योजना जैसी पहलें न केवल आर्थिक मजबूती देंगी,
बल्कि किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर “अन्नदाता से ऊर्जादाता” बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
✍️ Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
📧 PUBLIC SAB JANTI HAI — Email: publicnewsviews1@gmail.com
#किसान_सम्मेलन #मुख्यमंत्री_घोषणा #सोलर_पंप_सब्सिडी #भावांतर_योजना #किसान_कल्याण
#FarmerSubsidy #SolarPumpScheme #CMAnnouncements #BhavantarYojana #MadhyaPradeshFarmers


कोई टिप्पणी नहीं